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हरित और सतत विकास के लिए भारत-जर्मन भागीदारी : मुख्य बिंदु

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First Published: May 5, 2022 | Last Updated:May 5, 2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने हरित और सतत विकास साझेदारी की स्थापना के लिए संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए। साझेदारी का लक्ष्य क्या है? द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को तेज करना और जलवायु संरक्षण की दिशा में कार्रवाई में तेजी लाना। जर्मनी द्वारा कितनी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी? इस साझेदारी के तहत, जर्मनी ने भारत में जलवायु परिवर्तन से संबंधित परियोजनाओं में €10 बिलियन के निवेश की अग्रिम प्रतिबद्धता जताई है। यह राशि 2030 तक निवेश की जाएगी। ग्रीन हाइड्रोजन पर भारत-जर्मनी समझौता  ग्रीन हाइड्रोजन पर भारत-जर्मनी समझौता ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन, उपयोग, भंडारण और वितरण में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक “इंडो-जर्मन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स” की स्थापना करेगा। ग्रीन हाइड्रोजन क्या है? ग्रीन हाइड्रोजन को हाइड्रोजन के रूप में परिभाषित किया जाता है जो सौर या पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करके उत्पादित होता है। चूंक...

‘किसान भागीदारी, प्राथमिक हमारी’ अभियान क्या है?

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First Published: April 26, 2022 | Last Updated:April 26, 2022 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 अप्रैल 2022 से ‘किसान भागीदारी, प्राथमिक हमारी’ (Kisan Bhagidari, Prathmikta Hamari) अभियान का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान 30 अप्रैल, 2022 तक जारी रहेगा और विभिन्न अन्य विभागों और मंत्रालयों के सहयोग से सरकार के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित किया जा रहा है। मुख्य बिंदु  इस अभियान की अवधि के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा देश के किसानों के लिए क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न देशव्यापी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत 75 चयनित उद्यमियों और किसानों का राष्ट्रीय आत्म निर्भर भारत सम्मेलन (National Atma Nirbhar Bharat Conclave) आयोजित किया जाएगा। साथ ही इस अभियान के दौरान देश की आजादी के 75 साल में हरित क्रांति और खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता समेत कृषि विकास के क्षेत्र में पहुंचे मील के पत्थर पर भी प्रकाश डाला जाएगा। एक करोड़ से अधिक हितधारक और किसान ‘किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी’ अभियान में भाग लेंगे। कृषि मेला ...

भारत-यूएई ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement) पर हस्ताक्षर किये

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First Published: February 20, 2022 | Last Updated:February 20, 2022 भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो संयुक्त अरब अमीरात को अधिकांश भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क कम करेगा। व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार का पहला महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है। मुख्य बिंदु  वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी ने नई दिल्ली में समझौते पर हस्ताक्षर किए। सरकार को उम्मीद है कि आयात शुल्क में कमी से उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला को लाभ होगा। सरकार को उम्मीद है कि यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात को रत्नों और आभूषणों के साथ-साथ कपड़ों के निर्यात में वृद्धि करेगा, जिससे अगले पांच वर्षों में कुल व्यापार 100 बिलियन अमरीकी डालर हो जाएगा। चीन और अमेरिका के बाद, संयुक्त अरब अमीरात दुनिया में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2020-21 तक, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 43.3...

भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता पर हस्ताक्षर किये जायेंगे

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First Published: February 18, 2022 | Last Updated:February 18, 2022 18 फरवरी, 2022 को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) पर हस्ताक्षर करेंगे। मुख्य बिंदु यह वर्चुअल शिखर सम्मेलन अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होगा। दोनों नेता ऐसे समय में ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के बारे में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत कर सकते हैं, जब संयुक्त अरब अमीरात अपनी स्थापना की 50 वीं  वर्षगांठ मना रहा है और भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहा है। दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करेंगे और आपसी हित के अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते ( CEPA) पर हस्ताक्षर इस शिखर सम्मेलन में, दोनों नेता CEPA पर हस्ताक्षर करेंगे, जिस पर सितंबर 2021 में बातचीत शुरू हुई थी और अब पूरी हो गई है। यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक और वाण...