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2022 में 263 मिलियन लोग गरीबी में चले जाएंगे : Oxfam रिपोर्ट

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First Published: April 16, 2022 | Last Updated:April 16, 2022 ऑक्सफैम की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में सवा अरब से ज्यादा लोग गरीबी में चले जाएंगे। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दुनिया भर में वित्तीय संकट रूस-यूक्रेन संकट और COVID-19 से संबंधित आर्थिक संकट के कारण कीमतों में वृद्धि से प्रेरित होगा। मुख्य बिंदु  COVID-19 के साथ रूस-यूक्रेन संकट दुनिया भर में अमीर और गरीब के बीच की खाई को और चौड़ा कर रहा है। महामारी की शुरुआत के बाद से, दुनिया भर में लगभग 3.3 बिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं, जबकि हर 26 घंटे में एक नया व्यक्ति अरबपति बन रहा है। ऑक्सफैम रिपोर्ट के अनुमान विश्व बैंक के अनुमानों के साथ-साथ विश्व बैंक और सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा किए गए पहले के शोध पर आधारित हैं। यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वसंत बैठकों से पहले जारी की गई है। रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं 2022 में COVID-19, खाद्य कीमतों में वृद्धि, और असमानता 263 मिलियन अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल सकती है। इसका परिणाम यह होगा कि दुन...

सूर्य से निकल रहीं रहस्‍यमयी तरंगें, क्‍या चल रहा है इस विशाल तारे के अंदर?

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सूर्य में होने वाली हलचलों पर नजर रखने वाले रिसर्चर्स ने रहस्‍यमयी वेव्‍स (तरंगों) के ग्रुप का पता लगाया है। ये तरंगें सूर्य से निकलती हैं और पहले लगाए गए अनुमान से भी तीन गुना तेज यात्रा करती हैं। रिसर्चर्स को लगता है कि ये तरंगें उन्हें सूर्य के अंदरूनी हिस्सों को समझने में मदद कर सकती हैं। करीब 25 साल के डेटा को स्‍टडी करने के बाद इन तरंगों की खोज हुई है। ये हाई-फ्रीक्‍वेंसी रेट्रोगेट (HFR) तरंगें है, जो सौर सतह पर भंवरों के रूप में दिखाई देती हैं और सूर्य के रोटेशन की उल्‍टी दिशा में चलती हैं। इस रिसर्च को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) ने मिलकर किया है। रिसर्च का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि ये तरंगें मौजूदा थ्‍योरी से भी तीन गुना ज्‍यादा तेज रफ्तार से आगे बढ़ती हैं। सूर्य के आंतरिक क्षेत्रों में क्‍या हो रहा है, इसके लिए भी इन तरंगों की स्‍टडी जरूरी है। तारों को अबतक जितना समझा गया है, उसमें HFR तरंगें नई पहले साबित हो सकती हैं। फ‍िलहाल तो रिसर्चर्स यह समझना चाह रहे हैं कि आखिर क्‍यों ये तरंगें इतनी तेज गत‍ि से चलती हैं।  ने...

रिसर्च में चला पता, शनि ग्रह के कई ऑरोरा को बनाती हैं इसकी हवाएं

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ऑरोरा (aurora) आकाश में बनने वाली खूबसूरत प्राकृतिक रोशनी है। यह रात के वक्‍त आमतौर पर नॉर्थ और साउथ पोल्‍स के पास देखने को मिलती है। लंबे समय से वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि ऑरोरा तब बनते हैं, जब सौर हवाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से इंटरेक्‍ट करती हैं। ऐसा दूसरे ग्रहों पर भी होता है, लेकिन लीसेस्टर यूनिवर्सिटी (University of Leicester) के वैज्ञानिकों का दावा है कि सभी अरोरा इस घटना से नहीं बने हैं। वैज्ञानिकों को शनि ग्रह (Saturn) के नॉर्थ पोल पर ग्रहीय अरोरा बनाने वाला मैकेनिज्‍म मिला है। इसे पहले कभी देखा नहीं गया है।  तो क्‍या है वह मैकेनिज्‍म? वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि ग्रह के कुछ ऑरोरा इस ग्रह के अपने वातावरण के अंदर घूमने वाली हवाओं से पैदा होते हैं। इस खोज ने ग्रहों के ऑरोरा को लेकर बनाए गई समझ को बदल दिया है। यह शनि के बारे में एक रहस्य को भी सुलझाता है कि हम ग्रह पर दिन की लंबाई क्‍यों नहीं माप सकते?  नासा (NASA) ने साल 1997 में कैसिनी (Cassini) को लॉन्‍च किया था, जो साल 2004 में शनि तक पहुंच गया। तब से इसने यह मापने की कोशिश की है कि यह ग्रह अपने दिन की लेंथ तय कर...