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स्पेस में हुआ हादसा, टेलीस्कोप से टकराया उल्का पिंड

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जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space) के प्राइमरी मिरर (दर्पण) सेगमेंट्स में से एक के साथ बेहद छोटे मेटियोरॉइड की टक्कर हुई, जिसके बाद वह मिरर क्षतिग्रस्त हो गया। NASA ने खुद इस बात की जानकारी शेयर की और साथ ही यह भी बताया कि टेलीस्कोप अभी भी कम पर लगी हुई है। यह घटना 23 मई से 25 मई के बीच हुई, लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने इसकी जानकारी पिछले हफ्ते शेयर की। नासा का कहना है कि टेलीस्कोप अभी भी ठीक परफॉर्म कर रहा है और डेटा में "मामूली रूप से पता लगाने योग्य" प्रभाव के बावजूद सभी मिशन आवश्यकताओं को अच्छे से पूरा कर रहा है। NASA ने ब्लॉग के जरिए बताया कि 23 मई से 25 मई के बीच James Webb Space के प्राइमरी मिरर से एक बेहद छोटा मेटियोरॉइड टकराया था। नासा ने बताया "अंतरिक्ष में Webb के पूरे जीवनकाल में प्रभाव जारी रहेगा; जमीन पर मिरर का निर्माण और परीक्षण करते समय ऐसी घटनाओं का अनुमान लगाया गया था।"    अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि Webb के मिरर को माइक्रोमेटियोरॉइड से बमबारी का सामना करने के लिए इंजीनियर किया गया था, क्योंकि यह जिस वातावरण की परिक्रमा करता है व...

हबल स्पेस टेलीस्कोप ने कैप्चर की दुनिया की सबसे बड़ी नियर-इन्फ्रारेड फोटो, आप भी देखें

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वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) की अब तक की सबसे बड़ी नियर-इंन्फ्रारेड फोटो जारी की है, जिससे एस्ट्रोनोमर्स को यूनिवर्स के तारे बनाने वाले क्षेत्रों का नक्शा बनाने और यह जानने का मौका मिलता है कि सबसे पुरानी, ​​​​सबसे दूर की गैलेक्सी का निर्माण कैसे हुआ। 3D-DASH नाम का यह हाई-रिजॉल्यूशन स्कैन रिसर्चर्स को James Webb Space Telescope के साथ चल रही स्टडी के लिए असामान्य वस्तुओं और लक्ष्यों का पता लगाने का मौका भी देगा। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को हाल ही में एक दशक लंबे मिशन पर लॉन्च किया गया था। 3D-DASH रिसर्चर्स को पूरे COSMOS क्षेत्र का फुल नियर-इन्फ्रारेड सर्वे करने का मौका देगा। नियर-इन्फ्रारेड का मतलब है कि एस्ट्रोनोमर्स सबसे दूर की गैलेक्सी का भी पता लगा सकते हैं, क्योंकि यह हबल द्वारा देखी गई सबसे लंबी और सबसे लाल वेवलैंथ है। अब तक, इतनी बड़ी तस्वीर केवल जमीन से ही प्राप्त की जा सकती थी। यूनिवर्स की सबसे विशाल गैलेक्सी, अत्यधिक एक्टिव ब्लैक होल, और टकराने और विलीन होने की कगार पर मौजूद गैलेक्सी जैसी अनूठी घटनाओं की पहचान के ल...

NASA ने हबल स्पेस टेलीस्कोप के पुराने डेटाबेस से खोजे 1,031 अज्ञात एस्ट्रॉयड का ग्रुप

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पिछले 20 वर्षों में हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा में 1701 नए एस्ट्रॉयड ट्रेल्स का पता लगाने के लिए एस्ट्रोनॉमर्स ने मानव और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक जटिल कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया है। रिसर्चर्स का मानना ​​​​है कि खोजे गए इन नए एस्ट्रॉयड से सोलर सिस्टम की शुरुआत के बारे में अहम जानकारियां दे सकते हैं, जब ग्रहों का निर्माण हुआ था। हबल टेलीस्कोप NASA का सबसे मूल्यवान टेलीस्कोप है, जिसने खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुनिया के इस सबसे बड़े स्पेस टेलीस्कोप को 1990 में लॉन्च किया गया था। UK के डेली न्यूजपेपर Daily Express की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2019 में, एस्ट्रोनॉमर्स के एक अंतरराष्ट्रीय ग्रुप ने हबल स्पेस टेलीस्कोप के आर्काइव डेटा की जांच की और इसमें छिपे हजारों एस्ट्रॉयड की पहचान करने के लिए Hubble Asteroid Hunter नाम का एक सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट लॉन्च किया। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाले मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स के सैंडोर क्रुक (Sandor Kruk) ने कहा "एक खगोलविद का कचरा दूसरे खगोलविद का खजाना हो सकता है।...

ब्‍लैक होल भी होते हैं कुपोषण का शिकार, Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने खोज निकाला

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अपने 30 साल से ज्‍यादा के सफर में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड की कुछ दिलचस्प इमेजेस को कैप्चर किया है। इससे खगोलविदों को वहां होने वाली रहस्यमयी घटनाओं को समझने में मदद मिली है। इन इमेजेस में एक ‘NGC 3147' नाम की स्‍पाइरल आकाशगंगा की तस्‍वीर भी है। यह आकाशगंगा लगभग 130 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर ड्रेको तारामंडल में स्थित है, जिसे ‘ड्रैगन' भी कहा जाता है। इमेज दिखाती है कि आकाशगंगा की घुमावदार भुजाएं अंतरिक्ष में फैली एक सर्पाकार सीढ़ी की तरह दिखाई देती हैं। हकीकत में इनमें गुलाबी रंग की निहारिकाएं (nebulae), नीले तारे मौजूद हैं।  इस इमेज को पहली बार जुलाई 2019 में रिलीज किया गया था। आकाशगंगा के कोर में एक ब्लैक होल है, लेकिन वह बहुत बेहतर नहीं है या यूं कहें कि कुपोषित है और तारों, गैस व धूल की एक पतली कॉम्पैक्ट डिस्क से घिरा है। हालांकि इस ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है कि जो कुछ भी उसके करीब आता है वह डिस्क में बह जाता है।   नासा की हबल टीम के अनुसार, इस ‘मॉन्‍स्‍टर' ब्लैक होल का वजन हमारे सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 25...

देखें कैसे '10' नंबर की शेप में दिखाई दे रही हैं 2 गैलेक्सी, NASA के टेलीस्कोप ने किया कैप्चर

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अपनी 30 से अधिक वर्षों की सर्विस में, NASA के हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) ने पेचीदा ब्रह्मांडीय घटनाओं (कॉस्मिक इवेंट्स) के 13 लाख से अधिक अवलोकन किए हैं। इसने एक बार अपने प्राइम वर्किंग कैमरा - वाइड फील्ड प्लैनेटरी कैमरा 2 (WFPC2) का इस्तेमाल करते हुए, Arp 147 नाम के एक गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक-दूसरे से आकर्षित हो रही दो आकाशगंगाओं को कैप्चर किया था। अब, NASA ने तस्वीर को फिर से इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया है। तस्वीर दो आकाशगंगाओं को इस तरह से कैप्चर करती है कि वे संख्या '10' की शेप में दिखाई देती हैं। इसमें बाईं ओर की गैलेक्सी "1" की शेप बनाती है, जो स्टारलाइट की एक रिंग की तरह दिखाई देती है। वहीं, दाईं ओर वाली गैलेक्सी "0" की तरह दिखाई देती है। नासा के हबल स्पेस टेलीस्कॉप ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर को कैप्शन देते हुए लिखा (अनुवादित), "ARP 147 में आपका स्वागत है, एक इंटरैक्टिंग गैलेक्सी जोड़ी! इस हबल क्लासिक तस्वीर में सबसे बाईं ओर की आकाशगंगा हमारी दृष्टि रेखा के लगभग किनारे पर दिखाई देती है और इसमें स्टारलाइट की एक रिंग है। दायीं ...

Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने धूल के पीछे छुपे विशाल ब्‍लैक होल को ढूंढ निकाला, देखें तस्‍वीर

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के हबल स्‍पेस टे‍लीस्‍कोप (Hubble telescope) ने वैज्ञानिकों को कई तस्‍वीरें खींचकर हैरान किया है। इसने अद्भुत खोजों में मदद की है। अब इस टेलीस्‍कोप ने अंतरिक्ष में गहरी धूल के पीछे एक एक्टिव ब्लैक होल (black hole) की हैरान करने वाली इमेज को कैप्‍चर किया है। यह ब्लैक होल, स्‍पाइरल (सर्पिल) गैलेक्‍सी- NGC 7172 में स्थित है। यह बहुत पुराने तारामंडल पिसिस ऑस्ट्रिनस (Piscis Austrinus) में स्थित है, जो पृथ्वी से लगभग 110 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। डार्क धूल आकाशगंगा के बीच से होकर गुजरती है और इसके चमकदार केंद्र को धुंधला बना देती है। नासा ने कहा है कि गहली धूल की वजह से ही NGC 7172 एक सामान्य स्‍पाइरल आकाशगंगा से ज्यादा नजर नहीं आती।  जब धूल और गैस आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद विशालकाय ब्लैक होल में गिरती है, तो यह तेज रोशनी पैदा करती है। नासा के वैज्ञानिकों को यह भी पता चला है कि NGC 7172 एक सेफर्ट (Seyfert) गैलेक्‍सी है। सेफर्ट गैलेक्‍सी सर्पिल आकार वाली आकाशगंगा को कहते हैं, जिसमें एक छोटा, चमकीला, बिंदु जैसा न्‍यूक्लियस होता है। वह उसकी चमक में ब...

Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने खोजा अब तक का सबसे दूर और पुराना तारा

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खगोलविदों ने ब्रह्मांड में अब तक देखे गए सबसे दूर और पुराने तारे की खोज की है। यह तारा 12.9 अरब साल पहले भी चमकता था। इस तारे की रोशनी ने पृथ्वी तक पहुंचने के लिए 12.9 अरब प्रकाश-वर्ष की यात्रा की होगी। खगोलविदों का कहना है कि नया खोजा गया तारा वैसे ही दिखाई दिया, जैसे वह तब दिखाई दिया था जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का सिर्फ 7 प्रतिशत था। इसे हबल स्पेस टेलीस्कोप ने देखा है और अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इसकी इमेज शेयर की है। इसके कैप्‍शन के मुताबिक हबल ने अब तक देखे गए सबसे दूर व्यक्तिगत तारे को देखकर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस तारे को एरेन्डेल (Earendel) नाम दिया गया है। खगोलविदों का कहना है कि एरेन्डेल ने हमारे ब्रह्मांड के पहले अरब वर्षों में जगमगाना शुरू किया। एरेन्डेल का द्रव्‍यमान हमारे सूर्य के द्रव्‍यमान का 50 गुना होने का अनुमान है। चमकने के मामले में भी यह हमारे सूर्य से लाखों गुना तेज है।    जर्नल नेचर में प्रकाशित पेपर के लेखक ब्रायन वेल्च ने कहा है कि पहले तो उन्‍हें इस खोज पर विश्‍वास ही नहीं हुआ, क्‍योंकि यह तारा रेडशिफ्ट स्टार से बहुत दूर था। गौरतलब है कि रेडशिफ्ट और...

तारे में विस्‍फोट से निकली गैसों को हबल टेलीस्‍कोप ने किया कैमरे में कैद

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कई साल से अंतरिक्ष के गहरे रहस्‍यों को सामने ला रहे हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप (Hubble Space Telescope) ने एक बार फ‍िर बेहतरीन तस्‍वीर से रू-ब-रू कराया है। टेलीस्‍कोप ने एक युवा तारे के साथ होने वाली घटना को कैप्‍चर किया है। नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने इसे ‘विस्पी स्ट्रक्चर' कहा है। वैसे इसे हर्बीग-हारो ऑब्जेक्ट (HH34) कहा जाता है। ट्विटर पर इमेज शेयर करते हुए ESA ने लिखा कि यह तस्‍वीर उस गैस की है, जो जेट जितनी हाईस्‍पीड से तारे के पास से गुजर रही है। इस वजह से ही ‘विस्पी स्ट्रक्चर' बना है। नासा ने कहा है कि ये चीजें कुछ साल में अनोखे ढंग से डेवलप हो सकती हैं।  तस्‍वीर को कैद करने के लिए हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप ने अपने ‘वाइड फील्ड कैमरा 3' का इस्‍तेमाल किया। ESA ने बताया है कि एक नवजात तारे में विस्‍फोट की वजह से यह गैस निकलीं। आमतौर पर किसी तारे के बनने के शुरुआती वक्‍त में ऐसे वाकये होते हैं। इस वजह से निकलने वाली गैस सुपरसोनिक स्‍पीड से आगे बढ़ती हैं। ऐसा ही कुछ मौजूदा इमेज में भी दिखाई दे रहा है।  हर्बिग-हारो ऑब्‍जेक्‍ट्स तब बनते हैं, जब गैस का जेट अप...

धरती से 681 मिलियन लाइट ईयर्स दूर हो रहे अद्भुत नजारे की हबल टेलीस्कोप ने खींची तस्वीर

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हबल (Hubble) स्पेस टेलीस्कोप पिछले तीन दशकों से अधिक समय से ब्रह्मांड की रहस्‍यमयी घटनाओं को देख रहा है। यह नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का जॉइंट प्रोजेक्‍ट है। हाल ही में इसने पृथ्वी से लगभग 681 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर कैन्‍सर तारामंडल (Cancer constellation) में तीन आकाशगंगाओं के विलय की आश्चर्यजनक तस्‍वीर को कैप्‍चर किया है। धूल के घने बादलों की वजह से यह तस्‍वीर उतनी साफ दिखाई नहीं देती, लेकिन आकाशगंगा की रोशनी इसके बाहरी छोरों को चीरती हुई नजर आती है।  अपने इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट में ESA ने बताया कि इस इमेज में आकाशगंगा ‘IC 2431' का विलय दिखाई दे रहा है। IC 2431 तीन आकाशगंगाएं हैं। इन्‍हें LEDA 25476, Mrk 1224 या UGC 4756 के रूप में भी जाना जाता है। IC 2431 की खोज 24 फरवरी 1896 को फ्रांसीसी खगोलशास्त्री स्टीफन जेवेल ने की थी।ESA के मुताबिक, यह इमेज ‘गैलेक्‍सी जू सिटिजन साइंस इनिशिएटिव' का हिस्‍सा है।    गैलेक्‍सी जू प्रोजेक्‍ट के तहत 10 लाख आकाशगंगाओं को क्‍लासिफाई करने में खगोलशास्त्रियों की मदद चाहिए। जो लोग इसमें भाग लेते हैं, वो सीधे साइंटिफ‍िक रिसर्च म...

जेम्स वेब टेलीस्कोप को तैनात किया गया

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First Published: January 13, 2022 | Last Updated:January 13, 2022 जेम्स वेब टेलीस्कोप को नासा ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लॉन्च किया था। यह टेलीस्कोप हबल टेलीस्कोप की जगह लेगा। जेम्स वेब टेलीस्कोप ( James Webb Telescope) इसे नासा, कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। इसे एरियन रॉकेट से लॉन्च किया गया था। मील के पत्थर 13.7 अरब साल पहले बनी आकाशगंगाओं और तारों को स्कैन करने के लिए इस टेलीस्कोप लॉन्च किया गया है। इस टेलीस्कोप की कीमत 10 अरब डॉलर है। जेम्स वेब टेलीस्कोप की तैनाती टेलीस्कोप को अपने सही रूप में संरेखित होने (align) में 15 दिन लगे। इसमें 18 खंड थे और वे सभी मैन्युअल रूप से संरेखित किये गये। दर्पणों को संरेखित करने में 12 दिन लगे। संरेखण प्रक्रिया अभी भी चल रही है और इस टेलिस्कोप को अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार होने में तीन महीने लगेंगे। उद्देश्य यह टेलीस्कोप हबल की दूरबीन से भी आगे देखने में सक्षम होगा। इसके दर्पण IR (इन्फ्रा रेड) से जुड़े होते हैं। जेम्स वेब टेलीस्कोप बाह्यग्रह औ...

NASA ने अधिक एनर्जी वाले ऑब्जेक्ट्स की स्टडी के लिए लॉन्च किया नया X-Ray टेलीस्कोप

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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के पास बहुत से पावरफुल टेलीस्कोप हैं जो वैज्ञानिकों की धरती से दूर के वातावरण को बेहतर तरीके से समझने में मदद करते हैं। NASA ने एक इमेजिंग X-ray पोलरिमेटरी एक्सप्लोरर (IXPE) कहा जाने वाला एक नया टेलीस्कोप लॉन्च किया है। इससे वैज्ञानिकों को ब्लैक होल के अंदर के वातावरण की बेहतर समझ मिल सकेगी। इसके साथ ही यह अंतरिक्ष में अधिक एनर्जी वाले ऑब्जेक्ट्स की जांच भी करेगा।  इस टेलीस्कोप की घोषणा सबसे पहले 2017 में की गई थी। यह पोलराइजेशन को समझने की क्षमता रखने वाला पहला X-ray टेलीस्कोप होगा। X-ray इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से बनी हाई-एनर्जी लाइट वेव्स होती हैं। हम अपने आसपास जो लाइट देखते हैं वह अनपोलराइज्ड होती है, जिसका मतलब है कि वह इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक एनर्जी से बनती है जिसकी कोई विशेष दिशा नहीं होती। इसके विपरीत, पोलराइज्ड लाइट में इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक एनर्जी एक विशेष दिशा में जाती है। पोलराइज्ड लाइट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मैग्नेटिक फील्ड्स और केमिकल मेकअप की जानकारी दे सकती है। NASA ने अमेरिका के SpaceX की ओर से डिवेलप किए गए Falcon 9 रॉकेट पर IXPE...