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तारों को भी लगते हैं झटके! सुनामी जैसा कंपन‍ बिगाड़ सकता है उनका आकार

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हमारी आकाशगंगा यानी मिल्‍की-वे में मौजूद तारे भी ‘कंपन' का अनुभव करते हैं। यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन फैक्‍ट है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि आकाशगंगा में स्थित तारे (या ग्रह) ‘स्टारक्वेक' को एक्‍सपीरियंस करते हैं। जैसे पृथ्‍वी पर सुनामी आती है, वैसा ही कुछ अभास तारों में भी होता है। दावा तो यह भी है कि ये स्टारक्वेक इतने पावरफुल हैं कि किसी तारे का आकार भी बदल सकते हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के मिल्की वे-मैपिंग गैया मिशन द्वारा यह खोज की गई है।  इस खोज तक पहुंचने में गैया स्‍पेस ऑब्‍जर्वेट्री द्वारा जुटाए गए डेटा की अहम भूमिका रही। इस ऑब्‍जर्वेट्री ने लगभग दो अरब सितारों के आंकड़े जुटाए थे, जिनके आधार पर यह खोज की गई है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी की ओर से बताया गया है कि पहले भी ऑब्‍जर्वेट्री को तारों में कंपन का पता चलता था। तारों में यह कंपन उनके आकार को बनाए रखने के लिए होता था। अब जिन कंपनों के बारे में पता चला है, वह सुनामी की तरह हैं।  इस ऑब्‍जर्वेशन से खगोलविदों को हमारी आकाशगंगा की संरचना का पुनर्निर्माण करने में मदद मिलेगी। वह पता लगा पाएंगे कि अरबों ...

Milky Way गैलेक्सी में एक अनजान चीज से निकल रही हैं X-Ray, वैज्ञानिक बोले- है नया तारा!

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अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को हमारी गैलेक्सी Milky Way में एक अजब वस्तु खोज में पता चली है। इसे MAXI J1816-195 नाम दिया गया है और यह X-ray लाइट छोड़ रही है। वैज्ञानिकों को पहली बार इसके बारे में 7 जून को पता चला था। इसे जापान की स्पेस एजेंसी के ऑल स्काई एक्स रे इमेज (MAXI) के माध्यम कैप्चर किया गया है। इस खोज पर प्रकाश खगोल भौतिक शास्त्री हितोशी निगेरो और उनकी टीम ने डाला जो जापान की निहोन यूनिवर्सिटी से हैं। उन्होंने एस्ट्रोनॉमर टेलीग्राम में एक नोटिस के रूप में पोस्ट किया कि एक नए एक्स-रे स्रोत का पता लगाया गया है।   एस्ट्रोनॉमर एलेस्सांडरो पेट्रूनो द्वारा संकलित किए गए पल्सर डेटाबेस के अनुसार, यह वस्तु 30 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी में स्थित है। उन्होंने बताया कि इसकी लोकेशन Serpens, Scutum और Sagittarius तारामंडल के प्लेन में कहीं है। यह वस्तु यूं तो काफी अधिक चमकीली दिखाई दे रही थी लेकिन वैज्ञानिक MAXI डेटा के माध्यम से इसकी पहचान नहीं कर सके। बाद में, पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के एक खगोल भौतिकशास्त्री, जेमी केनेआ और उनके सहयोगियों ने इसके असल स्थान का निरीक्षण करने के लिए नील ...

अंतरिक्ष के ‘कब्रिस्‍तान’ में वैज्ञानिकों ने खोजा रेडियो उत्‍सर्जन पैदा करने वाला न्यूट्रॉन तारा

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हमारी आकाशगंगा में असामान्य रेडियो उत्‍सर्जन पैदा करने वाले एक यूनीक न्यूट्रॉन की खोज ने खगोलविदों को हैरान कर दिया है। डेटा के विश्लेषण से रिसर्चर्स को पता चला है कि PSR J0941-4046 एक असामान्य न्यूट्रॉन तारा है, जो अन्य पल्सर की तुलना में बेहद धीमी गति से घूमता है। यह इसलिए भी खास है, क्योंकि यह न्यूट्रॉन स्टार ‘कब्रिस्तान' में रहता है। यह अंतरिक्ष में उस जगह को कहा जाता है जहां खगोलविद किसी भी रेडियो उत्सर्जन का पता लगाने की उम्मीद नहीं करते हैं। इस न्यूट्रॉन स्टार ने एक अजीब दिखने वाली फ्लैश उत्सर्जित की जो लगभग 300 मिलीसेकंड तक चली। यह फ्लैश एक न्यूट्रॉन स्टार जैसा दिखता था। रिसर्चर्स का दावा है कि यह पहले देखी गईं चीजों से एकदम अलग था। रिसर्चर्स ने उस एरिया का सर्वे करने के बाद कई और फ्लैशों का पता लगाया, लेकिन यह न्‍यूट्रॉन एकदम अलग निकला। रिसर्चर्स को लगता है कि उनकी खोज स्‍टीलर ऑब्‍जेक्‍ट्स के एक नए वर्ग के लिए रास्ता खोल सकती है।  सिडनी यूनिवर्सिटी की लेक्‍चरर मनीषा कालेब और उनके सहयोगियों ने साउथ अफ्रीका में मीरकैट रेडियो टेलीस्कोप का इस्‍तेमाल करते हुए मिल्की वे के ‘...

हमारे सूर्य से 32 गुना बड़ा और 2 लाख गुना ज्‍यादा चमकदार तारा देखा है आपने?

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रात के साफ आसमान में हमें लाखों तारे दिखाई देते हैं। पृथ्‍वी से लाखों-‍करोड़ों किलोमीटर दूर स्थित ये तारे जगमगाते छोटे बिंदुओं की तरह दिखाई देते हैं। लेकिन हमारे अस्तित्व का तारा है सूर्य। इसके चारों ओर पृथ्वी समेत कई ग्रह चक्‍कर लगाते हैं। क्‍या आप किसी ऐसे तारे के बारे में सोच सकते हैं, जो हमारे सूर्य से 200,000 गुना ज्‍यादा चमकीला और 32 गुना ज्‍यादा बड़ा हो। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक इमेज शेयर की है। इसमें दिखाया गया है कि तारे के आसपास की दुनिया कैसी दिखाई देगी। इमेज में ब्रह्मांड के परिदृश्य को दिखाया गया है, जो शांत नजर आता है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।  हर्शल 36 (Herschel 36) नाम का यह स्‍टार ‘लैगून नेबुला' (Lagoon Nebula) के केंद्र में है। यह लगभग 4,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह ताकतवर पराबैंगनी किरणों समेत अशांत गैसों, तेज रेडिएशन से भरा है। इन इंटरेक्‍शंस की वजह से ‘लैगून नेबुला' में गैस और धूल के पहाड़ों के एक काल्पनिक परिदृश्य दिखाई देता है।    नासा ने बताया है कि यह विशाल तारा अभी युवा है। लगभग 1 मिलियन वर्ष ही पुराना है और हाइ...

अनोखा ब्‍लैक होल, तारों की तरह बदल देता है अपना चुंबकीय क्षेत्र, क्‍या है वजह?

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ब्लैक होल के आसपास कुछ ऐसा है, जो अंतरिक्ष में दिलचस्‍पी रखने वालों को उत्‍साहित करता है। ब्‍लैक के रहस्‍य और इसके पीछे छिपी फ‍िजिक्‍स ने वैज्ञानिकों को वर्षों से सोचने पर मजबूर किया है। ब्‍लैक होल को ब्रह्मांड का इंजन भी कहा जाता है, क्‍योंकि अक्‍सर ये एक्टिव गैलेक्टिक न्‍यूक्लिआई को ऊर्जा प्रदान करते हैं। अक्‍सर ब्‍लैक होल के मैग्‍नेटिक फील्‍ड के बारे में चर्चा की जाती है, लेकिन इनका अपना कोई मैग्‍नेटिक फील्‍ड नहीं होता। एक डिस्क के रूप में ब्लैक होल को घेरने वाला प्लाज्मा ही इनके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। वैज्ञानिकों ने 239 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा 1ES 1927+654 पर अपनी जांच करते हुए इसके विशाल ब्लैक होल के चारों ओर की चमक में अचानक बदलाव देखा है।  इस चमक को ब्लैक होल के चुंबकीय क्षेत्र में अचानक हुए बदलाव की वजह माना जा रहा है। तारों के बारे में हमेशा बना जाता है कि वह मैग्‍नेटिक रिवर्सल पैदा करते हैं, वहीं ब्लैक होल के मामले में ऐसा नहीं माना जाता है। हमारा सूर्य हर 11 साल में अपने चुंबकीय क्षेत्र को रिवर्स कर देता है, लेकिन इसके मुकाबले किसी ब्‍लैक हो...

Nasa के हबल टेलीस्‍कोप ने खोजा अब तक का सबसे दूर और पुराना तारा

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खगोलविदों ने ब्रह्मांड में अब तक देखे गए सबसे दूर और पुराने तारे की खोज की है। यह तारा 12.9 अरब साल पहले भी चमकता था। इस तारे की रोशनी ने पृथ्वी तक पहुंचने के लिए 12.9 अरब प्रकाश-वर्ष की यात्रा की होगी। खगोलविदों का कहना है कि नया खोजा गया तारा वैसे ही दिखाई दिया, जैसे वह तब दिखाई दिया था जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का सिर्फ 7 प्रतिशत था। इसे हबल स्पेस टेलीस्कोप ने देखा है और अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर इसकी इमेज शेयर की है। इसके कैप्‍शन के मुताबिक हबल ने अब तक देखे गए सबसे दूर व्यक्तिगत तारे को देखकर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस तारे को एरेन्डेल (Earendel) नाम दिया गया है। खगोलविदों का कहना है कि एरेन्डेल ने हमारे ब्रह्मांड के पहले अरब वर्षों में जगमगाना शुरू किया। एरेन्डेल का द्रव्‍यमान हमारे सूर्य के द्रव्‍यमान का 50 गुना होने का अनुमान है। चमकने के मामले में भी यह हमारे सूर्य से लाखों गुना तेज है।    जर्नल नेचर में प्रकाशित पेपर के लेखक ब्रायन वेल्च ने कहा है कि पहले तो उन्‍हें इस खोज पर विश्‍वास ही नहीं हुआ, क्‍योंकि यह तारा रेडशिफ्ट स्टार से बहुत दूर था। गौरतलब है कि रेडशिफ्ट और...

तारे में विस्‍फोट से निकली गैसों को हबल टेलीस्‍कोप ने किया कैमरे में कैद

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कई साल से अंतरिक्ष के गहरे रहस्‍यों को सामने ला रहे हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप (Hubble Space Telescope) ने एक बार फ‍िर बेहतरीन तस्‍वीर से रू-ब-रू कराया है। टेलीस्‍कोप ने एक युवा तारे के साथ होने वाली घटना को कैप्‍चर किया है। नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने इसे ‘विस्पी स्ट्रक्चर' कहा है। वैसे इसे हर्बीग-हारो ऑब्जेक्ट (HH34) कहा जाता है। ट्विटर पर इमेज शेयर करते हुए ESA ने लिखा कि यह तस्‍वीर उस गैस की है, जो जेट जितनी हाईस्‍पीड से तारे के पास से गुजर रही है। इस वजह से ही ‘विस्पी स्ट्रक्चर' बना है। नासा ने कहा है कि ये चीजें कुछ साल में अनोखे ढंग से डेवलप हो सकती हैं।  तस्‍वीर को कैद करने के लिए हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप ने अपने ‘वाइड फील्ड कैमरा 3' का इस्‍तेमाल किया। ESA ने बताया है कि एक नवजात तारे में विस्‍फोट की वजह से यह गैस निकलीं। आमतौर पर किसी तारे के बनने के शुरुआती वक्‍त में ऐसे वाकये होते हैं। इस वजह से निकलने वाली गैस सुपरसोनिक स्‍पीड से आगे बढ़ती हैं। ऐसा ही कुछ मौजूदा इमेज में भी दिखाई दे रहा है।  हर्बिग-हारो ऑब्‍जेक्‍ट्स तब बनते हैं, जब गैस का जेट अप...

भारतीय वायुसेना (IAF) में महिला फाइटर पायलटों को स्थाई तौर पर शामिल किया जायेगा

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First Published: February 3, 2022 | Last Updated:February 3, 2022 1 फरवरी, 2022 को, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महिलाओं को लड़ाकू पायलटों के रूप में शामिल करने की प्रायोगिक योजना को स्थायी में बदलने के सरकार के फैसले की घोषणा की। मुख्य बिंदु भारतीय वायु सेना (IAF) में महिलाओं को लड़ाकू विमान उड़ाने की अनुमति देने की प्रायोगिक योजना छह साल पहले 2015 में शुरू की गई थी। 2016 में प्रायोगिक योजना के लागू होने के बाद से अब तक 16 महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया है। अब, रक्षा मंत्रालय ने इस योजना को स्थायी बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। पृष्ठभूमि इस कदम की घोषणा ऐसे समय की गई जब सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए नए दरवाजे खुल गए हैं। भारतीय नौसेना महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों के साथ युद्धपोतों में सेवा के अवसर प्रदान करने की योजना पर आगे बढ़ रही है। भारतीय सेना ने भी महिलाओं को हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति दी है। वे अब स्थायी कमीशन के लिए पात्र हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी जून 2022 में महिला कैडेटों के पहले बैच को शामिल करने के ...

पहली बार वैज्ञानिकों ने विशाल लाल तारे को विस्‍फोट करते हुए देखा, ऐसा था नजारा

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अंतरिक्ष में विशाल तारों के मरने की खबरें हमने अक्‍सर पढ़ी हैं। कभी आपने सोचा है कि यह नजारा कैसा होगा? एक तारा पृथ्‍वी से कैसा दिखाई देगा, जब वह अपने अंत के निकट होगा? रिसर्चर्स ने टेलिस्‍कोप का इस्‍तेमाल करके एक विशाल लाल तारे में विस्फोट को देखा। यह तारा पृथ्वी से 120 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित NGC 5731 आकाशगंगा में स्थित था। वैज्ञानिकों ने बताया कि विस्फोट से पहले यह तारा सूर्य से 10 गुना अधिक बड़ा था। इसमें मौजूद हाइड्रोजन, हीलियम और अन्य तत्वों के जरिए जलने के बाद यह फट गया। इस घटना को देखने से पहले खगोलविदों का मानना ​​था कि विस्फोट से पहले विशालकाय तारा शांत था।  यह रिसर्च एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में 6 जनवरी को प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि विशाल तारों में जब विस्‍फोट होता है, उसे देखना मील का पत्‍थर है। इस स्‍टडी के प्रमुख लेखक व्यान जैकबसन-गैलन (Wynn Jacobson-Galan) ने एक बयान में कहा कि विशालकाय लाल तारे को विस्फोट करते देखना एक बड़ी सफलता है।' CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इस‍ विशाल तारे में असामान्य गतिविधि का पता खगोलविदों ने 130 दिन पहले लगाया था। यूनिवर्सिटी ऑ...