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हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के लिए उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence for Hyperloop Technology) बनाया जाएगा

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First Published: May 24, 2022 | Last Updated:May 24, 2022 रेल मंत्रालय ने कहा कि वह एक स्वदेशी हाइपरलूप प्रणाली विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) के साथ सहयोग करेगा। रेल मंत्रालय IIT मद्रास में हाइपरलूप टेक्नोलॉजीज के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने में भी मदद करेगा। इस केंद्र का निर्माण IIT मद्रास द्वारा अपने मौजूदा रेलवे अनुसंधान केंद्र (CRR) के माध्यम से किया जाएगा। यह परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। IIT मद्रास और रेल मंत्रालय की क्या भूमिका होगी? इस परियोजना के लिए, IIT मद्रास को भारतीय रेलवे से 8.34 करोड़ रुपये का वित्त पोषण प्राप्त होगा। वित्तीय सहायता के साथ-साथ, भारतीय रेलवे सुरक्षा मानकों के निर्माण में भी मदद करेगा। साथ ही, रेलवे की विद्युत परीक्षण सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की जाएगी। IIT मद्रास हाइपरलूप सिस्टम के लिए पॉड, ट्यूब और ट्रैक के लिए डिजाइन प्रलेखन देने के लिए जिम्मेदार होगा। पॉड प्रोटोटाइप और वैक्यूम ट्यूब के लिए परीक्षण और प्रदर्शन डेटा वि...

11 मई : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day)

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First Published: May 11, 2022 | Last Updated:May 11, 2022 भारत की तकनीकी प्रगति को याद दिलाने के लिए हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाया जाता है। 11 मई को ही क्यों? 11 मई को, भारत ने अपनी पहली सफल शक्ति-I (Shakti-I) परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया था। इस मिसाइल का परीक्षण भारतीय सेना ने पोखरण टेस्ट रेंज, राजस्थान में किया गया था। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन शक्ति” कहा जाता था। शक्ति- I परमाणु मिसाइल के परीक्षण के बाद, भारत ने दो परमाणु हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया था। 11 मई के दिन ही DRDO (रक्षा अनुसंधान विकास संगठन) ने त्रिशूल मिसाइल (Trishul missile) का परीक्षण पूरा किया था। यह हंस-3 (Hansa-3) नामक पहले स्वदेशी विमान की उड़ान को भी चिह्नित करता है। ऑपरेशन शक्ति (Operation Shakti) ऑपरेशन शक्ति के पहले चरण का कोड नाम “स्माइलिंग बुद्धा” (Smiling Buddha) था। यह मई 1974 में आयोजित किया गया था। दूसरा परमाणु परीक्षण, 1998 में आयोजित ऑपरेशन शक्ति के दूसरे चरण को पोखरण II भी कहा जाता था और यह परमाणु बमों की 5 प...

‘गगन उपग्रह प्रौद्योगिकी’ (GAGAN Satellite Technology) क्या है?

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First Published: May 2, 2022 | Last Updated:May 2, 2022 भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India – AAI) द्वारा गगन (GAGAN – GPS Aided GEO Augmented Navigation) नामक नवीनतम स्वदेशी उपग्रह-आधारित वृद्धि प्रणाली (SBAS) तकनीक को लागू करके सफलतापूर्वक परीक्षण करने के बाद भारत ने एक प्रमुख मील का पत्थर हासिल किया है। मुख्य बिंदु  इंडिगो एशिया की पहली एयरलाइन बन गई जिसने राजस्थान के किशनगढ़ हवाई अड्डे पर उतरते समय स्वदेशी रूप से विकसित इस उपग्रह आधारित नेविगेशन प्रणाली का इस्तेमाल किया। एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत पहला देश है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है। गगन का विकास गगन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। अपलिंक और संदर्भ स्टेशनों का उपयोग करके, यह प्रणाली ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) सिग्नल में सुधार प्रदान करती है ताकि हवाई यातायात के प्रबंधन में सुधार हो सके। गगन ( GAGAN) यह एक सैटेलाइट-आधारित ऑग्मेंटेशन सिस्टम है जो नागरिक उड्डयन अनुप्रयोगों (civi...

यूरोपीय संघ और भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (Trade and Technology Council) की स्थापना करेंगे

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First Published: April 28, 2022 | Last Updated:April 28, 2022 यूरोपीय संघ और भारत तेजी से भू-राजनीतिक परिवर्तनों के अनुरूप सुरक्षा और विश्वसनीय प्रौद्योगिकी सुनिश्चित करने के लिए चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से एक व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (Trade and Technology Council) स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। मुख्य बिंदु  इस तरह की परिषद की स्थापना का निर्णय भारत के लिए अपने किसी भी भागीदार राष्ट्र के साथ ऐसा पहला अवसर है। यूरोपीय संघ ने पहले ही इस तरह की एक परिषद की स्थापना अमेरिका के साथ की थी। इस परिषद के गठन का समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई बैठक में हुआ था। दोनों नेताओं ने व्यापार वार्ता की स्थिति पर भी चर्चा की, भारत और यूरोपीय संघ के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते के साथ-साथ एक निवेश समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत फिर से शुरू हुई। व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की आवश्यकता दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि दुनिया भर में भू-राजनीतिक वातावरण में तेजी से बदलाव हो रहे हैं और ...

रेलवे की कवच प्रौद्योगिकी (KAVACH Technology) क्या है?

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First Published: February 3, 2022 | Last Updated:February 3, 2022 बजट प्रस्तुति के दौरान, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि कवच तकनीक के माध्यम से भारतीय ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। रेलवे को 1,37,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। सरकार कवच तकनीक के साथ-साथ 400 वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने वाली है। सरकार स्थानीय व्यवसायों की मदद के लिए “एक स्टेशन एक उत्पाद” (One Station One Product) योजना भी शुरू करेगी। कवच तकनीक क्या है? यह एक टक्कर रोधी तकनीक (anti – collision technology) है। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह SIL4 प्रमाणित है। यह प्रौद्योगिकी भारत को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। जैसे ही यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक में दूसरी ट्रेन का पता लगाती है, तो यह तकनीक ट्रेन को रोक देगी। पिछला बजट पिछले बजट के मुकाबले रेलवे को 20,000 करोड़ रुपये ज्यादा मिले हैं। KAVACH तकनीक कैसे काम करती है? यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार का उपयोग करती है। ...