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3 खरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित गैलेक्सी से वैज्ञानिकों को मिल रहे हैं अजब सिग्नल!

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3 खरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक गैलेक्सी से निकलते फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) ने खगोल वैज्ञानिकों को चकरा दिया है। ये रेडियो वेव्ज़ के बर्स्ट होते हैं जो मिलिसेकंड जितने लम्बे होते हैं। ये रेडियो बर्स्ट पैदा होते हैं लेकिन दोहराते नहीं हैं। हालांकि, लेटेस्ट ऑब्जर्वेशन में रेडियो बर्स्ट को दोहराते हुए पाया गया है। खगोल वैज्ञानिकों ने FRB 190520 नाम की एक वस्तु का 20 मई 2019 में पता लगाया था।  इसकी लोकेशन का पता चीन में फाइव हंडरेड मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलीस्कोप (FAST) के द्वारा लगाया गया था। उसके बाद यह रेडियो बर्स्ट नवंबर में टेलीस्कोप डेटा में सामने आया। FRB 190520 के बारे में आगे स्टडी करने पर वैज्ञानिकों ने पाया कि यह तेजी से रिपीट होने वाला रेडियो वेव्ज़ का बर्स्ट है। इस स्टडी को Nature जर्नल में एक नई रिपोर्ट के तहत प्रकाशित किया गया है।  2020 में वैज्ञानिकों की टीम ने National Science Foundation के Karl G. Jansky Very Large Array (VLA) और दूसरे टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया और इसे लोकेट किया। लोकेट करने के बाद हवाई के Subaru Telescope ने इसकी और ज्यादा साफ तस्वीर पेश की। स...

चीन में 630 फीट गहरे सिंकहोल के नीचे मिला विशाल जंगल

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ये दुनिया अनग‍िनत रहस्‍यों से भरी है, जहां हर रोज कुछ ना कुछ खोज के रूप में हमें हैरान करता है। अब चीन में वैज्ञानिकों की टीम ने विशाल सिंकहोल की खोज की है, जिसके नीचे जंगल है। रिपोर्टों के अनुसार, यह सिंकहोल 630 फीट (192 मीटर) गहरा है। वैज्ञानिकों की एक टीम इस सिंकहोल के अंदर दाखिल हुई और वहां का नजारा देखकर हैरान रह गई। उन्‍हें खाई में तीन एंट्री पॉइंट मिले। इसके साथ ही करीब 40 मीटर ऊंचे पेड़ दिखे। सूर्य की रोशनी हासिल करने के लिए ये पेड़ अपनी लंबी शाखाओं की मदद लेते हैं। चीन के गुआंग्शी ज़ुआंग ऑटोनॉमस रीजन की लेये काउंटी में इन पेड़ों और जंगल की खोज की गई है। माना जा रहा है कि इनमें ऐसी प्रजातियां भी हो सकती हैं, जिन्हें अभी तक खोजा नहीं गया है। सिंकहोल का निर्माण एसिडिक वर्षा जल की वजह से होता है। इसकी वजह से मिट्टी अपनी जगह से हटने लगती है और वहां छेद होने लग जाता है। ये छेद काफी बड़े हो जाते हैं, तो आसपास की मिट्टी और पत्‍थरों को ढहा देते हैं, जिससे एक सिंकहोल बन जाता है। livescience की रिपोर्ट के अनुसार, सिंकहोल के अंदर तीन प्रवेश द्वारा मिले। ये 1,004 फीट लंबे और 492 फीट चौ...

AAHAR-2022: अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य मेला

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First Published: April 28, 2022 | Last Updated:April 28, 2022 AAHAR-2022 नामक एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य मेला (international food and hospitality fair) नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के सहयोग से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मुख्य बिंदु यह मेला 26 अप्रैल 2022 को शुरू हुआ। यह मेला 30 अप्रैल 2022 तक चलेगा। यह इस मेले का 36 वां संस्करण है। यह मेला आगंतुकों के साथ-साथ प्रतिभागियों को एक बेजोड़ अवसर प्रदान करेगा जो उन्हें नई व्यावसायिक लीड उत्पन्न करने में मदद करेगा। यह मेला देश के गतिशील बढ़ते बाजार को कुशल और प्रभावी तरीके से विपणन करने में भी मदद करेगा। उपलब्ध उत्पाद इस आयोजन में देश के कृषि उत्पादों के विभिन्न क्षेत्रों के 80 से अधिक निर्यातक भाग लेंगे। इन क्षेत्रों में जैविक, प्रसंस्कृत खाद्य और जमे हुए खाद्य उत्पादों के साथ-साथ भौगोलिक संकेत उत्पाद शामिल हैं। प्रतिभागी देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ-साथ लद्दाख, जम्मू और कश्मीर...

गुजरात में ‘माधवपुर मेला’ (Madhavpur Mela) शुरू हुआ

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First Published: April 12, 2022 | Last Updated:April 12, 2022 10 अप्रैल, 2022 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वार्षिक माधवपुर मेले का उद्घाटन किया।   यह पांच दिवसीय सांस्कृतिक मेला है जो पोरबंदर से 60 किलोमीटर दक्षिण में स्थित तटीय गांव माधवपुर में आयोजित किया जाता है। मुख्य बिंदु  यह त्योहार रुक्मिणी के साथ भगवान श्रीकृष्ण के विवाह का जश्न मनाता है। यह विवाह माधवपुर में हुआ था। कहा जाता है कि रुक्मिणी वर्तमान अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली थीं। राम नवमी पर माधवपुर मेला शुरू होता है। राम नवमी वह दिन है जो भगवान श्रीराम के जन्म का प्रतीक है। 15वीं  शताब्दी का एक माधवराई मंदिर इस मेले के स्थल को चिन्हित करता है। इस आयोजन के दौरान हर साल एक सांस्कृतिक मेला भी आयोजित किया जाता है। एक रथ को रंगीन ढंग से सजाया जाता है और यह भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को गाँव के चारों ओर ले जाता है। उत्सव आमतौर पर पांच दिनों की अवधि के लिए आयोजित किया जाता है। संस्कृति मंत्रालय के साथ सहयोग 2018 के बाद से गुजरात सरकार ने मेले में सांस्कृतिक शाम और सार्वजनिक बैठकों जैसे विभ...

आज से शुरू हो रहा है 35वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला (Surajkund International Crafts Mela)

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First Published: March 19, 2022 | Last Updated:March 19, 2022 आज 19, मार्च, 2022 से 35वां सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला फरीदाबाद में शुरू हो रहा है। यह मेला चार अप्रैल तक चलेगा। इस मेले का उद्घाटन हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। मुख्य बिंदु कोविड-19 के कारण दो साल के अंतराल के बाद इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला देश के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करेगा। इस वर्ष, इस मेले में जम्मू और कश्मीर थीम स्टेट है। यह विभिन्न कला रूपों और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करेगा। इस मेल में वैष्णो देवी मंदिर की प्रतिकृतियां, अमर नाथ मंदिर, कश्मीर से वास्तुकला इस साल मुख्य आकर्षण होंगे। इस आयोजन में 20 से अधिक देश भाग ले रहे हैं और इस बार भाग पार्टनर देश उज्बेकिस्तान है। यह मेला दोपहर 12:30 बजे से रात 9:30 बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला (Surajkund International Crafts Mela) सूरजकुंड मेले का आयोजन...

शनि ग्रह के छोटे से चंद्रमा के नीचे हो सकता है महासागर, मिले सबूत

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बृहस्पति के बाद हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि (Saturn) है। इसने हमेशा वैज्ञानिकों और शौकिया खगोलविदों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। शनि के चारों ओर लगे छल्लों को देखकर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। लेकिन इसकी एक और विशेषता है इस ग्रह के 60 से ज्‍यादा चंद्रमा। इन चंद्रमाओं में से एक ने हाल में वैज्ञानिकों की जिज्ञासा को जगाया है। एक नई रिसर्च के अनुसार, इस ग्रह की परिक्रमा करने वाले एक छोटे से चंद्रमा मीमास (Mimas) की जमी हुई सतह के नीचे एक महासागर छिपा हो सकता है। मीमास में घुमावदार घूर्णन होता है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह इसके अंदर मौजूद महासागर की वजह से है। हालांकि महासागरों वाले बाकी चंद्रमाओं से उलट मीमास की सतह पर ऐसा कोई निशान नहीं है, जो इसके नीचे महासागर का संकेत देता है। यह रिसर्च इकारस जर्नल में प्रकाशित हुई है। रिसर्चर एलिसा रोडेन और उनके सहयोगी मैथ्यू वॉकर ने महसूस किया कि यह चंद्रमा अपनी सतह के 14 से 20 मील बर्फ के नीचे पानी को रख सकता है। बर्फीले उपग्रहों की जियोफ‍िजिक्‍स के स्‍पेशलिस्‍ट और नासा के नेटवर्क फॉर ओशन वर्ल्ड्स रिसर्च कोऑर्डिनेशन नेटवर्...

गंगासागर मेला (Gangasagar Mela) शुरू हुआ

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First Published: January 11, 2022 | Last Updated:January 11, 2022 गंगासागर मेला 10 जनवरी, 2022 को शुरू हुआ था जो पश्चिम बंगाल के गंगासागर द्वीप पर होता है।  यह 16 जनवरी 2022 तक चलेगा। मुख्य बिंदु  गंगासागर मेले का आयोजन हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर किया जाता है। इस मेले का आयोजन कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृति देने के बाद किया जा रहा है। मकर संक्रांति के अवसर पर, हजारों तीर्थयात्री, द्रष्टा और पर्यटक इस आयोजन को चिह्नित करने के लिए गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं। वे कपिल मुनि मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। कोर्ट की चिंता कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तीर्थयात्रियों के संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बाद नदी के पानी के माध्यम से मौखिक और नाक की बूंदों के कारण फैलने वाले वायरस के बारे में चिंता व्यक्त की। हालांकि, सरकार ने अदालत में सूचित किया कि सागर द्वीप के निवासियों ने कोविड -19 वैक्सीन के दोनों डोज़ ले लिए हैं और परीक्षण-सकारात्मकता दर नियंत्रण में थी।  हाई कोर्ट के निर्देश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को राज्य विध...

38 साल पुराने सैटेलाइट डेटा से मिला 9वें ग्रह की मौजूदगी का सुराग

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पढ़कर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन करीब चार दशक पहले का डेटा हमारे सौर मंडल यानी सोलर सिस्‍टम में नौंवे प्‍लैनेट (ग्रह) की मौजूदगी के बारे में बता सकता है। प्‍लैनेट नाइन, पिछले कुछ समय से वैज्ञानिकों के बीच चर्चा में है, लेकिन अभी तक किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। अब लंदन में इंपीरियल कॉलेज के एस्‍ट्रोफ‍िजिक्‍स के प्रोफेसर माइकल रोवन-रॉबिन्सन ने 38 साल पुराने डेटा के आधार पर यह दावा है कि उन्होंने प्‍लैनेट नाइन को ढूंढ लिया है। यह डेटा 1983 के इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमिकल सैटेलाइट (IRAS) की रीडिंग से लिया गया है, जिसका हिस्‍सा रॉबिन्सन भी थे। उनके दावे का यह मतलब नहीं है कि ग्रह का पता लगा लिया गया है, लेकिन यह आसमान में उस एरिया को फोकस करता है, जहां नौंवा ग्रह मिल सकता है।  प्लैनेट नाइन के बारे में पहली बार जनवरी 2015 में चर्चा हुई थी। कैलिफोर्निया इंस्टि‍ट्यूट फॉर टेक्‍नॉलजी (कैलटेक) के दो एस्‍ट्रोनॉमर्स ने अनुमान लगाया था कि नेपच्यून के आकार का एक ग्रह प्लूटो से बहुत दूर एक लंबा रास्‍ता तय करके सूर्य की परिक्रमा करता है। कैलटेक के एस्‍ट्रोनॉमर्स की फाइंडिंग्‍स का आधार, मॉ...