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Nasa के जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने दिखाई काबिलियत, तारों से घिरे आकाश की खूबसूरत इमेज ली

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नासा (Nasa) के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप (Spitzer Space Telescope) के इन्फ्रारेड एरे कैमरा ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के लिए बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। रिटायर्ड हो चुकी इस ऑब्‍जर्बेट्री ने गहरे अंतरिक्ष यानी डीप स्‍पेस की कई शानदार इमेजेस को कैप्चर किया है। खास बात यह है कि इस ऑब्‍जर्वेट्री को अपना योग्‍य उत्‍तराधिकारी भी मिल गया है। नासा ने पिछले साल के आखिर में जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप को लॉन्‍च किया था, जो खुद को अंतरिक्ष में सेटअप कर रहा है। इस टेलीस्कोप पर रखे गए चार इंस्‍ट्रूमेंट्स में से एक ने आकाश के एक हिस्से बेहतरीन इमेज कैप्‍चर की है। ऐसी ही इमेज पहले स्पिट्जर ने भी ली थी। मगर लेटेस्‍ट इमेज में काफी बेहतर डिटेल है।  यह इमेज 7.7 माइक्रोन पर दिखाई गई है, जो बड़े मैगेलैनिक बादल के एक हिस्से को दिखाती है। यह आकाशगंगा की एक छोटी उपग्रह आकाशगंगा है। आकाश के इस हिस्से में तारों का घना इलाका है। जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने इसे बखूबी के साथ कैप्‍चर किया है।  नासा ने दो अलग-अलग इक्विपमेंट द्वारा ली गईं इन इमेजेस के तुलनात्मक अध्ययन पर एक ब्लॉग प्रकाशित किया है। इसमें बताया गया है कि ...

Nasa के जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप के मिरर्स का कमाल, तारे की इस इमेज से चौंकाया

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पिछले साल दिसंबर में अंतरिक्ष में लॉन्‍च किया गया नासा का जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप (James Webb Space Telescope) अब धीरे-धीरे अपनी अहमियत साबित करने लगा है। दुनिया के इस सबसे बड़े टेलीस्‍कोप ने एक सिंगल तारे की संगठित (unified) इमेज शेयर की है। ज्‍यादातर ट्रेडिशनल टेलीस्‍कोप में एक प्राइमरी मिरर होता है, जो लाखों मील दूर स्थित तारों की रोशनी को इकट्ठा करता है। लेकिन जेम्‍स वेब में 18 हेक्सागोनल (hexagonal) मिरर सेगमेंट हैं। ये सभी एक बड़े मिरर के रूप में जुड़े और इमेज को तैयार किया। यह एक लंबी प्रक्रिया थी, जिसमें बहुत सटीकता की जरूरत थी। नासा ने बताया है कि जेम्‍स वेब की टीम ने ‘फाइन फेजिंग' नाम की प्रक्रिया के तहत मिरर्स को सफलतापूर्वक एक सीध में किया।  11 मार्च को प्रक्रिया पूरी होने के बाद नासा ने टेलीस्कोप से ली गई इमेज को रिलीज किया है। इसने इमेज के सेंटर में शानदार स्पार्कलिंग डॉट को दिखाया है। नासा ने कहा है यह ऑब्‍जर्वेट्री दूर की चीजों से प्रकाश को सफलतापूर्वक इकट्ठा करने और इसे अपने उपकरणों तक पहुंचाने में सक्षम है। एक बयान में नासा ने कहा है कि जेम्‍स वेब के सभी ऑप्टिक...

जिन ग्रहों पर जीवन की उम्‍मीद, उनके बारे में और जानकारी जुटाएगा ‘जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप’

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जब भी बात अंतरिक्ष में चल रही खोजों की आती है, तब यह सवाल जरूर उठता है कि क्‍या पृथ्‍वी के बाहर कहीं जीवन संभव है। वैज्ञानिक कई वर्षों से ऐसे ग्रहों की तलाश में हैं, जो जीवन को सपोर्ट कर सकें। पृथ्वी से कई प्रकाश-वर्ष दूर वैज्ञानिकों को एक ऐसी जगह का पता है, जहां ये सभी अटकलें सच हो सकती हैं। TRAPPIST-1 सिस्‍टम पर एक बार फ‍िर वैज्ञानिकों की नजर है। इस सिस्‍टम में पृथ्‍वी के आकार वाले 7 ग्रह हैं और यह सभी एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करते हैं। नासा (NASA) के अनुसार, पांच साल पहले खोजा गया यह सिस्‍टम आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बना हुआ है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब इन ग्रहों के बारे में और अधिक जानने के लिए ‘जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप' का इस्तेमाल कर रही है। नासा की ओर से शेयर की गई एक पोस्ट के अनुसार, जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्कोप इन ग्रहों के चारों ओर वायुमंडल के संकेतों की तलाश करेगा। इसका मकसद यह जानना है कि वो जीवन के लिए कितने काम के हो सकते हैं।   TRAPPIST-1 सिस्‍टम अपने तारे के चारों ओर सात ग्रहों को दर्शाता है। ए‍क इलेस्‍ट्रेशन के जरिए नासा ने इस सिस्‍टम के सभी ...

जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप के 18 मिरर्स ने खींची एक ही तारे की फोटो, जानिए क्‍या दिखा

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पिछले साल दिसंबर में अंतरिक्ष में भेजा गया दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप ‘जेम्‍स बेव स्‍पेस टेलीस्‍कोप' (James Webb Space Telescope) वहां खुद को सेटअप कर रहा है। इस टेलीस्कोप की ऑब्‍जर्वेट्री के 18-सेगमेंट वाले प्राइमरी मिरर्स (दर्पणों) को एक सीध (aligning) में करने की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा होने वाला है। यह प्रक्रिया कई महीनों से चल रही है, जिसे ‘सेगमेंट इमेज आइडेंटिफिकेशन' के रूप में जाना जाता है। बहरहाल, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अपने 18 प्राइमरी मिरर्स सेगमेंट्स के साथ हेक्सागोनल फॉर्मेशन में एक ही तारे की 18 अनफोकस्‍ड इमेज रिकॉर्ड की हैं। यह विजुअल्‍स पर ज्‍यादा फोकस करने में मदद करेगा। सभी 18 प्राइमरी मिरर्स सेगमेंट्स ने डॉट्स के रूप में तारे की तस्‍वीर खींची। आखिर में इसे एक सिंगल, शार्प और फोकस्‍ड इमेज में तैयार किया जाएगा।  फ‍िलहाल इसके हेक्सागोनल पैटर्न को सामने लाया गया है। NASA Webb Telescope के ऑफ‍िशियल ट्विटर हैंडल से इस बारे में जानकारी दी गई है। पिछले हफ्ते यह कन्‍फर्म हुआ था कि टेलीस्‍कोप के सभी 18 मिरर सेगमेंट स्‍टारलाइट को देख सकते हैं। अब एक अपड...

गर्मियों तक पूरी तरह शुरू हो जाएगा जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप, अंतरिक्ष में पहले फोटोन का पता लगाया

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नासा (NASA) ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) को श्रेणीबद्ध (align) करने के लिए तीन महीने की प्रक्रिया शुरू की है। इसका मकसद 10 बिलियन डॉलर (लगभग 74,710 करोड़ रुपये) की ऑब्‍जर्वेट्री को शुरू करना है। हाल में इसने प्रकाश के पहले कणों को अपना रास्ता बनाते हुए देखा है। इस साल गर्मियों तक इस ऑब्‍जर्वेट्री के तैयार होने की उम्मीद है। नासा ने बताया है कि जेम्स वेब के नियर इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) ने स्टारलाइट के पहले फोटॉन का पता लगाया। नासा ने कहा कि इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की एक टीम टेलीस्कोप के 18 दर्पणों (mirrors) को श्रेणीबद्ध करने के लिए NIRCam के साथ लिए गए डेटा का उपयोग करके एक नया लेंस बनाएगी। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का यह प्रोजेक्‍ट NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने मिलकर शुरू किया है। इसका मकसद खगोलविदों को सफल खोजों में मदद करना है।  पिछले साल क्रिसमस के मौके पर जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को एरियन-5 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया गया था। तब से वैज्ञानिकों ने इसे कई फेज से गुजारा है। लॉन्‍च के ठीक एक महीने बाद यह टेलीस्‍कोप पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन...

जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अपनी कक्षा में पहुंचा

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First Published: January 29, 2022 | Last Updated:January 29, 2022 जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी की दूरी पर अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया है। यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष के एक क्षेत्र में परिक्रमा करेगा जिसे लैग्रेंज बिंदु (Lagrange point) के रूप में जाना जाता है, जहां सूर्य और पृथ्वी से गुरुत्वाकर्षण खिंचाव घूर्णन प्रणाली के केन्द्रापसारक बल (centrifugal force) द्वारा संतुलित किया जाता है। इन बिंदुओं को सबसे पहले इतालवी फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज (Joseph-Louis Lagrange) द्वारा सिद्धांतित किया गया था। जेम्स वेब टेलीस्कोप ( James Webb Telescope) इसे नासा, कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। इसे एरियन रॉकेट से लॉन्च किया गया था। मील के पत्थर 13.7 अरब साल पहले बनी आकाशगंगाओं और तारों को स्कैन करने के लिए इस टेलीस्कोप लॉन्च किया गया है। इस टेलीस्कोप की कीमत 10 अरब डॉलर है। जेम्स वेब टेलीस्कोप की तैनाती टेलीस्कोप को अपने सही रूप में संरेखित होने (align) में 15 दिन लगे। इसम...

जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप के लेंस में ‘नमक’ क्‍यों? नासा ने बताई वजह

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नासा (NASA) के जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप (James Webb Telescope) ने अपने सभी अहम डिप्‍लॉयमेंट्स पूरे कर लिए हैं। इसके तहत टेलीस्‍कोप के सनशील्ड और सेकेंडरी मिरर को उनकी जगह पर सेट किया जा चुका है। अब यह ऑब्‍जर्वेट्री ‘कूलिंग पीरियड' में दाखिल हो गई है। ऐसे में नासा 74,100 करोड़ रुपये की इस ऑब्‍जर्वेट्री के बारे में कुछ दिलचस्‍प तथ्‍य शेयर कर रही है। इनमें कुछ लेंस शामिल हैं, जो नमक से बने हैं। सवाल यह है कि इस इन्फ्रारेड टेलीस्कोप को ‘नमकीन' लेंस की जरूरत क्यों है? टेलीस्कोप पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने एक नए वीडियो के जरिए बताया है कि इस ऑब्‍जर्वेट्री के लिए नमक क्यों महत्वपूर्ण है। खास बात यह भी है कि जेम्स वेब टेलिस्कोप एक नहीं, बल्कि तीन तरह के सॉल्‍ट लेंस का इस्तेमाल करता है। लेंस कई तरह के हैं। मिरर्स यानी दर्पण, परावर्तक (reflective) लेंस होते हैं। यह लाइट को मोड़ते हैं। जबक‍ि ट्रांसमिसिव लेंस रोशनी को उनके माध्यम से गुजरने देते हैं। जेम्स वेब टेलीस्‍कोप के लिए इन्फ्रारेड लाइट, ‘दृश्य प्रकाश' (visible light) से अलग तरह से व्यवहार करती है और इस ऑब्‍जर्वेट्री के लिए अहम...

जेम्स वेब टेलीस्कोप को तैनात किया गया

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First Published: January 13, 2022 | Last Updated:January 13, 2022 जेम्स वेब टेलीस्कोप को नासा ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लॉन्च किया था। यह टेलीस्कोप हबल टेलीस्कोप की जगह लेगा। जेम्स वेब टेलीस्कोप ( James Webb Telescope) इसे नासा, कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। इसे एरियन रॉकेट से लॉन्च किया गया था। मील के पत्थर 13.7 अरब साल पहले बनी आकाशगंगाओं और तारों को स्कैन करने के लिए इस टेलीस्कोप लॉन्च किया गया है। इस टेलीस्कोप की कीमत 10 अरब डॉलर है। जेम्स वेब टेलीस्कोप की तैनाती टेलीस्कोप को अपने सही रूप में संरेखित होने (align) में 15 दिन लगे। इसमें 18 खंड थे और वे सभी मैन्युअल रूप से संरेखित किये गये। दर्पणों को संरेखित करने में 12 दिन लगे। संरेखण प्रक्रिया अभी भी चल रही है और इस टेलिस्कोप को अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार होने में तीन महीने लगेंगे। उद्देश्य यह टेलीस्कोप हबल की दूरबीन से भी आगे देखने में सक्षम होगा। इसके दर्पण IR (इन्फ्रा रेड) से जुड़े होते हैं। जेम्स वेब टेलीस्कोप बाह्यग्रह औ...