चीन में 630 फीट गहरे सिंकहोल के नीचे मिला विशाल जंगल

सिंकहोल का निर्माण एसिडिक वर्षा जल की वजह से होता है। इसकी वजह से मिट्टी अपनी जगह से हटने लगती है और वहां छेद होने लग जाता है। ये छेद काफी बड़े हो जाते हैं, तो आसपास की मिट्टी और पत्थरों को ढहा देते हैं, जिससे एक सिंकहोल बन जाता है।
livescience की रिपोर्ट के अनुसार, सिंकहोल के अंदर तीन प्रवेश द्वारा मिले। ये 1,004 फीट लंबे और 492 फीट चौड़े हैं। इसके बाद वैज्ञानिकों की एक टीम सिंकहोल में दाखिल हुई, जहां उन्होंने 131 फीट ऊंचे यानी करीब 40 मीटर ऊंचाई वाले पुराने पेड़ दिखाई दिए, जो सूर्य की रोशनी खींचने के लिए अपनी शाखाओं को इस्तेमाल कर रहे थे। गौरतलब है कि चीन के दक्षिणी इलाकों में गुफाएं, सिंकहोल्स काफी पाए जाते हैं। कई सिंकहोल तो काफी छोटे भी होते हैं, महज एक मीटर साइज के। ऐसा ही कुछ गुफा के एंट्रेस में भी होता है, लेकिन अंदर जाने पर बहुत कुछ सामने आता है। दुनिया के बाकी इलाकों में भी ये देखने को मिलते हैं, लेकिन वहां कुछ बहुत खास नहीं पाया जाता।
वैज्ञानिकों की टीम को लीड कर रहे चेन लिक्सिन ने कहा है कि इन गुफाओं में ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिन्हें अभी तक साइंस ने भी रिपोर्ट नहीं किया है। वैज्ञानिक इस खोज को खंगाल रहे हैं, ताकि नई जानकारियां सामने लाई जा सकें।
वैज्ञानिकों का मानना है कि सिंकहोल और गुफाओं ने पूर्व में जीवन के लिए शरण देने का काम भी किया है और ये पानी का बेहतर सोर्स होते हैं, जो अरबों की आबादी की प्यास बुझा रहे हैं। अकेले अमेरिका में पीने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लगभग 40 फीसदी ग्राउंड वॉटर का सोर्स सिंकहोल और गुफाएं हैं। हालांकि इंसानी दखल बढ़ने से यहां भी प्रदूषण बढ़ सकता है।
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