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Elon Musk की SpaceX इस हफ्ते बनाएगी नया रिकॉर्ड, 3 दिन में लॉन्‍च होंगे 3 मिशन

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एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी ‘स्‍पेसएक्‍स' (SpaceX) इस वीकेंड एक नया रिकॉर्ड बनाने को तैयार है। कंपनी 3 दिन में 3 लॉन्‍च पैड्स से 3 रॉकेट लॉन्‍च करने की हैट्रिक बनाने वाली है। इसकी उल्‍टी गिनती अब शुरू हो गई है। लॉन्चिंग आज यानी शुक्रवार से ही शुरू हो जाएगी। सबसे पहले फ्लोरिडा स्थित नासा (Nasa) के कैनेडी स्‍पेस सेंटर से 53 स्‍टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में स्‍थापित किया जाएगा। इसके बाद शनिवार को कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्‍पेस फोर्स बेस से जर्मन सेना के लिए एक रडार सैटेलाइट को लॉन्‍च किया जाएगा। तीसरा मिशन फ्लोरिडा से ही है, जहां केप कैनावेरल स्‍पेस फोर्स स्‍टेशन से एक कमर्शल कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट को लॉन्‍च किया जाएगा।     मिशन सफल होता है, तो यह स्‍पेसएक्‍स की बैक टु बैक 3 उड़ानों को दर्शाएगा। हालांकि कंपनी ने इस साल की शुरुआत में 31 जनवरी से 3 फरवरी के बीच 3 मिशन लॉन्‍च किए थे, लेकिन वह बैक टु बैक नहीं थे। कंपनी ताजा लॉन्‍च के जरिए नया रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्‍य लेकर आगे बढ़ रही है।  शुक्रवार का मिशन फाल्‍कन 9 रॉकेट के जरिए पूरा करने की तैयारी है। इसे स्टारलिंक 4-19 क...

नासा का एंड्योरेंस मिशन (Endurance Mission) क्या है?

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First Published: May 18, 2022 | Last Updated:May 18, 2022 नासा के एंड्योरेंस मिशन (Endurance Mission) को ले जाने वाला एक रॉकेट हाल ही में लॉन्च किया गया। मिशन का उद्देश्य  इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि पृथ्वी ग्रह जीवन का समर्थन क्यों करता है, जबकि मंगल और शुक्र जैसे अन्य ग्रह नहीं करते हैं। पृथ्वी जैसा गीला ग्रह जीवन के अस्तित्व के लिए उपयुक्त है। शुक्र कभी पानी वाला ग्रह था लेकिन बाद में अज्ञात कारणों से सूख गया। यदि हम यह समझें कि शुक्र क्यों सूख गया, तो रहने योग्य ग्रहों के बारे में हमारा ज्ञान बढ़ जाएगा। एंड्योरेंस मिशन के तहत क्या किया जाएगा? पृथ्वी की वैश्विक विद्युत क्षमता (global electric potential) को मापा जाएगा। माना जाता है कि पृथ्वी की यह विद्युत क्षमता बहुत कमजोर है और इस प्रकार यह जीवन का समर्थन कर सकती है। विद्युत क्षमता को मापना क्यों महत्वपूर्ण है? 2016 में, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) वीनस एक्सप्रेस मिशन ने शुक्र के चारों ओर एक 10-वोल्ट विद्युत क्षमता का पता लगाया। यदि विद्युत क्षमता मौजूद है, तो धनावेशित कण ग्रह की सतह...

2024 में इसरो (ISRO) शुक्र ग्रह के लिए मिशन लांच करेगा

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First Published: May 7, 2022 | Last Updated:May 7, 2022 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दिसंबर 2024 में शुक्र के लिए एक अंतरिक्ष यान लॉन्च करने  की योजना बना रहा है। इसरो के शुक्र मिशन के उद्देश्य क्या हैं? शुक्र की सतह के नीचे क्या है इसका अध्ययन करना। शुक्र के वातावरण का अध्ययन करना। इसरो द्वारा शुक्र मिशन के तहत किन प्रयोगों की योजना बनाई गई है? सक्रिय ज्वालामुखीय हॉटस्पॉट और लावा प्रवाह सहित सतह प्रक्रियाओं और उथले उप-सतह स्ट्रैटिग्राफी की जांच। वायुमंडल की संरचना और गतिकी का अध्ययन करना। दिसंबर 2024 शुक्र के लिए अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए उपयुक्त क्यों है? यदि अंतरिक्ष यान को दिसंबर 2024 में लॉन्च किया जाता है, तो 2025 में अन्तरिक्ष यान की दिशा बदलने की योजना बनाई जा सकती है। 2025 में, पृथ्वी और शुक्र को इस तरह से संरेखित किया जाएगा कि अंतरिक्ष यान को शुक्र की कक्षा में प्रवेश करने के लिए न्यूनतम मात्रा में प्रणोदक (propellant) की आवश्यकता होगी। शुक्र की सतह का अध्ययन करने के लिए किस यंत्र का उपयोग किया जाएगा? इसके लिए हाई रेजो...

अटल इनोवेशन मिशन (Atal Innovation Mission) का विस्तार किया गया

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First Published: April 11, 2022 | Last Updated:April 11, 2022 अटल इनोवेशन मिशन (Atal Innovation Mission – AIM) की निरंतरता को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2023 तक मंजूरी दे दी है। AIM भारत में एक उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र और नवाचार संस्कृति बनाने पर काम करेगा। मुख्य बिंदु  AIM के विस्तार के साथ-साथ 101 अटल इनक्यूबेशन सेंटर ( AIC ) और 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) की स्थापना जैसे अन्य लक्ष्यों को भी शामिल किया गया है। इस मिशन द्वारा अटल न्यू इंडिया चैलेंज के माध्यम से 200 स्टार्ट-अप को भी समर्थन दिया जाएगा। लाभार्थियों की सहायता और स्थापना के लिए नए लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अटल इनोवेशन मिशन (Atal Innovation Mission – AIM) 2015 में नीति आयोग के तहत अटल इनोवेशन मिशन की घोषणा की गई थी। इस मिशन का उद्देश्य पूरे देश में नवाचार और एक उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और बनाना था। इस मिशन को विभिन्न विश्वविद्यालयों, स्कूलों, MSMEs, अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों में प्रमुख हितधारकों तक पहुंचने और उन्...

राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन की स्थापना के लिए ड्राफ्ट रिपोर्ट जारी की गई

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First Published: March 12, 2022 | Last Updated:March 12, 2022 राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन (National Digital Tourism Mission) की स्थापना के लिए ड्राफ्ट रिपोर्ट जनता से प्रतिक्रिया के लिए प्रकाशित की जाती है। पर्यटन मंत्रालय ने मसौदा रिपोर्ट पर अंतिम टिप्पणी आमंत्रित की है। ड्राफ्ट रिपोर्ट में टिप्पणियां इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र अत्यधिक खंडित है और पर्यटन के उपक्षेत्रों जैसे परिवहन, आवास, रेस्तरां इत्यादि में कई चुनौतियां हैं। हालांकि, इन क्षेत्रों में कई अवसर हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र सूचना के आदान-प्रदान के संयुक्त लाभों को प्राप्त करने में असमर्थ है क्योंकि सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा विकसित अधिकांश पर्यटन प्रणालियाँ वर्तमान में साइलो में काम कर रही हैं। वर्तमान डेटा सिस्टम एक आम भाषा का उपयोग करके एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट नहीं करते हैं, जिससे डेटा एनालिटिक्स और बाद में नीति-निर्माण में बाधा आती है। इस प्रकार, पर्यटन क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के बीच निर्बाध और मानकीकृत डेटा विनिमय की आवश्यकता है।...

इसरो ने सफलतापूर्वक लांच किया PSLV-C52 मिशन

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First Published: February 14, 2022 | Last Updated:February 14, 2022 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2022 के अपने पहले मिशन को 14 फरवरी, 2022 को लॉन्च किया। गौरतलब है कि यह मिशन 14 फरवरी को सुबह 5:59 पर लांच किया गया। मुख्य बिंदु  ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C52) 14 फरवरी को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। इसमें एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (EOS-04) को ले जाया गया। PSLV-C52 PSLV-C52 का वजन 1710 किलोग्राम है। यह EOS-04 के चारों ओर 529 किमी की सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करेगा। यह मिशन दो छोटे उपग्रहों को सह-यात्रियों के रूप में ले जाएगा, अर्थात्, छात्र उपग्रह (INSPIREsat-1 ) – यह उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) द्वारा कोलोराडो विश्वविद्यालय, बोल्डर में वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी की प्रयोगशाला के सहयोग से विकसित किया गया है। प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह (INS-2TD)  – इस उपग्रह को इसरो द्वारा विकसित किया गया है। यह भारत-भूटान संयुक्त उपग्रह (INS-2B) का...

गहन मिशन इंद्रधनुष (Intensified Mission Indradhanush) 4.0 क्या है?

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First Published: February 10, 2022 | Last Updated:February 10, 2022 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने 7 फरवरी, 2022 को वर्चुअली गहन मिशन इंद्रधनुष (IMI) 4.0 को लांच किया। मुख्य बिंदु  भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है जिसमें 3 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को सालाना सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunisation Programme) के माध्यम से कवर किया जाता है। IMI 4.0 के तीन राउंड होंगे और यह 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 416 जिलों में आयोजित किया जाएगा। इसमें आजादी का अमृत महोत्सव के लिए चिन्हित 75 जिले भी शामिल हैं। इस अवसर पर IMI 4.0 पोर्टल भी लांच किया गया। कार्यक्रम का महत्व यह कार्यक्रम कमियों को भरने के साथ-साथ सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए स्थायी लाभ अर्जित करने में अत्यधिक योगदान देगा। यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित टीकाकरण (Routine Immunisation – RI) सेवाएं अशिक्षित और आंशिक रूप से टीकाकरण वाले बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचे। IMI 4.0 का पहला दौर IMI 4.0 का पहला...

NROL-87 मिशन क्या है?

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First Published: February 9, 2022 | Last Updated:February 9, 2022 NROL-87 को SpaceX द्वारा लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत, कंपनी ने हाल ही में अमेरिकी सेना के लिए एक जासूसी उपग्रह लॉन्च किया। इस उपग्रह को फाल्कन रॉकेट द्वारा ले जाया गया था। यह मिशन के तहत तीन नियोजित प्रक्षेपणों में से दूसरा है। NRO बेड़े की अधिक जानकारी कभी लीक नहीं होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन उपग्रहों का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। NROL-87  यह पहला NRO मिशन है जिसमें रॉकेट लैंडिंग शामिल है। रॉकेट लैंडिंग को वर्टिकल लैंडिंग भी कहा जाता है। इसे कैलिफोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया गया था। NROL-87 एक अमेरिकी टोही उपग्रह है। फाल्कन रॉकेट ने उपग्रह को 512.7 किमी की कक्षा में पहुंचाया। इसे सूर्य तुल्यकालिक कक्षा (Sun Synchronous Orbit) में स्थापित किया गया था। इसे हेलियो सिंक्रोनस ऑर्बिट भी कहा जाता है। यह एक ध्रुवीय कक्षा है।  अमेरिका का टोही उपग्रह इन उपग्रहों को 1961 से लॉन्च किया जा रहा है। इनका नियंत्रण और संचालन NRO, यानी National Recon...

नासा HERMES मिशन क्या है?

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First Published: February 1, 2022 | Last Updated:February 1, 2022 27 जनवरी, 2022 को नासा के HERMES मिशन ने एक महत्वपूर्ण मिशन समीक्षा पारित की। मुख्य बिंदु  HERMES मिशन एक 4-इंस्ट्रूमेंट सूट है, जिसे नासा के मून-ऑर्बिटिंग गेटवे के बाहर लगाया जाएगा। समीक्षा के दौरान नवंबर 2024 तक लॉन्च  के लिए, मिशन के प्रारंभिक डिजाइन और कार्यक्रम योजना का मूल्यांकन किया गया। HERMES मिशन HERMES मिशन आर्टेमिस मिशन के साथ-साथ NASA के चंद्रमा पर एक स्थायी उपस्थिति बनाने के लक्ष्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। HERMES का अर्थ Heliophysics Environmental and Radiation Measurement Experiment Suite है। इसे नासा के गेटवे आउटपोस्ट के “हैबिटेशन एंड लॉजिस्टिक्स आउटपोस्ट मॉड्यूल” के बाहर लगाया जाएगा। HERMES मिशन का उद्देश्य HERMES मिशन अंतरिक्ष के मौसम की निगरानी और सूर्य द्वारा संचालित अंतरिक्ष में उतार-चढ़ाव की स्थिति में मदद करेगा। अंतरिक्ष मौसम में शामिल हैं: कणों और चुंबकीय क्षेत्रों की निरंतर धारा। बिलियन टन गैस के बादलों का विस्फोट, जिसे कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता ...

SpaceX की बड़ी तैयारी, इस साल लॉन्‍च करेगी 52 मिशन

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एलन मस्क (Elon Musk) की कमर्शल स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने इस साल 52 मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई है। अगर SpaceX इसमें कामयाब होती है, तो वह एक साल में अबतक के सबसे अधिक लॉन्च पूरे करेगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के लिए भी SpaceX पार्टनर की भूमिका में है, खासतौर पर नासा के ह्यूमन स्‍पेसफ्लाइट प्रोग्राम के लिए। इसके पास इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से अंतरिक्ष यात्रियों और कार्गो को लाने और ले जाने की जिम्‍मेदारी है। नासा के आर्टेमिस (Artemis) प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारने के लिए भी SpaceX नेक्‍स्‍ट जेनरेशन रॉकेट सिस्टम डेवलप कर रही है। इस रॉकेट का नाम स्टारशिप रखा गया है। SpaceX मुख्य रूप से नासा के प्रोग्राम्‍स की मदद करती है साथ ही यह कंपनी समय-समय पर दूसरी कंपनियों, इंटरनेशनल कस्‍टमर्स और अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए भी सैटेलाइट लॉन्च करती है। हालांकि इस साल जो 52 लॉन्च करने की योजना है, उनमें से ज्‍यादातर लॉन्‍च SpaceX के लिए किए जाएंगे। माना जा रहा है कि ये लॉन्‍च Starlink के सैटेलाइट के लिए होंगे। Starlink भी स्‍पेसएक्‍स का ही भाग...

NASA के क्रू6 मिशन के लिए चुने गए ये दो अंतरिक्ष यात्री, 2023 में लॉन्चिंग

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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 2023 में लॉन्‍च होने वाले SpaceX क्रू6 मिशन के लिए दो अंतरिक्ष यात्रियों स्टीफन बोवेन और वुडी हॉबर्ग को चुना है। इन्‍हें SpaceX की ओर से इंटरनैशल स्‍पेस स्टेशन (ISS) में लॉन्च किया जाएगा। स्टीफन बोवेन स्‍पेसक्राफ्ट के कमांडर होंगे और वुडी होबर्ग इसके पायलट रहेंगे। NASA ने बताया है कि आने वाले दिनों में दो और अंतरिक्ष यात्रियों को चुना जाएगा। यह मिशन अमेरिका के फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। चालक दल के चार सदस्य लो अर्थ ऑर्बिट में ISS पर एक अभियान दल में शामिल होंगे।  नासा के मुताबिक, स्टीफन बोवेन की स्‍पेस में यह चौथी यात्रा होगी। अपनी सात स्पेसवॉक में वह 40 दिनों से ज्‍यादा समय तक अंतरिक्ष में रहे हैं। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन में उनकी पहली लंबी यात्रा क्रू-6 होगी। अमेरिका के मैसाचुसेट्स के कोहासेट में जन्‍मे बोवेन ने मैरीलैंड में US नेवल अकेडमी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन डिग्री ली है। जुलाई 2000 में उन्‍हें नासा ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना था। उससे पहले बोवेन सबमरीन ऑफ‍िसर थे। वहीं, 2017 में नासा के अंतरिक...

फ्लोरिकल्चर मिशन 21 राज्यों में लागू किया जाएगा

फ्लोरिकल्चर मिशन 21 राज्यों में लागू किया जाएगा