नासा की डराने वाली खबर! खो जाएगा धरती का इकलौता चांद, न होगी चांदनी, न दिखेगा सूर्य ग्रहण ...

हाल ही में नासा के पर्सवेरेंस रोवर ने मंगल के चंद्रमा फोबोस की शानदार तस्वीरे ली हैं। नासा ने इन्हें शेयर करने के साथ-साथ एक और तथ्य से पर्दा उठाया है। मंगल के दो चंद्रमा हैं- फोबोस और डीमोस। इसका फोबोस मून धीरे-धीरे लाल ग्रह की सतह के करीब आ रहा है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में इसकी मंगल के करीब आने की चाल के बारे में भी बताया है। जिसके मुताबिक, फोबोस हर 100 साल में 6 फीट यानि 1.8 मीटर से मंगल के करीब सरकता जा रहा है। इस हिसाब से 5 करोड़ साल बाद यह मंगल की सतह से टकरा कर चूर चूर हो जाएगा। इसके उलट इसका दूसरा चांद डीमोस इससे दूर चला जाएगा।
इससे भी अधिक चौंकाने वाली एक और भविष्यवाणी नासा ने ये की है कि धरती का चांद इससे दूर सरकता जा रहा है। यानि कि जिस चांद की ठंडी चांदनी का आनंद हम वर्तमान में ले रहे हैं, एक दिन यह चांद धरती से गायब हो जाने वाला है। नासा ने कहा है कि नीले ग्रह का एकलौता चांद हर साल इससे दूर होता जा रहा है। इसके सरकने की गति भी नासा ने बताई है। चंद्रमा पृथ्वी से 3.78 सेंटीमीटर (1.5 इंच) की दूरी से हर साल दूर होता जा रहा है। चंद्रमा अगर धरती से हमेशा के लिए दूर हो गया तो इसके कई बुरे परिणाम होंगे।
सबसे पहले तो, रात में चांद की जो सफेद चांदनी ठंडक बिखेरती है, वह धरती को मिलनी बंद हो जाएगी। यानि कि चंद्रमा के खो जाने के बाद धरती पर रातें घोर अंधेरी हो जाएंगी। दूसरा परिणाम ये होगा कि धरती पर सूर्य ग्रहणों की संख्या कम हो जाएगी और एक दिन ऐसा आएगा जब धरती से कभी सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। नासा ने भविष्यवाणी की है कि 60 करोड़ साल बाद धरती अपना आखिरी सूर्य ग्रहण देखेगी।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
Comments
Post a Comment