छावला रेप और हत्याकांड केस : तीन दोषियों की मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि तीनों दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखी जाए या नहीं नई दिल्ली : वर्ष 2012 के दिल्ली के छावला रेप और हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों की मौत की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि तीनों की मौत की सजा बरकरार रखी जाए या नहीं. इस केस को 'दूसरा निर्भया केस' कहा जाता है. जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा. दिल्ली पुलिस ने मौत की सजा कम करने की अर्जी का विरोध किया है. पुलिस की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि ये अपराध सिर्फ पीड़िता के साथ नहीं, बल्कि पूरे समाज के साथ हुआ है. दोषियों को कोई रियायत नहीं दी जा सकती क्योंकि उन्होंने ऐसा वहशियाना अपराध किया है. ये ऐसा अपराध है जिसके कारण मां-पिता बेटियों को सांझ ढले घर के बाहर नहीं रहने देते. दोषियों ने न केवल युवती से सामूहिक बलात्कार किया बल्कि उसके मृत शरीर का अपमान भी किया. यह भी पढ़ें वहीं, तीनों दोषियों की ओर से अदालत में दोषियों की उम्र, पारिवारिक पृष्ठभूमि और पूर्व इतिह...