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चीन ने सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक विमानवाहक पोत “फ़ुज़ियान” (Fujian) लॉन्च किया

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First Published: June 20, 2022 | Last Updated:June 20, 2022 17 जून, 2022 को चीन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी नौसेना की सीमा का विस्तार करने के लिए “फ़ुज़ियान” नाम से अपना तीसरा विमानवाहक पोत लॉन्च किया। फ़ुज़ियान विमानवाहक पोत ( Fujian Aircraft Carrier) यह विमानवाहक पोत सबसे उन्नत और पहला “पूरी तरह से घरेलू रूप से निर्मित” नौसैनिक पोत है। इसे शंघाई के जियांगन शिपयार्ड में एक संक्षिप्त समारोह में लॉन्च किया गया। यह पहला घरेलू डिजाइन और निर्मित कैटापल्ट विमानवाहक पोत है। पृष्ठभूमि शंघाई के COVID-19 लॉकडाउन के कारण फ़ुज़ियान जहाज के  लांच में दो महीने की देरी हुई। इस जहाज का निर्माण किसने किया? यह विमानवाहक पोत चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया गया है। फ़ुज़ियान की विशेषताएं फ़ुज़ियान में 80,000 टन से अधिक की विस्थापन क्षमता है। यह अरेस्टिंग डिवाइसेस और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट्स से लैस है। इसका नाम चीन के फ़ुज़ियान प्रांत के नाम पर रखा गया है। चीन के अन्य विमानवाहक पोत लियाओनिंग (Liaoning) चीन का पहला विमानवा...

चीन निकला NASA से दस कदम आगे, बना रहा दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे पावरफुल टेलीस्कोप!

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दुनिया की सबसे घनी आबादी वाला देश अब दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप भी लगाने की तैयारी कर चुका है। चीन और अमेरिका का तनाव किसी से छुपा नहीं है लेकिन तकनीकी के मामले में भी चीन अमेरिका से पीछे नहीं रहना चाहता है। चीन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा से 10 कदम आगे निकलने की तैयारी कर चुका है और सब उसके प्लान के मुताबिक हुआ तो वह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप जल्द ही स्थापित करने में कामयाब हो जाएगा। चीन ने इसे वेरी लार्ज एरिया गामा रे स्पेस टेलीस्कोप (Very Large Area gamma-ray Space Telescope) का नाम दिया है। इसका संक्षिप्त नाम VLAST रखा गया है। टेलीस्कोप का कुछ हिस्सा बनकर तैयार भी हो चुका है।  South China Morning Post की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे बड़ा गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप बनाना शुरू किया है जिसके जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। नानजिंग पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी, हेफई यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस और लेनझू इंस्टिट्यूट ऑफ मॉडर्न फिजिक्स के शोधकर्ता इस प्रोजेक्ट को मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तकनीकी रूप से यह टेलीस्कोप कितना एडवा...

चीन अंतरिक्ष में बनाएगा सौर उर्जा संयंत्र

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First Published: June 14, 2022 | Last Updated:June 14, 2022 हाल ही में, चीन ने 2028 में निरंतर बिजली प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष में एक सौर ऊर्जा संयंत्र शुरू करने की योजना का प्रस्ताव रखा। मुख्य बिंदु  चीन ने 2030 तक अंतरिक्ष में 1 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई थी। हालांकि, अपडेटेड प्लान के मुताबिक चीन 2028 में एक सैटेलाइट लॉन्च करेगा। अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना  यह उपग्रह 400 किमी की ऊंचाई से अंतरिक्ष से जमीन तक वायरलेस पावर ट्रांसमिशन तकनीक का परीक्षण करेगा। यह सौर ऊर्जा को माइक्रोवेव या लेजर में बदल देगा। लेज़रों का उपयोग करते हुए, ऊर्जा पुंजों को विभिन्न लक्ष्यों की ओर निर्देशित किया जाएगा, जिसमें गतिमान उपग्रह और पृथ्वी पर निश्चित स्थान शामिल हैं। सौर ऊर्जा संयंत्र की क्षमता 10 किलोवाट होगी, जो कुछ घरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। परीक्षण सुविधा अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा स्टेशन की सैद्धांतिक व्यवहार्यता के लिए, चीन चोंगकिंग के बिशन जिले में 33-एकड़ परीक्षण सुविधा का निर...

एलियंस की खोज में चीन! पृथ्‍वी से बाहर जीवन की तलाश के लिए बनाया मिशन

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साइंस बरसों से इस कोशिश में है कि पृथ्‍वी के नजदीक किसी ऐसे ग्रह का पता लगा सके, जहां जीवन मुमकिन हो। दुनियाभर के वैज्ञानिक कई साल से इन ग्रहों की खोज में जुटे हैं, लेकिन उन्‍हें कोई बड़ी कामयाबी अबतक नहीं मिल पाई है। बहरहाल अब चीन ने इस मिशन को अपने हाथ में लिया है। उसने एक ऐसे मिशन का प्रस्‍ताव रखा है, जो ऐसे ग्रहों की खोज में एक अलग रास्‍ता अपना सकता है। चीनी वैज्ञानिकों को उम्‍मीद है कि यह मिशन पृथ्‍वी से बाहर इन ग्रहों को लेकर पुख्‍ता नजर‍िया पेश कर सकता है। इस मिशन का नाम है क्लोजबाय हैबिटेबल एक्सोप्लैनेट सर्वे (CHES)। इस मिशन के तहत चीन हमारी पृथ्‍वी के आसपास स्थित तारों पर मौजूद ग्रहों की परिक्रमा के असर को जानेगा। इन ग्रहों को एक्‍सोप्‍लैनेट कहा जाता है। ऐसे ग्रह जो सूर्य के अलावा अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, वो एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। मिशन के जरिए यह समझने की कोशिश की जाएगी कि क्‍या फलां ग्रह में जीवन को बनाए रखने की क्षमता है। अगर ऐसा होता है, तो यह विज्ञान के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है। बताया जाता है कि इस मिशन को एक स्‍पेसक्राफ्ट के जरिए पूरा किया जाएगा।  रिपो...

चांद पर जीवन की तलाश में चीन निकला एक कदम आगे, तैयार कर रहा खास सिस्टम!

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पृथ्वी के अलावा कहीं दूसरे ग्रह पर जीवन को संभव बनाया जा सकता है, इसे लेकर सालों से गहन शोध किया जा रहा है। धरती के अलावा किसी दूसरी दुनिया में रहने की बात जब आती है तो सबसे पहली संभावना चांद पर तलाशी जाती है। चांद ही पृथ्वी के नजदीक एक मात्र ऐसा उपग्रह है जहां पर मनुष्य इस कोशिश को हकीकत बनाने का सपना देखता आया है। चांद पर मनुष्य के रहने लायक वातावरण बनाने के लिए गहन शोध किए जा रहे हैं। इसमें जीवन की कुछ मूलभूत जरूरतें जैसे कि पानी, हवा और लम्बे वक्त चलने वाले ऊर्जा स्रोत आदि के बारे में अध्य्यन किया जा रहा है।  चीन के वैज्ञानिकों ने इसी संबंध में एक स्टडी की है जिसमें उन्होंने कहा है कि चांद की मिट्टी में ऐसे एक्टिव तत्व हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन और ईंधन या ऊर्जा में बदल सकते हैं। चीन की ओर से पिछले साल चांद पर एक बेनाम मिशन भेजा गया था। यह स्टडी चांद पर से पिछले साल लाई गई उसी मिट्टी के नमूनों पर की गई है। Joule नाम के जर्नल में इस स्टडी को प्रकाशित भी किया गया है। अब शोधकर्ता इस बारे में जांच करने में लगे हुए हैं कि क्या चांद पर मौजूद मिट्टी मानव बस्ती बसाने के लिए उ...

केंद्र सरकार ने चीनी के निर्यात पर रोक लगाई

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First Published: May 30, 2022 | Last Updated:May 30, 2022 केंद्र सरकार ने चीनी सीजन 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी की उपलब्धता बढ़ाने और मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए 1 जून, 2022 से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है । आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के त्योहारी सीजन में चीनी की मांग बढ़ जाती है और इसलिए सरकार इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्य बिंदु  विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी इस अधिसूचना के अनुसार, चीनी (कच्ची, परिष्कृत और सफेद चीनी) के निर्यात को 1 जून, 2022 से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। हालाँकि, ये प्रतिबंध CXL और टैरिफ रेट कोटा (TRQ) के तहत यूरोपीय संघ (EU) और अमेरिका को निर्यात की जाने वाली चीनी पर लागू नहीं होते हैं।  सरकार की प्राथमिकता घरेलू बाजार में उचित दर पर खपत के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना और अधिक चीनी को इथेनॉल उत्पादन में बदलना है। हालांकि, किसान निर्यात नियंत्रण को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें निर्यात नियंत्रण का बहाना बताते हुए व्यापारि...

टेड्रोस अदनोम गेब्रेयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) फिर से WHO के महानिदेशक चुने गए

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First Published: May 28, 2022 | Last Updated:May 28, 2022 टेड्रोस अदनोम गेब्रेयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) को दूसरे कार्यकाल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक के रूप में फिर से चुना गया है। मुख्य बिंदु  टेड्रोस इथियोपिया से हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख बनने वाले पहले अफ्रीकी हैं। वह इथियोपिया के पूर्व स्वास्थ्य और विदेश मामलों के मंत्री हैं। उन्हें WHO के महानिदेशक के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया हैं। टेड्रोस ने COVID-19 महामारी की वैश्विक प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया। WHO के महानिदेशक के रूप में उनका पहला कार्यकाल अशांत था, क्योंकि उन्हें कोविड​​​​-19 महामारी की प्रतिक्रिया के बारे में आलोचना का सामना करना पड़ा। अपने पहले कार्यकाल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन की कठपुतली होने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने अमेरिका को WHO से बाहर निकालना भी शुरू कर दिया था। हालाँकि, जब से जो बाईडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, टेड्रोस को अमेरिका में समर्थन प्राप्त हुआ। टेड्रोस को अपने देश इथियो...

चीन में 630 फीट गहरे सिंकहोल के नीचे मिला विशाल जंगल

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ये दुनिया अनग‍िनत रहस्‍यों से भरी है, जहां हर रोज कुछ ना कुछ खोज के रूप में हमें हैरान करता है। अब चीन में वैज्ञानिकों की टीम ने विशाल सिंकहोल की खोज की है, जिसके नीचे जंगल है। रिपोर्टों के अनुसार, यह सिंकहोल 630 फीट (192 मीटर) गहरा है। वैज्ञानिकों की एक टीम इस सिंकहोल के अंदर दाखिल हुई और वहां का नजारा देखकर हैरान रह गई। उन्‍हें खाई में तीन एंट्री पॉइंट मिले। इसके साथ ही करीब 40 मीटर ऊंचे पेड़ दिखे। सूर्य की रोशनी हासिल करने के लिए ये पेड़ अपनी लंबी शाखाओं की मदद लेते हैं। चीन के गुआंग्शी ज़ुआंग ऑटोनॉमस रीजन की लेये काउंटी में इन पेड़ों और जंगल की खोज की गई है। माना जा रहा है कि इनमें ऐसी प्रजातियां भी हो सकती हैं, जिन्हें अभी तक खोजा नहीं गया है। सिंकहोल का निर्माण एसिडिक वर्षा जल की वजह से होता है। इसकी वजह से मिट्टी अपनी जगह से हटने लगती है और वहां छेद होने लग जाता है। ये छेद काफी बड़े हो जाते हैं, तो आसपास की मिट्टी और पत्‍थरों को ढहा देते हैं, जिससे एक सिंकहोल बन जाता है। livescience की रिपोर्ट के अनुसार, सिंकहोल के अंदर तीन प्रवेश द्वारा मिले। ये 1,004 फीट लंबे और 492 फीट चौ...

चीन ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर उड़ाया एयरशिप और बना दिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानें क्या था मकसद?

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चीन ने वायुमंडलीय संरचना से संबंधित डेटा और सतह से वाटर वैपर ट्रांस्पोर्टिंग प्रोसेस के बारे में अधिक जानकारी जुटाने और उसका अध्ययन करने के लिए रिकॉर्ड ऊंचाई के साथ माउंट एवरेस्ट पर एक एयरशिप उड़ाया है। मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली है कि यह एयरशिप माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) से 9,032 मीटर ऊपर उड़ान भरी। बता दें कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है। चीन के इंटरनेशनल TV चैनल CGTN के अनुसार, चीन के एयरशिप ने माउंट एवरेस्ट के ऊपर 30 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से उड़ान भरी। यह उड़ान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेस कैंप से उड़ान भरी गई। इस एयरशिप का नाम Jimu No. 1 बताया जा रहा है, जो 2.625 टन वजनी है और इसका वॉल्यूम 9,060 क्यूबिक मीटर है। इसके नीचे जुड़े वाहन का वजन 90 टन है। मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, एयरशिप का इस्तेमाल मुख्य रूप से वातावरण संरचना डेटा रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है, जिसमें पर्यावरण में मौजूद ब्लैक कार्बन, धूल, कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की जानकारी मिल सके। वैज्ञानिक सतह से 9,000 मीटर की ऊंचाई तक वाटर वैपर के ट्रांस्पोर...

जॉन ली (John Lee) चुने गए हांगकांग के अगले नेता

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First Published: May 11, 2022 | Last Updated:May 11, 2022 पूर्व सुरक्षा प्रमुख जॉन ली का-चिउ (John Lee Ka-chiu) को हाल ही में हांगकांग के अगले नेता के रूप में चुना गया है। इस कदम को व्यापक रूप से शहर पर अपनी पकड़ मजबूत करने के चीनी सरकार के कदम के रूप में माना जा रहा है। मुख्य बिंदु  शहर के मुख्य कार्यकारी चुनाव होने के बाद कैरी लैम को जॉन ली द्वारा रीप्लेस किया जा रहा है। 1 जुलाई, 2022 से  ली शहर के मुख्य कार्यकारी के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल शुरू करेंगे। 2019 में हिंसक कार्रवाई के दौरान ली ने क्या भूमिका निभाई? 2019 में, वह सुरक्षा सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे, जब पुलिस ने लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई शुरू की। एक विवादास्पद विधेयक की घोषणा के बाद विरोध शुरू हुआ, जो एक व्यक्ति को मुख्य भूमि चीन में प्रत्यर्पित करने की अनुमति देगा। ली ने हांगकांग के पुलिस बल को विरोध करने वाले सभी लोगों पर रबर की गोलियों, आंसू गैस, पानी और यहां तक ​​​​कि निश्चित समय पर गोला बारूद का उपयोग करने की अनुमति दी थी। जॉन ली पर अमेरिक...

चीन ने तेज किया अपने अंतरिक्ष स्‍टेशन का निर्माण, अगले मिशन के लिए पहुंचाए स्पेयर पार्ट्स

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चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। उसका मून मिशन तो जारी है ही, मंगल मिशन की भी तैयारियां चल रही हैं। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन की तर्ज पर वह अपना अंतरिक्ष स्‍टेशन तैयार कर रहा है, जिसके लिए एक कार्गो जहाज को मंगलवार को निर्माणाधीन स्‍पेस स्टेशन के साथ डॉक किया गया। तियानझोउ-4 अंतरिक्ष यान को हैनान के दक्षिणी द्वीप प्रांत में वेनचांग लॉन्च बेस से लॉन्ग मार्च-7 Y5 रॉकेट के ऊपर अंतरिक्ष में उतारा गया। देश की स्‍टेट मीडिया ने बताया कि इसे लगभग सात घंटे बाद स्टेशन के साथ डॉक किया गया। यह कार्गो जहाज अगले चालक दल के लिए रिसर्च इक्विपमेंट और स्टेशन को मेंटेन करने के लिए स्पेयर पार्ट्स को सप्‍लाई कर रहा है। एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चालक दल 6 महीने अंतरिक्ष में बिताएगा। पिछले महीने ही एक अन्‍य चालक दल 6 महीने बिताकर अंतरिक्ष से लौटा था। अब अगले मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाला 3 सदस्‍यीय चालक दल वहां शेनझोउ 14 कैप्सूल में दो मॉड्यूल जोड़ने के लिए जाएगा। तियांगोंग जिसे हेवनली पैलेस भी कहते हैं, उसका मुख्‍य मॉड्यूल अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका ...

इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) का फिर से चुने गये फ्रांस के राष्ट्रपति

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First Published: April 25, 2022 | Last Updated:April 25, 2022 24 अप्रैल 2022 को, फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने मरीन ले पेन को पराजित किया गया। मुख्य बिंदु  मरीन ले पेन एक दक्षिणपंथी नेता हैं जिन्हें मैक्रों ने हराया था। मैक्रों पिछले 20 वर्षों में फिर से निर्वाचित होने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति हैं। चुनाव का मतदान केवल 72% से कम था जो 1969 के बाद सबसे कम है। 30 लाख से अधिक लोगों ने खाली या खराब वोट डाला था। मैक्रों को 51.5 फीसदी वोट मिले जबकि ले पेन को 41.5 फीसदी वोट मिले।  इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) 14 मई, 2017 से, इमैनुएल मैक्रों फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अपनी अध्यक्षता के दौरान, उन्होंने कराधान, श्रम कानूनों और पेंशन में कई सुधारों की देखरेख की है। उनके द्वारा अक्षय ऊर्जा संक्रमण के क्षेत्र में भी काफी कार्य किया गया। उनके द्वारा प्रस्तावित ईंधन कर के परिणामस्वरूप 2018 में येलो वेस्ट विरोध प्रदर्शन हुए थे। 2020 से, वह COVID-19 महामारी और टीकाकरण के रोलआउट के लिए फ्र...

चीन और सोलोमन द्वीप ने सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए

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First Published: April 25, 2022 | Last Updated:April 25, 2022 चीन और सोलोमन द्वीप के बीच एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। सोलोमन द्वीप समूह के साथ मौजूदा सहयोग व्यवस्था को बढ़ाने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मुख्य बिंदु  सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री मनश्शे सोगावरे (Manasseh Sogavare) ने कहा कि राष्ट्र में सुरक्षा चिंताओं को सुधारने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते की घोषणा के साथ, इस समझौते के प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं क्योंकि यह चीन को इस दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में एक पैर जमाने में मदद करता है। समझौते के बारे में इस समझौते का विवरण जारी नहीं किया गया है, लेकिन लीक हुए एक मसौदे ने सुझाव दिया कि चीनी पुलिस को सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए द्वीपसमूह के अनुरोध पर तैनात किया जाएगा और चीनी युद्धपोत सोलोमन द्वीप पर रुक सकते हैं। साथ ही, दोनों पक्षों को समझौते के विवरण का खुलासा करने के लिए दूसरे से लिखित सहमति की आवश्यकता होगी। अन्य देशों द्वारा उठाई गई चिंताएं इस समझौते का सबसे मुखर आलोचक ऑस्ट्रे...

6 महीने अंतरिक्ष में बिताएंगे 3 चीनी एस्‍ट्रोनॉट, जून में होगा मिशन लॉन्‍च

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अमेरिका और बाकी पश्चिमी देशों को मजबूत कॉम्‍पिटिशन देते हुए चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ा रहा है। जून महीने में तीन और अंतरिक्ष यात्रियों को नए स्‍पेस स्‍टेशन में भेजे जाने की तैयारी है। हाल ही में इस स्‍पेस स्‍टेशन में 6 महीने का समय बिताकर यात्रियों का एक ग्रुप देश वापस लौटा है। साल 2003 में चीन ने अपना महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत पहले अंतरिक्ष यात्री को लॉन्‍च किया गया था। इसके बाद अहम उपलब्‍ध‍ि साल 2013 में चीन के नाम हुई, जब उसने चंद्रमा पर अपना रोवर उतारा। पिछले साल मंगल ग्रह पर भी चीन अपना रोवर उतार चुका है। बताया जा रहा है कि चंद्रमा पर एक क्रू मिशन को भेजने के बारे में भी चीन चर्चा कर रहा है।   एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के स्‍पेस इंजीनियरिंग ऑफ‍िस के डायरेक्‍टर- हाओ चुन ने एक न्‍यूज कॉन्‍फ्रेंस में बताया कि शेनझोउ 14 कैप्सूल का चालक दल स्टेशन में दो मॉड्यूल जोड़ने के लिए तियांगोंग पर छह महीने बिताएंगे। तियांगोंग जिसे हेवनली पैलेस भी कहते हैं, उसका मुख्‍य मॉड्यूल अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका काम इस...

अंतरिक्ष स्टेशन में 6 माह बिताकर बनाया रिकॉर्ड, वापस पृथ्वी लौटे चीनी एस्ट्रोनॉट

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चीन के नए अंतरिक्ष स्टेशन पर 6 माह बिताने के बाद शनिवार को 3 चीनी एस्ट्रोनॉट्स सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर वापस लौट आए हैं। अंतरिक्ष में चीन की सबसे लंबी सिंगल उड़ान ने पहले वाले रिकॉर्ड को पार कर दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी Xinhua की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्रोनॉट Zhai Zhigang, Wang Yaping और Ye Guangfu को लेकर आ रहे Shenzhou-13 कैप्सूल ने स्थानीय समय के हिसाब से सुबह 9:56 बजे उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के गोबी डेजर्ट में डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। पीटीआई के मुताबिक, ग्लोबल टाइम्स न्यूजपेपर ने बताया कि मेडिकल टीम ने Shenzhou-13 स्पेस फ्लाइट मिशन की पूरी सफलता को बताते हुए कंफर्म किया कि सभी क्रू मेंबर्स का स्वास्थ्य ठीक है। एस्ट्रोनॉट्स ने Tiangong स्पेस स्टेशन पर 6 माह बिताए और Shenzhou-12 द्वारा तय किए गए 92 दिनों के चीन के सबसे लंबे सिंगल स्पेस फ्लाइट मिशन के पुराने रिकॉर्ड से दोगुना किया। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के अलावा मिशन ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं और देश के इंसान वाले अंतरिक्ष इतिहास में पहला स्थान हासिल किया है। Shenzhou स्पेसक...

गाओफेन-3 03 : चीन ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लांच किया

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First Published: April 11, 2022 | Last Updated:April 11, 2022 चीन ने 7 अप्रैल, 2022 को एक नया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लॉन्च किया है।  यह उपग्रह देश के भूमि-समुद्र रडार उपग्रह समूह का हिस्सा बन जाएगा।  यह चीन को अपने समुद्री हितों की रक्षा करने में मदद करने के लिए छवियों को कैप्चर करेगा। मुख्य बिंदु  इस सैटेलाइट को गाओफेन-3 03 नाम दिया गया है। इस उपग्रह को नियोजित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इस नए लॉन्च किए गए उपग्रह को पहले से ही परिक्रमा कर रहे Gaofen-3 और Gaofen-3 02 उपग्रहों के साथ जोड़ा जाएगा। ये 3 उपग्रह एक भूमि-समुद्र रडार उपग्रह तारामंडल का निर्माण करेंगे और स्थिर, विश्वसनीय, सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) छवियों को कैप्चर करेंगे। SAR छवियाँ अर्थ ऑब्जर्वेशन (EO) उपग्रहों द्वारा प्रतिदिन बहुत सी SAR छवियां कैप्चर की जाती हैं। SAR छवियों में सभी मौसमों के संचालन के दौरान छवियों को संसाधित करने की क्षमता होती है। इन छवियों में 1 मीटर का रिज़ॉल्यूशन है, जिससे चीन की निगरानी क्षमताओं में सुधार होगा। उपग्रह का उपयोग उपग्रह द्वारा कैप्...

सर्बिया: अलेक्जेंडर वुसिच (Aleksandar Vučić) फिर से राष्ट्रपति चुने गए

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First Published: April 7, 2022 | Last Updated:April 7, 2022 अलेक्जेंडर वुसिच को सर्बिया के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुना गया है।  मुख्य बिंदु  पोलस्टर्स ने भविष्यवाणी की है कि वुसिच की सर्बियन प्रोग्रेसिव पार्टी (SNS) 43% के साथ अधिकांश वोट जीतेगी और उनके बाद United for Victory of Serbia विपक्ष होगा। तीसरे स्थान पर सर्बिया की सोशलिस्ट पार्टी रही। अलेक्जेंडर वुसिच (Aleksandar Vučić) अलेक्जेंडर वुसिच 2017 से सर्बिया के राष्ट्रपति के रूप में सेवा कर रहे हैं, और 2012 से वह सर्बियन प्रोग्रेसिव पार्टी (SNS) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 2014 से 2016 और 2016 से 2017 तक दो कार्यकालों के लिए राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया है। 2017 में, उन्हें पहली बार देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और टॉमिस्लाव निकोलिक का स्थान लिया गया। सर्बिया ( Serbia) सर्बिया एक लैंडलॉक्ड देश है जो दक्षिण पूर्व यूरोप में स्थित है। सर्बिया हंगरी, रोमानिया, बुल्गारिया, उत्तरी मैसेडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना और मोंटेनेग्रो के साथ सीमा साझा करता है।...

सोलोमन द्वीप के साथ सुरक्षा समझौता करने जा रहा है चीन

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First Published: March 26, 2022 | Last Updated:March 26, 2022 लीक हुए कागजातों से सोलोमन द्वीप समूह के साथ चीन के सुरक्षा समझौते का मसौदा तैयार होने का खुलासा हुआ है।  इस कदम ने अपने अन्य पश्चिमी सहयोगियों के साथ पड़ोसी देश ऑस्ट्रेलिया में चौकन्ना कर दिया है। मुख्य बिंदु  इस सौदे के बारे में लीक हुए कागजात में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में स्थित द्वीप पर एक सैन्य अड्डा स्थापित किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया इस छोटे से द्वीप का सबसे बड़ा सहायता दाता और मुख्य रक्षा साझेदार है और उसने इस बारे में चिंता जताई है। न्यूजीलैंड ने भी पर चिंता जताई है। सोलोमन द्वीप समूह ने अभी तक उन विवरणों की पुष्टि नहीं की है जो लीक हुए मसौदे समझौते में हाइलाइट किए गए थे। सोलोमन द्वीप समूह ने हालांकि एक बयान जारी कर कहा है कि वह चीन सहित अन्य देशों के साथ सुरक्षा व्यवस्था का विस्तार कर रहा है। चीनी सेना की तैनाती लीक हुए कागजात ने एक फ्रेमवर्क का खुलासा किया है जो चीन को सोलोमन द्वीप पर चीन द्वारा विकसित की जाने वाली परियोजनाओं की सुरक्...

वैज्ञानिकों से हो गई ‘गलती’, चंद्रमा से SpaceX का रॉकेट नहीं, चीन का बनाया रॉकेट टकराएगा

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गलतियां सभी से होती हैं। वैज्ञानिकों से भी। एस्‍ट्रोनॉमी विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले महीने उन्‍होंने एक रहस्‍य को समझने में गलती की। यह गलती उस रॉकेट को लेकर हुई है, जो अगले महीने 4 मार्च को चंद्रमा की सतह से टकराएगा। पहले कहा गया था कि चंद्रमा में दुर्घटनाग्रस्त होने वाला रॉकेट SpaceX द्वारा बनाया गया था। अब पता चला है कि यह रॉकेट चीन ने बनाया है। यह रॉकेट 4 मार्च को चंद्रमा की सतह से टकराएगा। पहले कहा गया था कि वह SpaceX का फाल्‍कन-रॉकेट है। यह दावा एस्‍ट्रोनॉमर बिल ग्रे ने किया था। अब उन्‍होंने ही बताया है कि यह रॉकेट SpaceX का नहीं है। इसे चीन द्वारा बनाया गया था।  रॉकेट का नाम 2014-065B है, जो साल 2014 में लॉन्‍च किए गए चीनी मून मिशन ‘Chang'e 5-T1' का एक बूस्‍टर था। इस बारे में एस्‍ट्रोनॉमर जोनाथन मैकडॉवेल ने भी ट्वीट किया है। स्‍पेस में फैले कचरे को रेगुलेट करने की मांग के साथ वह अपना पक्ष रखते रहे हैं। जोनाथन ने कहा है कि अंतरिक्ष में चीजों की बेहतर ट्रैकिंग की कमी की वजह से यह समस्या है। खगोलविदों का कहना है कि उन्‍हें ऑर्बिट में कुछ अजीब चीजों पर ध्‍यान देना चा...

फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर (Frank-Walter Steinmeier) फिर से जर्मनी के राष्ट्रपति चुने गये

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First Published: February 14, 2022 | Last Updated:February 14, 2022 13 फरवरी, 2022 को एक विशेष संसदीय सभा ने जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर को पांच साल के दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना। मुख्य बिंदु  अधिकांश मुख्यधारा के राजनीतिक दलों द्वारा, चुनावों से पहले, राष्ट्रपति पद के लिए स्टीनमीयर का समर्थन किया गया था। संसद के निचले सदन के सदस्यों और जर्मनी के 16 राज्यों के प्रतिनिधियों की एक विशेष सभा द्वारा उन्हें बड़े बहुमत से चुना गया। वह 2017 में राष्ट्रपति बने। इससे पहले, उन्होंने चांसलर एंजेला मर्केल के विदेश मंत्री और चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में दो कार्यकाल तक कार्य किया था। जर्मनी के राष्ट्रपति जर्मनी के राष्ट्रपति के पास कार्यकारी शक्ति बहुत कम है। हालांकि, इसे एक महत्वपूर्ण नैतिक अधिकार माना जाता है। वह देश का मुखिया होता है। राष्ट्रपति के औपचारिक दायित्व हैं, लेकिन राजनीतिक रूप से कार्य करने का अधिकार और कर्तव्य भी है। वे सामान्य सामाजिक और राजनीतिक बहस को दिशा प्रदान कर सकते हैं। राष्ट्रपति के पास महासंघ की ...