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चांद पर नाम भेज रहा है NASA, आप भी यहां कर सकते हैं रजिस्टर

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नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने बीते रविवार को सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स के लिए एक जबरदस्त ऑफर निकाला, जिसके बाद स्पेस टेक्नोलॉजी फैन्स को चौंका दिया। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने यूजर्स को Artemis I मिशन के जरिए लाखों लोगों का नाम चांद पर भेजने का फैसला लिया है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन भी चालू है। इस घोषणा के साथ ही ट्विटर पर कई मजेदार प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। NASA ने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि 3 मिलियन (30 लाख) लोगों के नाम को Artemis I के साथ चांद पर ले जाया जाएगा। स्पेस एजेंसी ने लिखा, (अनुवादित) "आप अपना नाम चंद्रमा पर भेज सकते हैं। कैसे? अपना बोर्डिंग पास प्राप्त करने के लिए साइन अप करें और इस वर्ष #Artemis I पर चंद्रमा के चारों ओर उड़ने वाले लगभग 3 मिलियन "यात्रियों" में शामिल हों। " इस पोस्ट में एक वीडियो भी है, जिसमें चंद्रमा घूमता दिखाई दे रहा है।   Artemis I मिशन में 30 लाख लोगों के नामों को एक फ्लैश ड्राइव में स्टोर करके स्पेस में ले जाया जाएगा। आप अपने नाम को रजिस्टर कराने के लिए इस वेबसाइट पर जा सकते हैं और अपना नाम...

यह है दुनिया का सबसे छोड़ा रोबोट, चींटी से भी छोटा है साइज

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अब तक का सबसे छोटा रिमोट-कंट्रोल्ड वॉकिंग रोबोट नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों द्वारा बनाया गया है, और यह एक छोटे, Peekytoe केकड़े की शेप में डिजाइन किया गया है। पीकीटो छोटे केकड़े होते हैं, जो केवल आधा मिलीमीटर लंबे होते हैं, झुक सकते हैं, मुड़ सकते हैं, रेंग सकते हैं, चल सकते हैं, मुड़ सकते हैं और कूद भी सकते हैं। रिसर्चर्स ने मिलीमीटर साइज के रोबोट भी बनाए हैं, जो इंचवर्म, क्रिकेट और बीटल से मिलते जुलते हैं। हालांकि, रिसर्च अभी भी अपने शुरुआती चरण में है। रिसर्चर्स को उम्मीद है कि उनकी टेक्नोलॉजी उन्हें बेहद छोटे साइज के रोबोट विकसित करने में मदद करेगी, जो बहुत संकरी जगहों में भी काम करने में सक्षम होंगे। चींटी से भी छोटे साइज के यह रोबोट जटिल मशीनरी, हाइड्रोलिक्स या बिजली पर काम नहीं करता है। इसके बजाय, इसकी पावर शरीर की इलास्टिसिटी और लचीलेपन से आती है। रोबोट बनाने के लिए रिसर्चर्स ने एक शेप-मैमोरी अलॉय का इस्तेमाल किया, जो गर्म होने पर अपनी निर्धारित शेप में परिवर्तित हो जाता है। टीम ने इसकी बॉडी के विभिन्न जगहों को जल्दी से गर्म करने के लिए एक स्कैनिंग लेजर बीम का उ...

54 लाख रुपये कमाने का ऑफर दे रहा है NASA, यहां करे रजिस्ट्रेशन

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NASA ने एक नया चैलेंज लॉन्च किया है, जिसमें अमेरिकी स्पेस एसेंजी मंगल ग्रह का सिमुलेशन तैयार करने वाले को 70,000 डॉलर (करीब 54 लाख रुपये) का इनाम देगी। इस सिमुलेशन को तैयार करवाने का कारण अंतरिक्ष यात्रियों को मार्स (Mars) में हर एक कथिन परिस्थितियों के लिए तैयार करना है। इस चैलेंज को MarsXR नाम दिया गया है, जिसमें भाग लेने वाले व्यक्ति को मार्स का एक्सप्लोर किया जा चुका लगभग 400 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का सिमुलेशन बनाना होगा। एक आधिकारिक बयान में NASA ने कहा है कि एजेंसी ने इमर्सिव टेक्नोलॉजी डेवलपर एपिक गेम्स (Epic Games) के साथ "मंगल पर आने वाले अनुभवों और स्थितियों के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को तैयार करने में मदद करने के लिए अनुसंधान, विकास और परीक्षण वातावरण" बनाने के लिए भागीदारी की है। इस चैलेंज को जीतने वाले को NASA $70,000 का इनाम देगी। इस चैलेंज में भाग लेने की आखिरी तारीख  26 जुलाई है। भाग लेने के लिए इस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।    NASA MarsXR चैलेंज के लिए डेवलपर को Epic Games के Unreal Engine 5 का इस्तेमाल करते हुए नए Mars XR Operation Support System...

NASA का स्पेसक्राफ्ट जाएगा Apophis पर, पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा खतरा है यह एस्ट्रॉयड

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NASA की जेट प्रोपल्शन लैब (JPL) ने कथित तौर पर 2004 MN4 (वर्तमान में Apophis) नाम के एक एस्ट्रॉयड के पृथ्वी से 2029 में टकराने की संभावना जताई थी, जिसके बाद अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी इस एस्ट्रॉयड पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रही है। 2004 में, इस एस्ट्रॉडय को सबसे पहले एस्ट्रोनोमर फैब्रिज़िओ बर्नार्ड (Fabrizio Bernard) ने अपने दो साथियों के साथ देखा था। इसके बाद से इस एस्ट्रॉयड के ऊपर कई तरह के विश्लेषण हुए। एपोफिस की कक्षा को जांचने के पता चला कि इसके अगली शताब्दी तक पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी 2029 में यह हमारे ग्रह के बेहद करीब पहुंच जाएगा, और उस समय इसकी दूरी सिर्फ 32,000 किलोमीटर होगी। Scientific American की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि NASA वैज्ञानिकों ने उत्सुकता से 2029 में इसके आसपास से गुज़रने के समय पर इस एस्ट्रॉयड पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने का प्रस्ताव दिया है। NASA इसके लिए पहले से अंतरिक्ष में अपनी यात्रा कर रहा OSIRIS-REx यान तय किया गया है। बता दें, यह यान शुरू में 2016 में Bennu नाम के एक अन्य एस्ट्रॉयड से सैंपल एकत्र करने के मिशन ...