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Anocovax: जानवरों के लिए भारत का पहला COVID-19 वैक्सीन

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First Published: June 14, 2022 | Last Updated:June 14, 2022 13 जून, 2022 को, कृषि मंत्रालय ने जानवरों के लिए भारत की पहली कोविड -19 वैक्सीन “एनोकोवैक्स” का अनावरण किया। एनोकोवैक्स (Anocovax) इस वैक्सीन को हिसार में स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्विन्स ने विकसित किया है। यह जानवरों को कोरोनावायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचा सकता है। इस वैक्सीन का इस्तेमाल कुत्तों, तेंदुओं, चूहों, शेरों और खरगोशों में किया जा सकता है। यह एक निष्क्रिय टीका है, जिसे डेल्टा संस्करण के एक संक्रामक भाग का उपयोग करके विकसित किया गया है। यह भारत में पशुओं के लिए विकसित पहला कोविड-19 वैक्सीन है। आवश्यकता बिल्लियों और कुत्तों सहित कुछ जानवरों में कोविड -19 संक्रमण की रिपोर्ट को देखते हुए इस वैक्सीन को विकसित किया गया है। यह वैक्सीन चिड़ियाघर में जानवरों की रक्षा कर सकती है और साथी जानवरों से मनुष्यों में संचरण को रोक सकती है। हालांकि, जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का खतरा कम है। वैक्सीन का उद्देश्य शेर और बाघ जैसे लुप्तप्राय जानवरों की रक्षा के उद्...

18 मई : विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day)

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First Published: May 18, 2022 | Last Updated:May 18, 2022 हर साल 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day) मनाया जाता है। इस दिन को HIV (Human Immunodeficiency Virus) Vaccine Awareness Day भी कहा जाता है। विश्व एड्स वैक्सीन दिवस (World AIDS Vaccine Day) यह दिन उन हजारों स्वयंसेवकों, स्वास्थ्य पेशेवरों, सामुदायिक नेताओं और वैज्ञानिकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जो एड्स (Acquired Immune Deficiency Syndrome – AIDS) वैक्सीन विकसित करने के लिए एक साथ काम करते हैं। एड्स वैक्सीन दिवस 18 मई को ही क्यों मनाया जाता है? एड्स वैक्सीन की अवधारणा को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 18 मई, 1997 को मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में अपने भाषण में निहित किया था। एचआईवी वैक्सीन (HIV Vaccine) वर्तमान में बाजार में कोई लाइसेंस प्राप्त एचआईवी टीका नहीं है। हालांकि, चिकित्सा उपचार मौजूद हैं। एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अत्यधिक सक्रिय एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (Highly Active Antiretroviral Therapy – HAART) की सिफारिश की जाती है...

Mynvax : भारत की संभावित गर्म वैक्सीन

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First Published: April 18, 2022 | Last Updated:April 18, 2022 भारत में, COVID-19 या SarsCov2 के खिलाफ एक संभावित टीका विकसित किया जा रहा है जिसे प्रशीतन (refrigeration) की आवश्यकता नहीं है या कोल्ड-चेन स्टोरेज (cold-chain storage) में संग्रहीत किया जाता है। पीयर-रिव्यू जर्नल ‘Viruses’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चूहों के परीक्षणों में इस वैक्सीन ने वायरस के विभिन्न प्रकारों के खिलाफ एंटीबॉडी उत्पन्न की है। मुख्य बिंदु  यह ‘वार्म’ वैक्सीन बेंगलुरु की एक कंपनी Mynvax laboratories द्वारा विकसित किया जा रहा है, जिसे भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर में इनक्यूबेट किया गया था। यह एक अनूठा टीका है जिसे चार सप्ताह की अवधि के लिए 37 डिग्री सेल्सियस और 100 डिग्री सेल्सियस पर 90 मिनट तक संग्रहीत किया जा सकता है। बाजार में मौजूद अधिकांश अन्य टीकों को प्रशीतित करने की आवश्यकता होती है और इसे केवल कुछ घंटों के लिए कमरे के तापमान पर रखा जा सकता है। अध्ययन  Mynvax और Commonwealth Scientific and Industrial Organisation (CSIRO), ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों द्वारा ...

भारत के COVID-19 वैक्सीन विकास पर रिपोर्ट : मुख्य बिंदु

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First Published: February 25, 2022 | Last Updated:February 25, 2022 भारत के कोविड-19 वैक्सीन विकास और प्रशासन यात्रा पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान (Institute for Competitiveness) से दो रिपोर्टें जारी की गई हैं, जो एक वैश्विक नेटवर्क का भारत का अध्याय है। मुख्य बिंदु यह रिपोर्ट इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर समन्वय ने बड़े पैमाने पर वयस्क टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में मदद की। इस रिपोर्ट में ऑनलाइन पोर्टल पर भी प्रकाश डाला गया, जिसने वैक्सीन प्रबंधन और पंजीकरण के साथ-साथ प्रभावी संचार में मदद की, जिसके परिणामस्वरूप बहुत कम वैक्सीन हिचकिचाहट हुई। भारत जैसे विशाल देश में, एक सफल टीकाकरण अभियान के लिए पहली चुनौती वैक्सीन हिचकिचाहट को दूर करना और उत्पादन को बढ़ाना था। इससे सफलतापूर्वक निपटा गया है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कैसे आरोग्य सेतु, कोविन जैसी टेक्नोलॉजी के उपयोग के माध्यम से राष्ट्र ने टीकाकरण अभियान को प्रभावी ढंग से निपटाया। भारत में टीके के विकास के लिए ...

भारत का स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ है 81% प्रभावी : भारत बायोटेक

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