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Venus और Pluto की जमीन कैसी होगी! रिसर्च से आया सामने

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क्या आपने कभी सोचा है, चांद या मंगल की जमीन पर खड़े होकर कैसा लगता होगा? 65 साल पहले जब Sputnik 1 को लॉन्च किया गया तो,  उसके बाद स्पेस को एक्सप्लोर करने की रुचि तेजी से बढ़ी और इसने कई खोजों को जन्म दिया।  लेकिन हम केवल ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सौर मंडल के दूसरे ग्रहों की जमीन कैसी है, अगर वहां जाया जा सके तो कैसा महसूस हो सकता है। Nature Astronomy में हमारी एक नई स्टडी प्रकाशित हुई है। यह बताती है कि दूसरे ग्रहों की जमीन पर मौजूद रेत के टीलों से पता लगाया जा सकता है कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे ग्रह की सतह पर खड़ा हो तो कैसा महूसस कर सकता है, या वहां मौसम के कैसे हालात हो सकते हैं। रेत का कण क्या होता है? अंग्रेजी के कवि विलियम ब्लेक ने हैरानी जताई कि दुनिया का रेत के कण में समा जाना क्या बताता है। अपनी रिसर्च में हमने इसी सिद्धांत को गहराई से लिया है। मकसद था ये समझना कि रेत के टीले होने पर किसी दूसरे ग्रह की जमीन पर कैसी परिस्थिति पैदा हो सकती है।  दूसरे ग्रहों पर रेत के टीले होने के लिए कुछ चीजों का होना बहुत जरूरी है। सबसे पहले तो वहां कणों की मौजूदगी जरूरी है जो समय के सा...

16 मई : सिक्किम राज्य स्थापना दिवस, जानिए कैसे सिक्किम बना भारत का हिस्सा

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First Published: May 16, 2022 | Last Updated:May 16, 2022 सिक्किम 16 मई, 1975 को भारत संघ में शामिल हुआ था। तब से, हर साल 16 मई को सिक्किम राज्य का स्थापना दिवस (Sikkim Statehood Day) मनाया जाता है। इतिहास 1950 में, भारत-सिक्किमीज़ संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके साथ, सिक्किम भारत का संरक्षित राज्य (protectorate) बन गया। सिक्किम पर 1975 तक नामग्याल वंश (Namgyal Dynasty) का शासन था। सिक्किम (Sikkim) सिक्किम 100% जैविक बनने वाला देश का पहला राज्य है। आज सिक्किम में सभी कृषि गतिविधियाँ कीटनाशकों और सिंथेटिक उर्वरकों के उपयोग के बिना की जाती हैं। कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kanchenjunga National Park) एक विश्व धरोहर स्थल है जो सिक्किम में स्थित है। तीस्ता नदी (River Teesta) इस राज्य में बहने वाली प्रमुख नदी है। तीस्ता की सहायक नदियाँ ल्होनक (Lhonak), लाचुंग (Lachung) और तालुंग (Talung) हैं। तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है। राज्य का दर्जा 1975 में सिक्किम के प्रधानमंत्री ने भारत से सिक्किम को भारत संघ में शामिल करने की अपील की। इसके बाद, भ...

देखें कैसे '10' नंबर की शेप में दिखाई दे रही हैं 2 गैलेक्सी, NASA के टेलीस्कोप ने किया कैप्चर

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अपनी 30 से अधिक वर्षों की सर्विस में, NASA के हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) ने पेचीदा ब्रह्मांडीय घटनाओं (कॉस्मिक इवेंट्स) के 13 लाख से अधिक अवलोकन किए हैं। इसने एक बार अपने प्राइम वर्किंग कैमरा - वाइड फील्ड प्लैनेटरी कैमरा 2 (WFPC2) का इस्तेमाल करते हुए, Arp 147 नाम के एक गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक-दूसरे से आकर्षित हो रही दो आकाशगंगाओं को कैप्चर किया था। अब, NASA ने तस्वीर को फिर से इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है। तस्वीर दो आकाशगंगाओं को इस तरह से कैप्चर करती है कि वे संख्या '10' की शेप में दिखाई देती हैं। इसमें बाईं ओर की गैलेक्सी "1" की शेप बनाती है, जो स्टारलाइट की एक रिंग की तरह दिखाई देती है। वहीं, दाईं ओर वाली गैलेक्सी "0" की तरह दिखाई देती है। नासा के हबल स्पेस टेलीस्कॉप ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर को कैप्शन देते हुए लिखा (अनुवादित), "ARP 147 में आपका स्वागत है, एक इंटरैक्टिंग गैलेक्सी जोड़ी! इस हबल क्लासिक तस्वीर में सबसे बाईं ओर की आकाशगंगा हमारी दृष्टि रेखा के लगभग किनारे पर दिखाई देती है और इसमें स्टारलाइट की एक रिंग है। दायीं ...

वैज्ञानिकों को मिला डायनासोर का पैर, एस्ट्रॉयड ने कैसा किया तबाह, अब चलेगा पता!

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लाखों-करोड़ों साल पहले पृथ्‍वी पर डायनासोर रहते थे। माना जाता है कि एक विनाशकारी एस्ट्रॉयड (asteroid) के पृथ्‍वी से टकराने पर जो त्रासदी आई, उसने डायनासोर के वजूद को खत्‍म कर दिया। अब वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। उन्‍हें डायनासोर का पैर मिला है। हैरानी इस बात की है कि यह अभी भी काफी हद तक संरक्षित है। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह विनाशकारी एस्ट्रॉयड इवेंट से जुड़ा पहला जीवाश्म है। अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में तानिस फॉसिल साइट (Tanis fossil site) पर इस जीवाश्‍म को खोजा गया है। पैर की त्‍वचा अभी भी उससे जुड़ी हुई है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह जीवाश्‍म 66 मिलियन साल पहले डायनासोरों के साथ घटी असल घटना पर रोशनी डाल सकता है। पता चल सकता है कि जब एक विशाल एस्ट्रॉयड पृथ्वी से टकराया था और उसने डायनासोर का सफाया कर दिया था, तब वाकई में हुआ क्‍या था।  पुरातत्वविद, एस्ट्रॉयड के असर से पहले के कुछ वर्षों के सबूत तलाशने में सफल रहे हैं। हालांकि उनका यह मानना है जिस दिन एस्ट्रॉयड पृथ्‍वी से टकराया था, उसी दिन डायनासोर मारे गए थे। ताजा खोज उन्‍हें इस बारे में और जानकारी उपलब्‍ध...

रूस-यूक्रेन युद्ध सेमीकंडक्टर आपूर्ति को कैसे प्रभावित कर रहा है?

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First Published: March 16, 2022 | Last Updated:March 16, 2022 वैश्विक सेमीकंडक्टर चिप आपूर्ति श्रृंखला जो पहले COVID-19 महामारी की चपेट में थी, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण फिर से संकट का सामना कर सकती है। रूस और यूक्रेन दोनों वैश्विक अर्धचालक आपूर्ति श्रृंखला में योगदान करते हैं। यूक्रेन का योगदान यूक्रेन नियॉन गैस के दुनिया के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, जिसका उपयोग चिप निर्माण प्रक्रिया में किया जाता है। इस प्रकार, सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए नियॉन गैस का उपयोग महत्वपूर्ण है। 1991 में USSR के विघटन के बाद, यूक्रेन में नियॉन गैस का उत्पादन बढ़ा है। नियॉन गैस इस्पात उत्पादन का उपोत्पाद (byproduct) है। यह स्टील के निर्माण के दौरान निकलने वाली गैसों के निस्पंदन द्वारा निर्मित होता है। रूस का योगदान रूस पैलेडियम (Palladium) का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है और रूस पर मौजूदा प्रतिबंध और निर्यात नियंत्रण पैलेडियम की वैश्विक आपूर्ति को प्रभावित करेगा। पैलेडियम अपनी चालकता और गैर-संक्षारक क्षमता के लिए जाना जाता है और इस प्रकार सेमीकंडक्टर उद्योग...

भारत सरकार लांच करेगी ई-पासपोर्ट (e–Passport), जानिए यह क्या है और कैसे काम करता है?

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First Published: February 3, 2022 | Last Updated:February 3, 2022 भारत सरकार2022-23 तक ई-पासपोर्ट लॉन्च करेगी। यह नागरिकों की सुविधा को बढ़ाने में मदद करेगा। इसकी घोषणा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुति के दौरान की। ई-पासपोर्ट कैसे काम करता है? ई-पासपोर्ट में एक छोटी सिलिकॉन चिप होती है। यह पासपोर्ट के जैकेट के भीतर एम्बेडेड होती है। इस चिप की मेमोरी 64 KB होती है। यह चिप धारक की व्यक्तिगत जानकारी रखती है। इसमें उनके हस्ताक्षर भी शामिल हैं। यह चिप 30 विज़िट स्टोर कर सकती है। बाद के चरणों में, पासपोर्ट में धारक की फोटो और उसका बायोमेट्रिक डेटा होगा। इन पासपोर्ट में आगे और पीछे का कवर मोटा होता है। ई-पासपोर्ट में पारंपरिक पासपोर्ट की तरह ही जानकारी होनी चाहिए। अन्य देशों में ई- पासपोर्ट वर्तमान में 120 देशों में ई-पासपोर्ट का उपयोग किया जाता है। इसमें जर्मनी, अमेरिका, यूके शामिल हैं। इन तीनों देशों में बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट सिस्टम हैं। यानी सिर्फ फिंगर प्रिंट या रेटिनल आइडेंटिफिकेशन के जरिए व्यक्ति के पासपोर्ट की पुष्टि की जाती है। ...

When, How to Watch, Visibility, वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहणः कब, कैसे देखें, विजिबिलिटी

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प्रमुख खगोलीय घटनाओं में शामिल सूर्य ग्रहण इस वर्ष अंतिम बार 4 दिसंबर को होगा। दक्षिणी गोलार्द्ध में लोग पूर्ण या आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। चंद्रमा के सूर्य और धरती के बीच एक सीधी रेखा में स्थान लेने पर सूर्य ग्रहण होता है। इससे चंद्रमा की छाया धरती पर पूरी तरह या आंशिक तौर पर सर्य की रोशनी को रोक देती है। चंद्रमा की छाया के मध्य में रहने वाले लोग आसमान के गहरे रंग का होने पर पूर्ण ग्रहण देखते हैं। धरती पर पूर्ण सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को सिर्फ Antarctica में दिखेगा। इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत से नहीं दिखेगा। सेंट हेलेना, नामीबिया, लेसोथो, दक्षिण अफ्रीका, साउथ जॉर्जिया एंड सैंडविच आइलैंड्स, क्रोजेट आइलैंड्स, फॉकलैंड आइलैंड्स, चिली, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लोग आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। ग्रहण का एरिया बड़ा होने के कारण अलग-अलग रीजन में यह सूर्योदय या सूर्यास्त से पहले, दौरान या बाद में होगा। इसका मतलब है कि सूर्योदय या सूर्यास्त के दौरान ग्रहण देखने के लिए लोगों को क्षितिज स्पष्ट तौर पर नजर आना जरूरी होगा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने Union Glacier, Antarctica से स...