मोतीलाल तेजावत (Motilal Tejawat) कौन थे?
First Published: January 29, 2022 | Last Updated:January 29, 2022 73 वें गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात की झांकी में पाल और दाधवाव के गांवों में हुए नरसंहार को दिखाया गया। यह नरसंहार 1922 में हुआ था। इस नरसंहार के दौरान लगभग 1,200 आदिवासियों को अंग्रेजों ने बेरहमी से मार डाला था। मुख्य बिंदु 7 मार्च, 1922 को एक आदिवासी नेता मोतीलाल तेजावत 10,000 भील आदिवासियों को संबोधित कर रहे थे। ये आदिवासी एकी आंदोलन (Eki movement) का हिस्सा थे और दाधवाव गांव (अब गुजरात में साबरकांठा जिला) से थे। सभा ने जागीरदार से संबंधित कानूनों, भू-राजस्व व्यवस्था और ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू किए गए रजवाड़ा से संबंधित कानूनों का विरोध किया। मेजर एच.जी. सुटन ने फायरिंग का आदेश जारी किया। आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने 1,200 से अधिक निर्दोष लोगों को मार डाला। इस घटना को पाल दाधवाव शहीद (Pal Dadhvav Martyrs) कहा जाता है। क्षेत्र के कुएं आदिवासियों के शवों से भरे हुए थे। = मोतीलाल तेजावत वे हत्याकांड में बच निकले, हालाँकि उनकी जांघ में दो बार गोली लगी। गांधीजी के अनुरोध पर तेजावत भू...