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पृथ्‍वी से 3000 प्रकाश वर्ष दूर मिला ‘ब्लैक विडो’ स्‍टार, जानें इसके बारे में

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हमारा ब्रह्मांड रहस्यों से भरा है, जहां लाखों ऑब्‍जेक्‍ट्स घूम रहे हैं। हमारी आकाशगंगा में ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो छुपी हुई हैं। हम उनमें से बहुत कम के बारे में जानते हैं। हालांकि वो हमारे जीवन को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करती हैं। इन पर स्‍टडी करने की कोशिशें होती रही हैं। ऐसे ही एक ऑब्‍जेक्‍ट का पता खगोलविदों ने लगाया है, जो पृथ्‍वी से लगभग 3,000 से 4,000 प्रकाश वर्ष दूर है। इससे रहस्यमयी रोशनी निकलती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चीज एक ‘ब्लैक विडो' स्‍टार हो सकती है, जो तेजी से घूमने वाला पल्सर या न्यूट्रॉन तारा हो सकता है। यह ऐसा तारा होता है, जो अपने छोटे और सहयोगी तारे को धीरे-धीरे खाकर पनपता है। ब्लैक विडो स्टार काफी दुर्लभ हैं। खगोलविद मिल्की वे यानी हमारी आकाशगंगा में ऐसे सिर्फ दो दर्जन स्‍टार का ही पता लगा पाए हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टि‍ट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी (MIT) के रिसर्चर्स ने इस नए ब्‍लैक विडो स्‍टार का पता लगाया है। उनका मानना ​​है कि यह उन सभी ब्‍लैक विडो स्‍टार में सबसे अजीब और अनोखा ब्लैक विडो पल्सर हो सकता है। इसका नाम ZTF J1406+1222 रखा गया है। रिसर्...

सुमन बेरी (Suman Bery) बने नीति आयोग की नए उपाध्यक्ष

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First Published: April 25, 2022 | Last Updated:April 25, 2022 22 अप्रैल, 2022 को राजीव कुमार के पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने अर्थशास्त्री सुमन बेरी को नीति आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया। मुख्य बिंदु  राजीव कुमार को पांच साल पहले नीति आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कैबिनेट कमेटी ने राजीव कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था और सुमन बेरी को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य और बाद में उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। वह 1 मई, 2022 से यह पद ग्रहण करेंगे । सुमन बेरी (Suman Bery) सुमन बेरी 2001 से 2011 तक 10 वर्षों की अवधि के लिए National Council of Applied Economic Research (NCAER) के महानिदेशक थे। वह सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, दिल्ली में एक वरिष्ठ विजिटिंग फेलो भी हैं। वे वाशिंगटन डीसी में वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स एशिया प्रोग्राम में ग्लोबल फेलो हैं। इसके अलावा, वह ब्रूगल के एक अनिवासी फेलो हैं जो ब्रुसेल्स आधारित आर्थिक नीति अनुसंधान संस्थान है। उन्होंने पहले भारत के सांख्यिकीय आयोग, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद और ...

एलियंस की मौजूदगी के बारे में क्या कहता है NASA?

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स्पेस या अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति के मन में एक सवाल हमेशा रहता है- क्या पृथ्वी के अलावा भी कहीं जीवन मौजूद है? कई स्पेस अभियानों के बाद भी हम अभी तक धरती के बाहर कहीं भी जीवन के निशान नहीं खोज पाए हैं। हालांकि कई बार हम दुनिया के किसी हिस्से में UFO देखे जाने के बारे में सुनते जरूर हैं। मगर अक्सर ये खबरें सच साबित नहीं होती हैं और कई हमेशा रहस्य ही बनी रह जाती हैं। अगर यूनिवर्स को अनंत मान लिया जाए तो हमने अभी तक एक बाल बराबर भी इसकी सतह को खरोंचा नहीं है। इसी बीच नासा की एक वैज्ञानिक ने एलियंस और उनकी मौजूदगी के बारे में कुछ सवालों के जवाब देने का प्रयास किया है।  NASA के Instagram पेज पर एक वीडियो में, एस्ट्रोबायोलॉजी एक्सपर्ट डॉ लिंडसे हेज़ कहती हैं कि यह वास्तव में एक दिलचस्प सवाल है- एक ऐसा सवाल जिसे वैज्ञानिक वास्तव में लंबे समय से समझने और विस्तार से जानने की कोशिश कर रहे हैं। फिर भी वे किसी अन्य ग्रह पर जीवन की खोज नहीं कर पाए हैं। वह आगे कहती हैं- मगर नासा धरती से परे जीवन के निशानों की तलाश लगातार कर रहा है। यूएस की स्पेस एजेंसी ने मंगल पर पांच रोवर और ...

इस बार सामान्य रहेगा मानसून : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)

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First Published: April 15, 2022 | Last Updated:April 15, 2022 भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department – IMD) ने जून से सितंबर की अवधि के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की वर्षा के लिए एक लंबी दूरी का पूर्वानुमान जारी किया है। इस पूर्वानुमान में कहा गया है कि इस वर्ष वर्षा सामान्य रहेगी। मुख्य बिंदु  IMD का लंबी दूरी का पूर्वानुमान दो चरणों में जारी किया जाता है। पहला पूर्वानुमान अप्रैल के महीने में जारी किया गया है। दूसरा पूर्वानुमान मई के अंत में जारी किया जाता है। देश में 1971 से 2020 की अवधि के लिए, लंबी अवधि की औसत मौसमी वर्षा 87 सेमी है। भारतीय प्रायद्वीप के उत्तरी भागों और उससे सटे मध्य भारत के साथ-साथ हिमालय की तलहटी और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य रहेगी। पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों, दक्षिण प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों और उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होगी। पूर्वानुमान का सारांश जारी किए गए पूर्वानुमान के मुताबिक, देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी बारिश साम...

भारत में पहली बार किया गया OCEANS 2022 सम्मेलन का आयोजन

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First Published: February 26, 2022 | Last Updated:February 26, 2022 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास रिसर्च पार्क ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) के सहयोग से “OCEANS 2022 सम्मेलन” की मेजबानी की। मुख्य बिंदु  OCEANS सम्मेलन वैश्विक समुद्री शोधकर्ताओं का एक द्वि-वार्षिक कार्यक्रम है। यह पहली बार भारत में आयोजित किया गया था। समुद्री प्रौद्योगिकी सोसाइटी और इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग संस्थान (IEEE) महासागर इंजीनियरिंग सोसाइटी की ओर से महासागर इंजीनियरिंग विभाग महासागर 2022 सम्मेलन का समन्वय कर रहा है। हाइब्रिड मोड सम्मेलन OCEANS 2022 सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया। इसमें जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, समुद्री प्रदूषण, माइक्रोप्लास्टिक, मौसम की अनिश्चितता और तटीय कटाव से निपटने जैसे विषयों पर प्रतिनिधियों द्वारा 400 प्रस्तुतियां दी गईं। यह चार दिवसीय आयोजन था जो 21 फरवरी, 2022 को शुरू हुआ था। सम्मेलन की थीम “OCEANS 2022” सम्मेलन की थीम “inspire-innovate-sustain” थी। सम्मेलन का एजेंडा OCEANS 2022 सम्मे...

INSPIRESat-1 उपग्रह के लांच के लिए पहली बार इसरो के साथ शामिल हुए ताइवान के वैज्ञानिक

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First Published: February 15, 2022 | Last Updated:February 15, 2022 14 फरवरी, 2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने “INSPIRESat-1” नामक एक उपग्रह लॉन्च किया। INSPIRESat-1 का विकास किसने किया? INSPIRESat-1 को संयुक्त रूप से भारत, अमेरिका, ताइवान और सिंगापुर के विश्वविद्यालयों सहित अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम द्वारा विकसित किया गया है। इसके विकास में कौन से विश्वविद्यालय विकास में शामिल हैं? इन विश्वविद्यालयों में शामिल हैं: University of Colorado’s Laboratory for Atmospheric & Space Physics (LASP) Indian Institute of Space Science and Technology (IIST) ताइवान की National Central University (NCU) and सिंगापुर की Nanyang Technological University INSPIRESat-1 INSPIRESat-1 का मतलब ‘International Research & Teaching Satellite Project Satellite’ है। यह उपग्रह Indian Institute of Space Science & Technology (IIST) द्वारा Laboratory of Atmospheric & Space Physics at University of Colorado के सहयोग से विकसित किया गया है। इसे ...

लता मंगेशकर के बारे में रोचक तथ्य

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First Published: February 10, 2022 | Last Updated:February 10, 2022 मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने 6 फरवरी 2022 को 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। मुख्य बिंदु  वे 8 जनवरी को कोविड -19 सकारात्मक पाई गई थीं और उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह ICU में निगरानी में थी। उन्होंने अपने गायन करियर के दौरान उसने कई पुरस्कार जीते थे। भारत रत्न, पद्म भूषण, फिल्मफेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार, राज्य पुरस्कार आदि उनके लिए कुछ सम्मान हैं। लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar) लता मंगेशकर एक भारतीय पार्श्व गायिका और सामयिक संगीतकार थीं। उन्हें देश की सबसे महान और सबसे प्रभावशाली गायिकाओं में से एक माना जाता है। उनका करियर सात दशकों तक चला, जिसमें उन्होंने भारतीय संगीत उद्योग में उनके योगदान के कारण नाइटिंगेल ऑफ इंडिया, क्वीन ऑफ मेलोडी और वॉयस ऑफ द मिलेनियम जैसे खिताब हासिल किए। उन्होंने 36 से अधिक भारतीय भाषाओं के साथ-साथ कुछ विदेशी भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए। हिंदी, बंगाली और मराठी उनकी प्राथमिक भाषाएँ थीं। उन्होंने अपने पूरे करियर में ...

शिक्षा मंत्रालय ने COVID के दौरान शिक्षा के नुकसान के बारे में जानने के लिए सर्वेक्षण किया

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First Published: January 22, 2022 | Last Updated:January 22, 2022 शिक्षा मंत्रालय ने COVID काल के दौरान शिक्षा के नुकसान के बारे में जानने के लिए एक सर्वेक्षण किया। यह सर्वेक्षण नवंबर 2021 में किया गया था। आंध्र प्रदेश के तीन जिले और तमिलनाडु के 16 जिले भारी बारिश के कारण इसमें भाग नहीं ले सके। अन्य सभी जिलों ने सर्वेक्षण में भाग लिया। सर्वेक्षण के बारे में इस सर्वेक्षण को “राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण” (National Achievement Survey) कहा जाता है। यह जिला स्तरीय समन्वयकों की मदद से आयोजित किया गया। इससे पहले, 2017 में ऐसा सर्वेक्षण किया गया था। इस सर्वेक्षण के परिणाम अलग-अलग जिलों के लिए रिपोर्ट कार्ड के रूप में जारी किए जाते हैं। और सभी जिला डेटा राष्ट्रीय स्तर पर संकलित किए जाते हैं। यह सर्वे 1.23 लाख स्कूलों में किया गया था। सरकार का इरादा महामारी से उत्पन्न सीखने में रुकावटों की पहचान करना और उपचारात्मक उपाय करना है। फरवरी 2020 में स्कूल बंद कर दिए गए थे। फिर उन्होंने ऑनलाइन कक्षाएं अपनाईं। देश में डिजिटल विभाजन ने बच्चों के शैक्षिक परिणामों पर भारी प्...