वैज्ञानिकों ने खोला स्पेस के Black Holes का राज! निगले गए पदार्थ के साथ होता है ये ...

फिजिक्स के एक्सपर्ट्स ने ब्लैक होल से जुड़े एक रहस्य को सुलझा लिया लगता है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने पता लगाया है कि उस पदार्थ का क्या होता है जो ब्लैक होल अपने भीतर निगल लेता है। वैज्ञानिकों ने इसे वॉर्महोल (wormholes) का नाम दिया है। किताबी भाषा में समझें तो ये स्पेस टाइम के संदर्भ में एक तरह के टनल के रूप में मौजूद होते हैं जिनके दोनों तरफ के छोर खुले होते हैं। ब्लैक होल्स अंतरिक्ष के ऐसे क्षेत्र को कहा गया है जिसके भीतर से कोई भी पदार्थ गुजर कर नहीं जा सकता है। कहा जाता है कि ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि कोई भी चीज, यहां तक कि प्रकाश भी इसके अंदर निगल लिया जाता है। जापान के RIKEN रिसर्च इंस्टिट्यूट की एक टीम ने कहा कि ब्लैक होल वॉर्महोल होते हैं, जिसका मतलब है कि ब्लैक होल्स में एक निकलने का टनल होता है जिसमें से अंदर निगला गया पदार्थ वापस ब्रह्मांड में छोड़ दिया जाता है। 

इस मॉडल को RIKEN के वैज्ञानिकों ने सुझाया है जिसमें रिकेन इंटरडिसिप्लिनरी थ्योरिटिकल एंड मैथेमेटिकल साइंसेज के शोधकर्ता Kanato Goto भी शामिल हैं। यह कॉन्सेप्ट साइंस फिक्शन मूवी के जैसा प्रतीत होता है। हालांकि, अगर यह तथ्य सही साबित होता है तो ब्लैक होल्स को लेकर अब तक बने बहुत बड़े रहस्य से पर्दा उठ जाएगा। 

Albert Einstein की थ्योरी ऑफ जनरल रिलेटिविटी कहती है कि ब्लैक होल से कोई भी चीज बाहर नहीं निकल सकती है। लेकिन, 1970 में Stephen Hawking ने कहा कि ब्लैक होल में से सिकुड़ते समय रेडिएशन निकलती है जिसे Hawking radiation कहा गया। इसे ब्लैक होल का वाष्पीकरण (evaporation) कहा जाता है। अगर हॉकिंग्स के कॉन्सेप्ट को आधार माना जाए तो ब्लैक होल में जो पदार्थ गया है, उसे भी भाप बनकर उड़ जाना चाहिए। लेकिन क्वान्टम फिजिक्स कहती है कि यूनिवर्स से कुछ भी चीज खत्म नहीं हो सकती है। जिससे फिर से दोनों कॉन्सेप्ट के बीच विरोधाभास पैदा हो जाता है। 

Goto ने एक बयान में कहा, "इससे पता चलता है कि जनरल रिलेटिविटी और क्वान्टम मैकेनिक्स वर्तमान में एक दूसरे के विपरीत खड़े हैं। हमें क्वान्टम ग्रेविटी के लिए संयुक्त फ्रेमवर्क खोजना होगा।" 

अब तक यह जानने के बहुत प्रयास किए जा चुके हैं कि ब्लैक होल से कोई इन्फॉर्मेशन बाहर जा सकती है या नहीं। लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई निश्चित उत्तर नहीं मिल सका है। Goto और उनके साथियों ने इसका वर्णन करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, "वॉर्महोल एक पुल की तरह ब्लैक होल के भीतर और बाहर की रेडिएशन के बीच काम करता है। लेकिन कुछ सवालों के उत्तर अभी भी नहीं मिले हैं। हमें अभी भी बेसिक मैकेनिज्म का नहीं पता है कि रेडिएशन के माध्यम से इन्फॉर्मेशन कैसे बाहर ले जाई जा सकती है।"

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