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छोटी आकाशगंगाओं को ‘निगल’ कर बड़ी हो रही यह गैलेक्‍सी! हबल टेलीस्‍कोप ने खींची तस्‍वीर

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पिछले 30 साल से अंतरिक्ष में तैनात हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप (Hubble Space Telescope) हमें इस ब्रह्मांड की बारीकियों से रू-ब-रू करवा रहा है। कोई सप्‍ताह ऐसा नहीं होता, जब हमें इस टेलीस्‍कोप के द्वारा खींची गई इमेज देखने को ना मिले। अब इसने एक विशाल आकाशगंगा के शानदार नजारे को कैद किया है। यह हमारी आकाशगंगा- ‘मिल्‍की वे' से भी दोगुनी बड़ी है। यह एक अंडाकार आकाशगंगा है, जिसे NGC 474 के नाम से जाना जाता है, जो पृथ्वी से लगभग 100 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। हबल टेलीस्‍कोप ने इस आकाशगंगा के सेंट्रल रीजन को नजदीक से कैप्‍चर किया, जिससे इसके आकार का पता चलता है। हालांकि इसकी एक और खूबी है।  अपने सर्वे के दौरान हबल टेलीस्‍कोप के एडवांस्‍ड कैमरों ने NGC 474 की नई इमेज को कैप्‍चर किया। इसके लिए टेलीस्‍कोप के वाइड फील्ड और प्लैनेटरी कैमरा 2 और वाइड फील्ड कैमरा 3 के डेटा का भी इस्‍तेमाल किया गया।  नासा के अनुसार, NGC 474, हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की वे से 2.5 गुना बड़ी है। लेकिन इसका बड़ा आकार ही इस आकाशगंगा की इकलौती खूबी नहीं है। हबल टेलीस्‍कोप के हालिया ऑब्‍जर्वेशंस से पता चलता ह...

कभी देखा है सूर्य को इतने करीब से? बुध ग्रह की कक्षा में जाकर 500 डिग्री तापमान में खींची गईं तस्‍वीरें

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यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने साल 2020 में अपना सोलर ऑर्बिटर अंतरिक्ष में भेजा था। हाल ही में इसने सूर्य के रिकॉर्ड करीब पहुंचकर हैरान करने वाली तस्‍वीरें खींची हैं। रिपोर्टों के अनुसार, 26 मार्च को ESA का सोलर ऑर्बिटर सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह बुध (Mercury) की कक्षा में पहुंचा। इस तरह की पहुंच को पेरिहेलियन (perihelion) के रूप में जाना जाता है, जिसमें कोई ग्रह सूर्य के सबसे करीब होता है। हालांकि अंतरिक्ष यान को पेरिहेलियन तक पहुंचने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इनमें सबसे बड़ी चुनौती भीषण गर्मी की थी। सोलर ऑर्बिटर जब सूर्य के रिकॉर्ड करीब पहुंचा तो उसे 500 डिग्री सेल्सियस तक तापमान का सामना करना पड़ा। इस दौरान हीट शील्ड ने उसे बचाकर रखा।  उम्मीद है कि फ्यूचर में सोलर ऑर्बिटर सूर्य के और करीब जाएगा और उसे ज्‍यादा तापमान का सामना करना पड़ेगा। इस कोशिश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हमें सूर्य का वह रूप देखने को मिला है, जो आज से पहले कभी नहीं देखा गया। सूर्य के रिकॉर्ड करीब पहुंचकर ESA के ऑर्बिटर ने पावरफुल फ्लेयर्स, सौर ध्रुवों के शानदार दृश्य और एक रहस्यमयी सौर 'हे...

बृहस्‍पति का चंद्रमा अपने महासागर के लिए खींच रहा ऑक्‍सीजन! क्‍या संभव होगा जीवन?

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बृहस्पति का चंद्रमा यूरोपा (Europa) उन खगोलीय पिंडों में से एक है, जिसकी गहराई से जांच की जा रही है। इस जांच का मकसद यह जानना है कि इस खगोलीय पिंड पर जीवन संभव हो सकता है या नहीं। यूरोपा, पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा छोटा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी जमी हुई सतह के नीचे एक महासागर छिपा है। अब तक मिले सबूत बताते हैं कि यह खगोलीय पिंड गर्म, नमकीन और जीवन को सक्षम बनाने वाले तत्‍वों से समृद्ध हो सकता है। यह पहले ही पता चल चुका है कि यूरोपा, ऑ‍क्‍सीजन पैदा करता है, हालांकि समस्‍या यह है कि इसकी सतह पर बर्फ की मोटी चादर ऑक्‍सीजन को यूरोपा के समुद्र तक पहुंचने से रोकती है।  हालांकि एक नई रिसर्च में यह कहा गया है कि यूरोपा के समुद्र तक ऑक्‍सीजन पहुंच रही है। इसका तरीका थोड़ा अलग है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह ऑक्‍सीजन को उसकी बर्फीली सतह के नीचे खींच रहा है। रिसर्चर्स के मुताबिक यूरोपा के बर्फीले शेल में खारे पानी के पूल, इसकी सतह से ऑक्‍सीजन को समुद्र तक ले जा सकते हैं।  यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रोफेसर मार्क हेसे की स्‍टडी से यह भी पता चलता है कि यूरोपा के महासागरों में ऑक्सीजन ...

NASA के Juno स्पेसक्राफ्ट ने खींची Jupiter ग्रह के दो चंद्रमाओं की अदभुत तस्वीर, आप भी देखें

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NASA के जूनो मिशन (Juno Mission) ने हाल ही में 39वीं बार बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के बेहद नजदीकी चक्कर लगाया और ग्रह के दक्षिणी गोलार्ध की एक अदभुत तस्वीर ली। हालांकि, तस्वीर को करीब से देखने पर पास के दो और पिंड भी दिखाई देते हैं, जो बृहस्पति के चंद्रमा Io और Europa हैं। जूनो इस साल जनवरी के मध्य में ग्रह के करीब से गुजरा था, लेकिन नासा ने पिछले हफ्ते इस तस्वीर को शेयर किया। जिस समय यह तस्वीर ली गई थी, उस समय जूनो अंतरिक्ष यान बृहस्पति के बादलों के टॉप से लगभग 61,000 किलोमीटर दूर, और लगभग 52 डिग्री दक्षिण के अक्षांश पर था। इसने रॉ डेटा को जमीनी कंट्रोल सेंटर में भेजा और नागरिक वैज्ञानिक एंड्रिया लक (Andrea Luck) ने उस डेटा का इस्तेमाल करके तस्वीर बनाई। सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति में 53 नामित चंद्रमा हैं और अन्य 26 को अभी तक आधिकारिक नाम नहीं मिले हैं। पथरीला चंद्रमा lo सौर मंडल में ज्वालामुखीय है, लेकिन यूरोपा की बर्फीली सतह के नीचे तरल पानी का एक महासागर छिपा है। जूनो इस साल सितंबर में यूरोपा को करीब से और अधिक विस्तृत रूप से देखेगा, जब यह दशकों बाद इसके सबसे पास से गुजरे...

जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप के 18 मिरर्स ने खींची एक ही तारे की फोटो, जानिए क्‍या दिखा

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पिछले साल दिसंबर में अंतरिक्ष में भेजा गया दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप ‘जेम्‍स बेव स्‍पेस टेलीस्‍कोप' (James Webb Space Telescope) वहां खुद को सेटअप कर रहा है। इस टेलीस्कोप की ऑब्‍जर्वेट्री के 18-सेगमेंट वाले प्राइमरी मिरर्स (दर्पणों) को एक सीध (aligning) में करने की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा होने वाला है। यह प्रक्रिया कई महीनों से चल रही है, जिसे ‘सेगमेंट इमेज आइडेंटिफिकेशन' के रूप में जाना जाता है। बहरहाल, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अपने 18 प्राइमरी मिरर्स सेगमेंट्स के साथ हेक्सागोनल फॉर्मेशन में एक ही तारे की 18 अनफोकस्‍ड इमेज रिकॉर्ड की हैं। यह विजुअल्‍स पर ज्‍यादा फोकस करने में मदद करेगा। सभी 18 प्राइमरी मिरर्स सेगमेंट्स ने डॉट्स के रूप में तारे की तस्‍वीर खींची। आखिर में इसे एक सिंगल, शार्प और फोकस्‍ड इमेज में तैयार किया जाएगा।  फ‍िलहाल इसके हेक्सागोनल पैटर्न को सामने लाया गया है। NASA Webb Telescope के ऑफ‍िशियल ट्विटर हैंडल से इस बारे में जानकारी दी गई है। पिछले हफ्ते यह कन्‍फर्म हुआ था कि टेलीस्‍कोप के सभी 18 मिरर सेगमेंट स्‍टारलाइट को देख सकते हैं। अब एक अपड...

धरती से 681 मिलियन लाइट ईयर्स दूर हो रहे अद्भुत नजारे की हबल टेलीस्कोप ने खींची तस्वीर

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हबल (Hubble) स्पेस टेलीस्कोप पिछले तीन दशकों से अधिक समय से ब्रह्मांड की रहस्‍यमयी घटनाओं को देख रहा है। यह नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का जॉइंट प्रोजेक्‍ट है। हाल ही में इसने पृथ्वी से लगभग 681 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर कैन्‍सर तारामंडल (Cancer constellation) में तीन आकाशगंगाओं के विलय की आश्चर्यजनक तस्‍वीर को कैप्‍चर किया है। धूल के घने बादलों की वजह से यह तस्‍वीर उतनी साफ दिखाई नहीं देती, लेकिन आकाशगंगा की रोशनी इसके बाहरी छोरों को चीरती हुई नजर आती है।  अपने इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट में ESA ने बताया कि इस इमेज में आकाशगंगा ‘IC 2431' का विलय दिखाई दे रहा है। IC 2431 तीन आकाशगंगाएं हैं। इन्‍हें LEDA 25476, Mrk 1224 या UGC 4756 के रूप में भी जाना जाता है। IC 2431 की खोज 24 फरवरी 1896 को फ्रांसीसी खगोलशास्त्री स्टीफन जेवेल ने की थी।ESA के मुताबिक, यह इमेज ‘गैलेक्‍सी जू सिटिजन साइंस इनिशिएटिव' का हिस्‍सा है।    गैलेक्‍सी जू प्रोजेक्‍ट के तहत 10 लाख आकाशगंगाओं को क्‍लासिफाई करने में खगोलशास्त्रियों की मदद चाहिए। जो लोग इसमें भाग लेते हैं, वो सीधे साइंटिफ‍िक रिसर्च म...

चलते हुए जहाज जैसी गैलेक्सी! हबल टेलीस्कोप ने खींची शानदार तस्‍वीर

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हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) ने हमारे ब्रह्मांड की अनेकों बेहतरीन इमेजेस खींची हैं। हाल ही में इस टेलीस्‍कोप ने एक और आश्चर्यजनक और खूबसूरत इमेज शेयर की है। इस बार टेलीस्‍कोप ने NGC 3318 गैलेक्‍सी (आकाशंगगा) को कैप्‍चर किया है। इस तस्‍वीर को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने अपने ऑफ‍िशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किया। NGC 3318 के बाहरी किनारे ऐसे लगते हैं, जैसे आकाश में कोई जहाज चल रहा हो। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि NGC 3318 एक बेहतरीन ‘खगोलीय घटना' की जगह रहा है। इस विशाल सुपरनोवा की खोज एक शौकिया खगोलशास्त्री ने साल 2000 में की थी।  NGC 3318 और पृथ्वी के बीच की दूरी 115 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। फोटो शेयर किए जाने के कुछ ही घंटों के अंदर इस इंस्टाग्राम पोस्ट को 7,000 से अधिक लोगों ने लाइक किया। कुछ दिनों पहले नासा ने भी यही तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कुछ सप्‍ताह पहले टकराती हुई आकाशगंगाओं की की एक इमेज भी शेयर की थी। इसे हबल टेलीस्कोप ने खींचा था। ये आकाशगंगाएं पृथ्वी से 215 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक तारामंडल में स्थित थी...

मंगल ग्रह के ऊपर से खींचीं सेल्‍फी, चीन के मार्स ऑर्बिटर ने किया कमाल

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चीन के पहले इंडिपेंडेंट इंटरप्लेनेटरी मिशन ‘तियानवेन -1' (Tianwen-1) ने नए साल का पहला सरप्राइज दिया है। इस आर्बिटर ने मंगल ग्रह के नॉर्थ पोल के उपर से बेहतरीन सेल्‍फी ली हैं। इन इमेज में मिशन से जुड़े सोलर एंटीना के अलावा आर्बिटर के एक हिस्‍से का क्‍लोजअप शॉट नजर आता है। इसने मंगल ग्रह की उत्तरी आइस कैप को भी दिखाया है। इन बेहतरीन तस्‍वीरों को क्लिक करने के लिए तियानवेन -1 ने एक छोटे कैमरा को मंगल ग्रह के उपर हवा में उड़ाया। कैमरे ने Wi-Fi के जरिए फोटोज को ऑर्बिटर में भेजा और इस तरह ये इमेज हासिल हुईं। तियानवेन-1 ने मई 2021 में उसके जूरोंग रोवर (Zhurong rover) को मंगल ग्रह पर उतारने में मदद की थी।  इन तस्‍वीरों में मंगल की परिक्रमा करने वाला स्‍पेसक्राफ्ट भी दिखाई देता है। वे ऑर्बिटर की गोल्‍डन बॉडी को दिखाते हैं। तस्‍वीरों में इसके सिल्वर हाई-गेन एंटीना भी दिखाई देते हैं, जो कम्‍युनिकेशन के लिए इस्‍तेमाल किए जाते हैं। सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों ने सभी को अपनी ओर खींचा है, इनमें मंगल ग्रह पर अपने मिशन भेज रहीं अंतरिक्ष एजेंसियां और रिसर्च में जुटे लोग भी शामिल हैं।    तियानवे...