अंतरिक्ष के ‘कब्रिस्तान’ में वैज्ञानिकों ने खोजा रेडियो उत्सर्जन पैदा करने वाला न्यूट्रॉन तारा
इस न्यूट्रॉन स्टार ने एक अजीब दिखने वाली फ्लैश उत्सर्जित की जो लगभग 300 मिलीसेकंड तक चली। यह फ्लैश एक न्यूट्रॉन स्टार जैसा दिखता था। रिसर्चर्स का दावा है कि यह पहले देखी गईं चीजों से एकदम अलग था। रिसर्चर्स ने उस एरिया का सर्वे करने के बाद कई और फ्लैशों का पता लगाया, लेकिन यह न्यूट्रॉन एकदम अलग निकला। रिसर्चर्स को लगता है कि उनकी खोज स्टीलर ऑब्जेक्ट्स के एक नए वर्ग के लिए रास्ता खोल सकती है।
सिडनी यूनिवर्सिटी की लेक्चरर मनीषा कालेब और उनके सहयोगियों ने साउथ अफ्रीका में मीरकैट रेडियो टेलीस्कोप का इस्तेमाल करते हुए मिल्की वे के ‘वेला-एक्स 1 रीजन' में यह खोज की है। मनीषा और सहयोगियों को पता चला कि PSR J0941-4046 नाम की इस नई चीज में ‘पल्सर' या ‘मैग्नेटर' की कुछ खूबियां थीं। उनकी फाइंडिंग्स नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित हुई हैं।
पल्सर, तारों के घने अवशेष हैं जो फट गए हैं। ये अपने ध्रुवों से रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करते हैं। पल्सर के घूमने पर इन्हें पृथ्वी से मापा जा सकता है। घूर्णन की वजह से ही पल्सर चमकते हुए लाइटहाउस की तरह दिखाई देते हैं। वहीं, मैग्नेटर में एक अल्ट्रा-पावरफुल चुंबकीय क्षेत्र होता है, जो बड़ी मात्रा में ऊर्जा को फ्लेयर्स के रूप में छोड़ता है।
तारों की बात करें, तो क्या आप किसी ऐसे तारे के बारे में सोच सकते हैं, जो हमारे सूर्य से 200,000 गुना ज्यादा चमकीला और 32 गुना ज्यादा बड़ा हो। हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक इमेज शेयर की है। इसमें दिखाया गया है कि तारे के आसपास की दुनिया कैसी दिखाई देगी। इमेज में ब्रह्मांड के परिदृश्य को दिखाया गया है, जो शांत नजर आता है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।
हर्शल 36 (Herschel 36) नाम का यह स्टार ‘लैगून नेबुला' (Lagoon Nebula) के केंद्र में है। यह लगभग 4,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह ताकतवर पराबैंगनी किरणों समेत अशांत गैसों, तेज रेडिएशन से भरा है। नासा ने बताया है कि यह विशाल तारा अभी युवा है। लगभग 1 मिलियन वर्ष ही पुराना है और हाइड्रोजन व नाइट्रोजन जैसी गैसों के अपने प्राकृतिक कोकून रिलीज कर रहा है।
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