"हमें खबर नहीं लगती और पैरों के नीचे कुछ किलोमीटर सरक जाता है धरती का पिघला हिस्सा"
धरती के घूमने की प्रकिया के बारे में हमें पहले से ही पता है। उसके बाद वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि धरती का सबसे भीतरी हिस्सा जिसे कोर (Core) कहा जाता है, जो पृथ्वी का भीतरी केंद्र भी है, धरती के साथ न सिर्फ घूमता है बल्कि धरती की स्पीड से बहुत कम गति से घूमता है। अब इस पुरानी थ्योरी को नई थ्योरी ने बदल कर रख दिया है। वैज्ञानिकों ने नई स्टडी में पता लगाया है कि पृथ्वी का कोर, जो धरती का सबसे गर्म हिस्सा है और पिघला हुआ है, दोलन यानि कंपन भी करता है और हर 6 साल में आगे-पीछे डोलता रहता है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफॉर्निया के वैज्ञानिकों ने यह नया सिद्धांत दिया है। वैज्ञानिक यहां तक कह रहे हैं कि पिछले दशकों में इनर कोर (Inner Core) ने अपनी दिशा भी बदल ली है। इस नई स्टडी का एक हिस्सा Science Advances में प्रकाशित हुआ है। स्टडी के को-ऑथर जॉन ई विडाले ने कहा है, "हमारी खोज के अनुसार, धरती की ऊपरी सतह के मुकाबले इनर कोर अपनी जगह से सरक चुकी है, जैसा कि लोग 20 सालों से जोर देकर कह रहे हैं।" उन्होंने आगे बताया कि अंदरूनी कोर 1969 और 1971 के बीच पृथ्वी की घूर्णन गति से कम स्पीड पर...