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वैज्ञानिकों ने खोज निकाले पृथ्‍वी जैसे दो ग्रह, क्‍या मुमकिन होगी एक और दुनिया?

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पृथ्‍वी से बाहर जीवन की खोज और पृथ्‍वी जैसे ग्रहों की तलाश में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में नई कामयाबी हाथ लगी है। पृथ्‍वी जैसे दो ग्रहों वाला एक सौर मंडल हमसे काफी करीब लगभग 33 प्रकाश वर्ष दूर खोज लिया गया है। वैसे यह खोज पिछले साल अक्‍टूबर में ही हो गई थी, लेकिन साइंटिस्‍ट इसे पुख्‍ता कर रहे थे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) ने इसे देखा था। आखिरकार 16 जून को कैलिफोर्निया में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की एक बैठक में इसकी घोषणा की गई। इस खोज के बाद अहम सवाल यह उठता है कि क्‍या इन ग्रहों में जीवन संभव है? क्‍या पृथ्‍वी की तरह एक और दुनिया आने वाले वक्‍त में मुमकिन हो सकती है?  रिपोर्ट के अनुसार, इस सवाल का जवाब फ‍िलहाल तो ‘नहीं' में उत्‍तर देता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे पड़ोसी सौर मंडल में पृथ्वी के आकार वाले कम से कम दो चट्टानी ग्रह भले मौजूद हों, लेकिन इनमें से किसी के भी जीवन की मेजबानी करने की संभावना नहीं है।  इन दो ग्रहों में से एक का नाम HD 260655b बताया गया है। यह पृथ्वी से लगभग 1.2 गुना बड़ा ...

वैज्ञानिकों ने खोजा ‘दानव ब्‍लैकहोल’, हर सेकंड हमारी पृथ्‍वी जितना बढ़ रहा, आकाशगंगा को भी निगलने की है ताकत

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वैज्ञानिकों को एक ऐसे ब्‍लैक होल के बारे में पता चला है, जिसका आकार हर सेकंड हमारी पृथ्‍वी के आकार जितना बढ़ रहा है। इस जानकारी ने साइंटिस्‍टों को हैरान कर दिया है, क्‍योंकि कोई भी ब्‍लैक होल इतनी तेजी से डिवेलप नहीं होता। पता चला है कि इस विशालकाय ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का 3 अरब गुना है। खास बात यह भी है कि इस आकार के दूसरे ब्‍लैक होल अरबों साल पहले बढ़ना बंद हो गए थे, लेकिन यह अब भी विस्‍तार कर रहा है। बताया जाता है कि यह ब्‍लैक होल हमारी गैलेक्‍सी के हार्ट में मौजूद सैगिटेरियस ए (Sagittarius A) ब्‍लैक होल से भी लगभग 500 गुना बड़ा है। यह पूरी आकाशगंगा को किसी दानव की तरह निगल सकता है।   space.com के अनुसार, रिसर्चर्स का मानना है कि यह ब्लैक होल पिछले 9 अरब साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्लैक होल है। आखिर इसके अब तक विस्‍तार करने की क्‍या वजह हो सकती है। इस बारे में  ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) में रिसर्च स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स के प्रमुख रिसर्चर क्रिस्टोफर ओन्केन ने कहा है कि संभवत: दो बड़ी आकाशगंगाओं के एक-दूसरे से टकराने की वज...

आज पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा विशाल एस्ट्रॉयड, NASA को सता रही है चिंता

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190 फीट चौड़ा एक एस्टेरॉयड जल्द ही पृथ्वी के पास आने वाला है और NASA ने इसके आगमन की घोषणा कर दी है। आपको बता दें, यह एस्टेरॉयड रोम में स्थित कोलोसियम (157 फीट) से बड़ा है। अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, बुधवार, 8 जून को एस्टेरॉयड हमारे ग्रह के सबसे करीब पहुंच जाएगा। एस्टेरॉयड का पृथ्वी के करीब से गुजरना असामान्य नहीं है। इससे पहले सोमवार को 160 फीट लंबा एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के करीब पहुंच गया था। हालांकि, अपकमिंग एस्टेरॉयड थोड़ी चिंता बढ़ा रहा है। बुधवार को आने पर इस बड़े एस्टेरॉयड का हमारे ग्रह पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है। NASA ने एस्टेरॉयड 2022 KV1 को 'नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट' (NEO) के रूप में लेबल किया है। एस्टेरॉयड की यह कैटेगरी पृथ्वी के लिए खतरा पैदा कर सकती है और नासा द्वारा लगातार इसपर निगरानी रखी जा रही है। पृथ्वी के लिए एस्टेरॉयड का निकटतम फ्लाईबाई 2,660,000 मील/घंटा की दूरी पर होगा। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने एस्टेरॉयड के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा किया है। जैसा कि नाम से पता चलता है, इस एस्टेरॉयड को पहली बार 2022 में खोजा गया था। NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी...

पृथ्वी से 240 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर मौजूद गैलेक्सी में ढूंढा गया एक रहस्यमई स्ट्रक्चर

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इस यूनिवर्स में बहुत सी चीजें हैं, जो हम अभी तक नहीं जानते हैं। लेकिन दुनिया भर के एस्ट्रोनोमर्स लगातार उन रहस्यों को सुलझाने में लगे हैं। उन्होंने हाल ही में एक पहले से अज्ञात स्ट्रक्चर की खोज की है, जिसमें एक विशाल गैलेक्सी को कवर करने वाला एक रेडियो एमिशन था, जो छाया में छिपा हुआ था। इस गैलेक्सी 3C 273 में रेडियो एमिशन हजारों लाइट-ईयर दूर तक फैला हुआ है। रिसर्चर्स का कहना है कि गैलेक्सी के सेंटर में एक ऊर्जावान ब्लैक होल है। उन्होंने वर्तमान में सबसे बड़ी खगोलीय प्रोजेक्ट, अटाकामा लार्ज मिलिमीटर/सबमिलिमीटर एरे (ALMA) का इस्तेमाल कर यह खोज की है। पृथ्वी से 2.4 अरब लाइट ईयर की दूरी पर 3C 273 गैलेक्सी स्थित है। यह गैलेक्सी एक क्वासर है, जिसका मतलब है कि यह एक आकाशगंगा का केंद्रक है जिसके सेंटर में एक बड़ा ब्लैक होल है। यह ब्लैक होल अपने आसपास के मैटीरियल को निगल लेता है, और उससे भारी मात्रा में रेडिएशन निकलती है। रिसर्चर्स के अनुसार, इस गैलेक्सी को अक्सर दूरबीनों से देखा जाता है, क्योंकि इसे आकाश में एक रेफरेंस पॉइन्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 3C273 दूसरे शब्दों में एक र...

एलियंस की खोज में चीन! पृथ्‍वी से बाहर जीवन की तलाश के लिए बनाया मिशन

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साइंस बरसों से इस कोशिश में है कि पृथ्‍वी के नजदीक किसी ऐसे ग्रह का पता लगा सके, जहां जीवन मुमकिन हो। दुनियाभर के वैज्ञानिक कई साल से इन ग्रहों की खोज में जुटे हैं, लेकिन उन्‍हें कोई बड़ी कामयाबी अबतक नहीं मिल पाई है। बहरहाल अब चीन ने इस मिशन को अपने हाथ में लिया है। उसने एक ऐसे मिशन का प्रस्‍ताव रखा है, जो ऐसे ग्रहों की खोज में एक अलग रास्‍ता अपना सकता है। चीनी वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि यह मिशन पृथ्‍वी से बाहर इन ग्रहों को लेकर पुख्‍ता नजर‍िया पेश कर सकता है। इस मिशन का नाम है क्लोजबाय हैबिटेबल एक्सोप्लैनेट सर्वे (CHES)। इस मिशन के तहत चीन हमारी पृथ्‍वी के आसपास स्थित तारों पर मौजूद ग्रहों की परिक्रमा के असर को जानेगा। इन ग्रहों को एक्‍सोप्‍लैनेट कहा जाता है। ऐसे ग्रह जो सूर्य के अलावा अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, वो एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। मिशन के जरिए यह समझने की कोशिश की जाएगी कि क्‍या फलां ग्रह में जीवन को बनाए रखने की क्षमता है। अगर ऐसा होता है, तो यह विज्ञान के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है। बताया जाता है कि इस मिशन को एक स्‍पेसक्राफ्ट के जरिए पूरा किया जाएगा।  रिपो...

आप और हम पृथ्‍वी को ‘बर्बादी’ की ओर ले जा रहे! यह एकदिन अराजक हो जाएगी

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एक नई स्‍टडी में बताया गया है कि इंसान ना सिर्फ पृथ्‍वी को गर्म कर रहे हैं, बल्कि उसे अस्‍त-व्‍यस्‍त भी बना रहे हैं। जलवायु परिवर्तन अब कोई नई बात नहीं है। तमाम शोध इस मुहर लगा चुके हैं और यह भी साबित हो गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए इंसान ही काफी हद तक जिम्‍मेदार है। अब यह नई रिसर्च सामने आई है। 21 अप्रैल को इसे प्रीप्रिंट डेटाबेस arXiv पर पोस्‍ट किया गया था। इसमें इंसानी गतिविधि के क्‍लाइमेट पर असर की बात की गई है। जो निष्‍कर्ष सामने आए हैं, वो बिलकुल भी बेहतर नहीं हैं।  पुर्तगाल में पोर्टो यूनिवर्सिटी के फ‍िजिक्‍स और एस्‍ट्रोनॉमी डिपार्टमेंट के साइंटिस्‍ट इस स्‍टडी को लेखक हैं। उन्‍होंने समझाने की कोशिश की है कि अगर इंसान जलवायु परिवर्तन पर कदम नहीं उठाता है, तो वह कहां पहुंच जाएगा। स्‍टडी के अनुसार, अगर पृथ्‍वी का व्‍यवहार अराजक (chaotic) क्षेत्र में आ जाता है, तो हम जलवायु परिवर्तन से पार नहीं पा पाएंगे और सूखा, भयानक गर्मी, बारिश-बाढ़ जैसी घटनाओं को एक्‍स्‍ट्रीम लेवल पर झेलेंगे।    स्‍टडी के अनुसार, पृथ्वी समय-समय पर जलवायु पैटर्न में बड़े पैमाने पर बदलाव का अनुभव करती है...

पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा खतरनाक सौर तूफान, Nasa ने दी यह चेतावनी

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बताया है कि एक बड़ा सौर तूफान पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेट्री (SDO) ने मंगलवार को सूर्य से निकल रही बेहद ताकतवर चमक को कैप्‍चर किया। नासा ने बताया है कि स्‍थानीय समय के मुताबिक, सुबह करीब 9:55 बजे सोलर फ्लेयर  अपने चरम पर था। इसे एक्‍स क्‍लास फ्लेयर के तौर पर क्‍लासिफाइड किया गया है, जिसका मतलब है कि यह असरदार हो सकता है। नासा ने जो इमेज शेयर की है, वह सूर्य से बहुत तेजी से निकल रही अल्‍ट्रावॉयलेट (UV) लाइट्स के बारे में बताती है।  सोलर फ्लेयर्स वह घटना है, जब सूर्य से निकलने वाले रेडिएशन में शक्तिशाली विस्फोट होते हैं। ये विस्‍फोट कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक चल सकते हैं। इससे निकलने वाला हानिकारक रेडिएशन पृथ्वी के वायुमंडल तक पहुंच सकता है। हालांकि यह इंसानों को शारीरिक रूप से प्रभावित नहीं करता, पर रेडियो कम्‍युनिकेशन, इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड, नेविगेशन सिग्‍नल्‍स को प्रभावित कर सकता है। यह स्‍पेस क्राफ्ट और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।  नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी साल 2010 से सूर्य को ...

पृथ्‍वी पर क्‍यों मौजूद है पानी और क्‍यों सूखा शुक्र ग्रह, जवाब तलाशेगा Nasa का नया मिशन

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हमारे सौरमंडल में पृथ्‍वी इकलौता ग्रह है, जहां जीवन है। बीते कई वर्षों से वैज्ञानिक पृथ्‍वी के अलावा दूसरे ग्रहों पर जीवन के संकेत तलाश रहे हैं और उन्‍हें इसके सबसे करीब दिखाई देते हैं मंगल और शुक्र ग्रह। शुक्र ग्रह के बारे में एक और दिलचस्‍प बात है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शुक्र ग्रह एक समय में गीला हुआ करता था, लेकिन किन्‍हीं वजहों से वह सूख गया। क्‍या भविष्‍य में पृथ्‍वी के साथ भी ऐसा ही हो सकता है? यह जानने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) 9 मई को एन्डुरन्स (Endurance) नाम से एक नया मिशन शुरू करने जा रही है।  आखिर इस मिशन की जरूरत क्‍यों पड़ी। नासा के अनुसार, हमारे ग्रह यानी पृथ्वी में एक ग्‍लोबल इलेक्ट्रिक क्षमता है। यह एक अहम कॉम्‍पोनेंट है, क्‍योंकि यह हमारे ग्रह को रहने लायक बनाती है। नासा इसी की खोज मंगल या शुक्र ग्रह पर करना चाहती है। वह जानना चहती है कि उन ग्रहों पर जीवन क्‍यों संभव नहीं है। ऐसा क्‍या है कि जीवन सिर्फ पृथ्‍वी पर ही संभव है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के ग्लिन कोलिन्सन ने कहा कि सभी विज्ञानों में सबसे मौलिक सवाल यही...

NASA का स्पेसक्राफ्ट जाएगा Apophis पर, पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा खतरा है यह एस्ट्रॉयड

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NASA की जेट प्रोपल्शन लैब (JPL) ने कथित तौर पर 2004 MN4 (वर्तमान में Apophis) नाम के एक एस्ट्रॉयड के पृथ्वी से 2029 में टकराने की संभावना जताई थी, जिसके बाद अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी इस एस्ट्रॉयड पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रही है। 2004 में, इस एस्ट्रॉडय को सबसे पहले एस्ट्रोनोमर फैब्रिज़िओ बर्नार्ड (Fabrizio Bernard) ने अपने दो साथियों के साथ देखा था। इसके बाद से इस एस्ट्रॉयड के ऊपर कई तरह के विश्लेषण हुए। एपोफिस की कक्षा को जांचने के पता चला कि इसके अगली शताब्दी तक पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी 2029 में यह हमारे ग्रह के बेहद करीब पहुंच जाएगा, और उस समय इसकी दूरी सिर्फ 32,000 किलोमीटर होगी। Scientific American की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि NASA वैज्ञानिकों ने उत्सुकता से 2029 में इसके आसपास से गुज़रने के समय पर इस एस्ट्रॉयड पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने का प्रस्ताव दिया है। NASA इसके लिए पहले से अंतरिक्ष में अपनी यात्रा कर रहा OSIRIS-REx यान तय किया गया है। बता दें, यह यान शुरू में 2016 में Bennu नाम के एक अन्य एस्ट्रॉयड से सैंपल एकत्र करने के मिशन ...

पृथ्‍वी से 3000 प्रकाश वर्ष दूर मिला ‘ब्लैक विडो’ स्‍टार, जानें इसके बारे में

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हमारा ब्रह्मांड रहस्यों से भरा है, जहां लाखों ऑब्‍जेक्‍ट्स घूम रहे हैं। हमारी आकाशगंगा में ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो छुपी हुई हैं। हम उनमें से बहुत कम के बारे में जानते हैं। हालांकि वो हमारे जीवन को किसी ना किसी रूप में प्रभावित करती हैं। इन पर स्‍टडी करने की कोशिशें होती रही हैं। ऐसे ही एक ऑब्‍जेक्‍ट का पता खगोलविदों ने लगाया है, जो पृथ्‍वी से लगभग 3,000 से 4,000 प्रकाश वर्ष दूर है। इससे रहस्यमयी रोशनी निकलती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चीज एक ‘ब्लैक विडो' स्‍टार हो सकती है, जो तेजी से घूमने वाला पल्सर या न्यूट्रॉन तारा हो सकता है। यह ऐसा तारा होता है, जो अपने छोटे और सहयोगी तारे को धीरे-धीरे खाकर पनपता है। ब्लैक विडो स्टार काफी दुर्लभ हैं। खगोलविद मिल्की वे यानी हमारी आकाशगंगा में ऐसे सिर्फ दो दर्जन स्‍टार का ही पता लगा पाए हैं। मैसाचुसेट्स इंस्टि‍ट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी (MIT) के रिसर्चर्स ने इस नए ब्‍लैक विडो स्‍टार का पता लगाया है। उनका मानना ​​है कि यह उन सभी ब्‍लैक विडो स्‍टार में सबसे अजीब और अनोखा ब्लैक विडो पल्सर हो सकता है। इसका नाम ZTF J1406+1222 रखा गया है। रिसर्...

अंतरिक्ष स्टेशन में 6 माह बिताकर बनाया रिकॉर्ड, वापस पृथ्वी लौटे चीनी एस्ट्रोनॉट

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चीन के नए अंतरिक्ष स्टेशन पर 6 माह बिताने के बाद शनिवार को 3 चीनी एस्ट्रोनॉट्स सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर वापस लौट आए हैं। अंतरिक्ष में चीन की सबसे लंबी सिंगल उड़ान ने पहले वाले रिकॉर्ड को पार कर दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी Xinhua की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्रोनॉट Zhai Zhigang, Wang Yaping और Ye Guangfu को लेकर आ रहे Shenzhou-13 कैप्सूल ने स्थानीय समय के हिसाब से सुबह 9:56 बजे उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के गोबी डेजर्ट में डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। पीटीआई के मुताबिक, ग्लोबल टाइम्स न्यूजपेपर ने बताया कि मेडिकल टीम ने Shenzhou-13 स्पेस फ्लाइट मिशन की पूरी सफलता को बताते हुए कंफर्म किया कि सभी क्रू मेंबर्स का स्वास्थ्य ठीक है। एस्ट्रोनॉट्स ने Tiangong स्पेस स्टेशन पर 6 माह बिताए और Shenzhou-12 द्वारा तय किए गए 92 दिनों के चीन के सबसे लंबे सिंगल स्पेस फ्लाइट मिशन के पुराने रिकॉर्ड से दोगुना किया। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के अलावा मिशन ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं और देश के इंसान वाले अंतरिक्ष इतिहास में पहला स्थान हासिल किया है। Shenzhou स्पेसक...

आज पृथ्‍वी से टकरा सकता है एक सौर तूफान, हो सकता है बड़ा नुकसान

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एक बड़ा सौर तूफान (solar storm) 14 अप्रैल को पृथ्वी से टकरा सकता है। वैज्ञानिक इसकी उम्‍मीद कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस इस घटना से पृथ्वी को संभावित नुकसान हो सकता है। अंतरिक्ष एजेंसियों का कहना है कि यह भू-चुंबकीय सौर तूफान शक्तिशाली हो सकता है, क्योंकि हाल ही में सूर्य काफी एक्टिव रहा है। वह अधिक चमक भी रहा है। यह सब इसलिए भी है, क्‍योंकि 11 साल के सौर चक्र में सूर्य अपनी सोलर मैक्सिमा के करीब पहुंच रहा है। इस वजह से पिछले कुछ महीनों में वह कई बार कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के साथ चमक रहा है। नासा (NASA) और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) सूर्य के CME फ्लेयर्स की लगातार निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि सबसे प्रभावशाली तूफान 14 अप्रैल को पृथ्वी को प्रभावित करेगा। इस बार सौर फ्लेयर्स में बेहद तेज हवा होगी। नासा ने संभावना जताई है कि पृथ्वी से टकराने के बाद यह तूफान तेज हो जाएगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पेस साइंसेज इंडिया (CESSI) ने एक ट्वीट में लिखा है कि 14 अप्रैल 2022 को 429 से 575 किलोमीटर प्रति सेकंड के बीच की गति के साथ पृथ्वी पर इस तूफान का...

गाओफेन-3 03 : चीन ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लांच किया

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First Published: April 11, 2022 | Last Updated:April 11, 2022 चीन ने 7 अप्रैल, 2022 को एक नया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लॉन्च किया है।  यह उपग्रह देश के भूमि-समुद्र रडार उपग्रह समूह का हिस्सा बन जाएगा।  यह चीन को अपने समुद्री हितों की रक्षा करने में मदद करने के लिए छवियों को कैप्चर करेगा। मुख्य बिंदु  इस सैटेलाइट को गाओफेन-3 03 नाम दिया गया है। इस उपग्रह को नियोजित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इस नए लॉन्च किए गए उपग्रह को पहले से ही परिक्रमा कर रहे Gaofen-3 और Gaofen-3 02 उपग्रहों के साथ जोड़ा जाएगा। ये 3 उपग्रह एक भूमि-समुद्र रडार उपग्रह तारामंडल का निर्माण करेंगे और स्थिर, विश्वसनीय, सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) छवियों को कैप्चर करेंगे। SAR छवियाँ अर्थ ऑब्जर्वेशन (EO) उपग्रहों द्वारा प्रतिदिन बहुत सी SAR छवियां कैप्चर की जाती हैं। SAR छवियों में सभी मौसमों के संचालन के दौरान छवियों को संसाधित करने की क्षमता होती है। इन छवियों में 1 मीटर का रिज़ॉल्यूशन है, जिससे चीन की निगरानी क्षमताओं में सुधार होगा। उपग्रह का उपयोग उपग्रह द्वारा कैप्...

Nasa का मार्स रोवर मंगल ग्रह पर जुटा रहा जीवन के सबूत, अब दो साल की देरी से पहुंचेंगे पृथ्‍वी पर

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मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन के संकेत तलाशने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने पर्सवेरेंस रोवर  (Perseverance rover) को भेजा है। यह रोवर वहां 45 किलोमीटर चौड़े ‘जेज़ेरो क्रेटर' से सैंपल्‍स इकट्ठा कर रहा है। इन सैंपल्‍स को पृथ्‍वी पर लाया जाएगा। शुरुआती योजना के मुताबिक साल 2026 तक एक लैंडर (SRL) भेजा जाना था और साल 2031 तक सैंपल्‍स को पृथ्‍वी पर लाया जाना था। लेकिन अब यह टाइमलाइन थोड़ा आगे बढ़ गई है। नासा ने ऐलान किया है कि वह अपने प्‍लान में एक और लैंडर को शामिल कर रही है। इस वजह से SRL की लॉन्‍च डेट को साल 2028 के लिए शिफ्ट कर दिया गया है और सैंपल रिटर्न 2033 तक हो सकेगा।    पर्सवेरेंस रोवर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर रीजन में काम कर रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरबों साल पहले यहां एक झील और एक नदी डेल्टा था। सैंपल्‍स को इकट्ठा करने के लिए रोवर इस रीजन की सतह को खरोंच रहा है और सैंपल जुटा रहा है। इन्‍हें पृथ्‍वी पर लाने के बाद वैज्ञानिक जान पाएंगे कि मंगल ग्रह पर जीवन के संकेत हैं या नहीं।  इस पेचीदा मिशन के तहत पहले साल 2026 में SRL को NASA मार्स एसेंट व्हीकल (...

SpaceX फाल्कन 9 रॉकेट अपनी लॉन्चिंग के कई साल बाद पृथ्वी के वायुमंडल में टूटा

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फाल्कन-9 (Falcon-9) रॉकेट का एक हिस्सा पृथ्वी के वायुमंडल से गिरने के बाद मेक्सिको के ऊपर सुरक्षित रूप से टूट गया। रिपोर्टों से यह जानकारी सामने आई है। स्पेसएक्स (SpaceX) रॉकेट द्वारा एक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजे जाने के पांच साल बाद यह घटना घटी। मार्च 2017 में इसने इकोस्टार 23 (EchoStar 23) मिशन लॉन्च करने में मदद की थी। फ्रोंटेरा एस्पाशियल (@FronteraSpacial) ने 6 फरवरी को रॉकेट का एक वीडियो ट्वीट किया। एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ने भी रॉकेट की री-एंट्री की पुष्टि की थी। हालांकि कई पोस्ट ने यह सुझाव दिया है कि यह एक उल्कापिंड था। वैसे, ढहने वाला हिस्सा तकनीकी रूप से उल्कापिंड होने से बहुत दूर है।  फ्रोंटेरा एस्पेशियल के अनुसार इस मामले में रॉकेट, पृथ्वी के वायुमंडल उपर पूरी तरह से विघटित हो गया। यह उल्कापिंडों की तरह जमीन पर नहीं पहुंचा। ???? FALCON 9 DE SPACEX CAE SOBRE MÉXICO ???????? Esta noche se ha visto un " #Meteorito " cayendo sobre el norte de México. ???? En realidad era la segunda etapa de un Falcon 9 de SpaceX lanzado en marzo del 2017 con la misión EchoStar23....

पृथ्वी का छठा सामूहिक विलोपन (Earth’s Sixth Mass Extinction) : मुख्य बिंदु

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First Published: January 24, 2022 | Last Updated:January 24, 2022 बायोलॉजिकल रिव्यू (Biological Reviews) में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी ग्रह पर छठा सामूहिक विलोपन (Sixth Mass Extinction Crisis) संकट चल रहा है। पृथ्वी पहले ही अपनी कुल प्रजातियों का लगभग 13% खो चुकी है। पृथ्वी पर सामूहिक विलोपन ( Mass Extinctions on Earth) अतीत में पृथ्वी ने 5 सामूहिक विलोपन (mass extinctions) देखें हैं। अंतिम सामूहिक विलोपन लगभग 65 मिलियन वर्ष पहले हुआ था, जिसने डायनासोर का सफाया कर दिया था। मुख्य बिंदु  पृथ्वी में प्रजातियों के विलुप्त होने की दर में भारी वृद्धि देखी जा रही है और कई जानवरों और पौधों की आबादी में गिरावट आई है।इसके बावजूद, विशेषज्ञ इस बात से इनकार करते हैं कि ये घटनाएं बड़े पैमाने पर विलुप्त होने के बराबर हैं। अध्ययन के निष्कर्ष इस टीम ने घोंघे (molluscs) अर्थात भूमि घोंघे (land snails) और स्लग (slugs) का अध्ययन किया, जो ज्ञात प्रजातियों में दूसरा सबसे बड़ा संघ (second-largest phylum) है। IUCN रेड लिस्ट के आंकड़ों के अनुसार, पक्षियों और स्...

ज़ियुआन1 02E : चीन का नया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह

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First Published: December 29, 2021 | Last Updated:December 29, 2021 27 दिसंबर, 2021 को चीन द्वारा “ज़ियुआन-1 02E” नामक एक नया चीनी पृथ्वी अवलोकन उपग्रह अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया। मुख्य बिंदु  इस उपग्रह को प्राकृतिक संसाधनों की खोज के लिए लॉन्च किया गया। इसने एक छोटा उपग्रह भी लॉन्च किया, जिसका इस्तेमाल बीजिंग के स्कूल में भूगोल पढ़ाने के लिए किया जाएगा। दोनों उपग्रहों को लांग मार्च 4C रॉकेट की सहायता से लांच किया गया। ज़ियुआन-1 02E ज़ियुआन-1 02E नामक उपग्रह को एक हाई-रिज़ॉल्यूशन इन्फ्रारेड कैमरा, इन्फ्रारेड कैमरा और एक बहु-स्पेक्ट्रम इमेजर से लैस किया गया है। इस उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में आठ साल के जीवनकाल के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने के लिए हाई रिज़ॉल्यूशन में पृथ्वी की सतह का मानचित्रण करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है। इस उपग्रह से प्राप्त डेटा का उपयोग पर्यावरणीय आपदाओं के प्रति सचेत करने और पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए किया जाएगा। पृष्ठभूमि ज़ियुआन-1 02E उपग्रह पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों की श्रृंख...